बेलूर (कर्नाटक) : कुछ हिंदू संगठनों के विरोध के बावजूद बेलूर में ऐतिहासिक चेन्नाकेशव मंदिर ने कुरान के अंश पढ़ने (Karnataka temple Quran recitation) के बाद रथोत्सव (रथ उत्सव) को शुरू करने की अपनी सदियों पुरानी परंपरा को जारी रखा. राज्य के धर्मस्व विभाग ने बुधवार को मंदिर प्रशासन को इसकी अनुमति दे दी. वार्षिक उत्सव बुधवार को जिला पुलिस की कड़ी निगरानी में शुरू हुआ. दो दिवसीय उत्सव को देखने के लिए राज्य भर से सैकड़ों लोग चेन्नाकेशव मंदिर पहुंचे. राज्य के धर्मस्व विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि कुरान के अंश पढ़ना एक परंपरा है, लेकिन इस साल, एक भ्रम था क्योंकि मंदिर के अधिकारियों ने शुरू में मुस्लिम व्यापारियों को स्टॉल लगाने से रोकने के लिए एक नोटिस जारी किया था.
हालांकि, धर्मस्व विभाग ने विभिन्न पुजारियों का सुझाव लिया और परंपरा के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया. परंपरा के अनुसार, चेन्नाकेशव मंदिर में उत्सव की शुरुआत में एक मौलवी कुरान के अंश पढ़ता (Chennakeshava temple Quran recitation) है. हाल ही में, जैसा कि कर्नाटक में सांप्रदायिक तनाव का खतरा मंडरा रहा था, दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन और मंदिर के अधिकारियों से मुस्लिम व्यापारियों को त्योहार के दौरान स्टॉल लगाने से रोकने के लिए आग्रह किया था. हालांकि, राज्य के धर्मस्व विभाग ने मंदिर प्रशासन को किसी भी गैर-हिंदू व्यापारियों को प्रतिबंधित नहीं करने का निर्देश दिया था. विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार गैर-हिंदू व्यापारियों को स्टाल लगाने और समारोह में भाग लेने की अनुमति दी थी.
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उसके बाद लगभग 15 मुस्लिम व्यापारियों ने अपनी दुकानें लगाई भी थी. मौलवी सैयद सज्जाद बाशा ने रथ खींचने से पहले बुधवार को रथोत्सव के पहले दिन कुरान की आयतों का पाठ किया. हासन जिले के डोड्डामेदुर गांव के मौलवी बाशा ने कहा कि रथ उत्सव शुरू करने से पहले कुरान के छंदों का पाठ पीढ़ियों से एक परंपरा रही है. मेरे पूर्वजों भी ये करते थे. इस साल भी मैंने कुरान की आयतें पढ़ीं. मौलवी बाशा ने कहा कि भगवान के आशीर्वाद से हिंदू और मुसलमान दोनों को एक साथ रहना चाहिए.
इससे पहले, बेलूर श्री चेन्नाकेशव स्वामी मंदिर के कार्यकारी अधिकारी विद्युतुलता ने गैर-हिंदू व्यापारियों को मंदिर के पास व्यापार न करने के लिए एक नोटिस जारी किया था. विद्युलता ने मीडिया से बात करने हुए कहा कि कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मस्व (HCRE) अधिनियम के अनुसार, गैर-हिंदू व्यापारियों को एक नोटिस जारी किया गया था. उसके बाद धर्मस्व विभाग के निर्देशों के अनुसार, गैर-हिंदू व्यापारियों को त्योहार के दौरान व्यापार करने की अनुमति दी गई थी. पिछले 40 वर्षों से चन्नाकेशव मंदिर के पास व्यापार करने वाले एक गैर-हिंदू व्यापारी राहिल ने कहा कि मुझे खुशी है कि प्रशासन ने हमें व्यापार करने की अनुमति दी. हमारा परिवार पिछले 40 सालों से मंदिर के पास के व्यावसायिक परिसर में कारोबार कर रहा है. हमारा परिवार इसी पर निर्भर है.