मैसूर: कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के अभियान को गति देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मैसूर में एक मेगा रोड शो किया. रोडशो के दौरान किसी व्यक्ति ने पीएम मोदी विशेष वाहन पर मोबाइल फेंक दिया. इस मामले में पुलिस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर एक मोबाइल फोन फेंका गया, जो 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के प्रचार के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए वाहन पर रोड शो कर रहे थे.
पुलिस के अनुसार, भाजपा की एक महिला कार्यकर्ता ने उत्तेजना में फोन फेंका, जिसकी कोई दुर्भावना नहीं था. फोन के वाहन पर फेंके जाने के बाद उसके बोनट पर गिरना प्रधानमंत्री की नजर में नहीं आया और उन्होंने अपने साथ चल रहे विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) के अधिकारियों को वस्तु के बारे में संकेत दिया. प्रधानमंत्री का स्वागत करने के लिए सड़क के दोनों ओर बड़ी संख्या में लोग और भाजपा समर्थक जमा थे.
पीएम मोदी एक विशेष रूप से डिजाइन किए गए वाहन पर थे और उन्होंने हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन किया. रास्ते में लोगों ने फूल बरसाए और समर्थन के तौर पर भाजपा के झंडे लहराए. रोड शो के दौरान प्रधानमंत्री के साथ पूर्व बीजेपी नेता केएस ईश्वरप्पा भी मौजूद रहे. विशेष रूप से, उन्होंने पार्टी द्वारा अपने उम्मीदवारों की सूची की घोषणा करने से ठीक पहले चुनावी राजनीति से सेवानिवृत्ति की घोषणा की थी.
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#WATCH | Security breach seen during Prime Minister Narendra Modi’s roadshow, a mobile phone was thrown on PM’s vehicle. More details awaited. pic.twitter.com/rnoPXeQZgB
— ANI (@ANI) April 30, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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यहां उन्होंने कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) पार्टियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए उन्हें अस्थिरता का प्रतीक करार दिया और कहा कि कर्नाटक के लोगों ने राज्य में अस्थिर गठबंधन सरकारों के शासन को समाप्त करने का फैसला किया है. इससे पहले पीएम मोदी ने चिन्नापटना में एक रैली को संबोधित किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) के प्रति लोगों को आगाह करते हुए आरोप लगाया कि दोनों परिवारवादी दल कर्नाटक में राजनीतिक अस्थिरता के लिए जिम्मेदार हैं और वे भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हैं.
मोदी ने यह भी आरोप लगाया कि दोनों दलों ने कर्नाटक को एटीएम समझा और अस्थिरता में अवसर देखा. उन्होंने जद(एस) के गढ़ रामनगर जिला स्थित चन्नापटना में एक चुनावी रैली में कहा कि कांग्रेस और जद(एस) अस्थिरता के लिए जिम्मेदार हैं. वे दिखावे के लिए दो दल हैं, लेकिन दिल से एक हैं. वे दिल्ली में साथ-साथ रहते हैं। संसद में एक-दूसरे का साथ देते हैं. चन्नापटना सीट से 2018 के विधानसभा चुनाव में जद(एस) नेता एच डी कुमारस्वामी ने जीत दर्ज की थी.
उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवर सी पी योगेश्वर को हराया था और फिर से इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस और जद(एस) के खिलाफ अपना हमला जारी रखते हुए मोदी ने कहा कि दोनों परिवारवादी दल हैं और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हैं. दोनों दल अस्थिरता में अवसर देखते हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि लंबे समय से कर्नाटक ने अस्थिर सरकार का नाटक देखा है. अस्थिर सरकारें लूट-खसोट का अवसर उपलब्ध कराती हैं.
उन्होंने कहा कि लूट-खसोट के लिए हमेशा लड़ाई होती है और अस्थिर सरकार में लक्ष्य विकास नहीं होता. उन्होंने जद(एस) पर प्रहार करते हुए कहा कि पार्टी ने खुलकर यह घोषणा की है कि 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए हो रहे चुनाव में यदि उसे 15-20 सीट मिल जाए तो वह किंगमेकर हो जाएगी. मोदी ने कहा कि यह स्वार्थी रवैया एक परिवार को फायदा पहुंचा सकता है, लेकिन यह कर्नाटक के लाखों लोगों को नुकसान पहुंचाएगा.
उन्होंने आरोप लगाया कि जद(एस) को दिया गया प्रत्येक वोट सीधे कांग्रेस को जाएगा और इससे कर्नाटक में अस्थिरता आएगी. उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस और जद(एस) सत्ता में आएगी, कुछ परिवारों को फायदा होगा, लेकिन भाजपा के लिए भारत और कर्नाटक का प्रत्येक परिवार पार्टी का अपना परिवार है. मोदी ने दावा किया कि जब भाजपा की डबल इंजन सरकार सत्ता में आई, तब रामनगर में तीन लाख लोगों के बैंक खाते खोले गये.
यहां 2.5 लाख परिवारों का बीमा किया गया, 50,000 लोग अटल पेंशन योजना के पात्र बने और 7,000 पक्के मकानों को मंजूरी दी गई. मोदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस विश्वासघात की पर्याय है. इसने किसानों को धोखा दिया. कांग्रेस अपनी ऊर्जा एक ऐसी प्रणाली बनाने में लगाती है, जो किसानों को कर्ज के बोझ तले दबा देगा और फिर वह रिण माफी किया करती है. प्रधानमंत्री ने दावा किया कि 2008 में कांग्रेस ने एक फर्जी कर्ज माफी की घोषणा की.
उन्होंने कहा कि यह कर्ज माफी केवल उन लोगों के लिए थी, जो कांग्रेस से संबद्ध थे. मोदी ने सवाल किया कि जब करोड़ों सीमांत किसानों के पास बैंक खाते नहीं थे और जिनके लिए बैंकों के दरवाजे नहीं खुले थे, तब कर्ज माफी की घोषणा किये जाने के बाद इन सीमांत किसानों को कैसे फायदा हुआ था. उन्होंने दावा किया कि किसानों को खुले बाजार में साहूकारों से पैसे लेने के लिए मजबूर होना पड़ा. कर्ज माफी का फायदा किसानों तक नहीं पहुंचा, बल्कि उनके (कांग्रेस से जुड़े लोगों के) भाइयों और रिश्तेदारों तक पहुंचा.
उन्होंने कहा कि पैसा भ्रष्ट लोगों को मिला. सच्चाई यह है कि 10 प्रतिशत किसानों की कर्ज माफी नहीं हुई. मोदी ने कहा कि कांग्रेस के नेता झूठी गारंटी योजनाओं के साथ घूम रहे हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि उनके वादे झूठ का पुलिंदा हैं. कर्नाटक में बीते दो दिनों में यह मोदी की पांचवीं जनसभा थी. राज्य में 10 मई को मतदान है और मतगणना 13 मई को होगी.
(पीटीआई-भाषा)