नई दिल्ली: कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी ने बुधवार को भाजपा के डबल इंजन नारे पर सवाल उठाते हुए कहा कि कर्नाटक अपने दम पर और वित्त आयोग के कर-साझाकरण फॉर्मूले के अनुसार 94 प्रतिशत राजस्व अर्जित करता है, न कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आशीर्वाद के कारण. डबल इंजन का नारा केंद्र और राज्य दोनों में भाजपा की सरकारों को संदर्भित करता है, जो विकास को तेज गति से आगे बढ़ाता है. हाल ही में भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा ने मतदाताओं को चेतावनी दी थी कि अगर वे भगवा पार्टी को वोट नहीं देते हैं, तो उन्हें पीएम मोदी का आशीर्वाद नहीं मिलेगा.
पिछले दिनों प्रधानमंत्री और पार्टी के विभिन्न नेताओं ने 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले 'डबल इंजन' नारे का इस्तेमाल यह दावा करने के लिए किया है कि सत्ताधारी पार्टी ने दक्षिणी राज्य में विकास किया है. बदले में, कांग्रेस का अभियान इस मुख्य आरोप पर आधारित है कि भाजपा ने पिछले 3 वर्षों में राज्य में 40 प्रतिशत कमीशन की सरकार चलाई. दरअसल, अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा सहित कांग्रेस के तमाम स्टार प्रचारक इस ओर इशारा करते रहे हैं कि बोम्मई सरकार का जन्म 2019 में भ्रष्टाचार से हुआ था.
भाजपा का जन्म तब हुआ, जब भाजपा ने कांग्रेस के 17 विधायकों को खरीदकर जेडी-एस-कांग्रेस की गठबंधन सरकार को गिरा दिया थी. मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली जेडी-एस-कांग्रेस सरकार 2018 में सत्ता में आई थी. कर्नाटक ठेकेदार संघ द्वारा सबसे पहले लगाए गए 40 प्रतिशत कमीशन के आरोपों के अलावा, कांग्रेस यह आरोप भी लगा रही है कि भाजपा के विकास के दावे खोखले हैं और बोम्मई सरकार ने वास्तव में नौकरियों और सामाजिक सद्भाव जैसे मुद्दों की उपेक्षा करके राज्य को पीछे धकेल दिया है.
अपने भाषणों के दौरान, प्रियंका ने कहा है कि भाजपा सरकार ने 2.5 लाख रिक्त सरकारी नौकरियों को नहीं भरा और कथित रूप से 1.5 लाख करोड़ रुपये के राज्य के खजाने को लूट लिया, जिसका इस्तेमाल अस्पताल, स्कूल और सड़कों को बनाने के लिए किया जा सकता था. 2021 में, केंद्रीय करों में कर्नाटक की हिस्सेदारी 28,000 करोड़ रुपये थी, लेकिन राज्य को केवल 21,000 करोड़ रुपये मिले, 8,000 करोड़ रुपये कम हो गए. वर्तमान में राज्य का बजट लगभग 3.25 लाख करोड़ रुपये है. केंद्रीय करों में राज्य का योगदान महत्वपूर्ण है.
कांग्रेस ने कहा कि इसके द्वारा वादा किए गए विभिन्न सामाजिक लाभ जैसे प्रति बीपीएल परिवार को 10 किलो मुफ्त चावल, 2000 रुपये महिला भत्ता, 3000 रुपये बेरोजगारी भत्ता और 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली, राज्य के बजट आकार का लगभग 10 प्रतिशत खर्च होगा और इसे आसानी से प्रबंधित किया जा सकता है. खड़गे ने बुधवार को दोहराया कि कांग्रेस अपने प्रगतिशील घोषणापत्र के माध्यम से ब्रांड कर्नाटक के पुनर्निर्माण और 6.5 करोड़ मतदाताओं की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है.
पढ़ें: Karnataka Election 2023 : बोम्मई बोले, कांग्रेस ना सत्ता में आएगी और ना ही बजरंग दल पर बैन लगेगा
कांग्रेस के संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि कौन सा डबल इंजन? कर्नाटक के राजस्व का लगभग 94 प्रतिशत राज्य के अपने राजस्व और केंद्र से करों के अपने हिस्से से आता है, जिसे 'मोदी आशीर्वाद' द्वारा नहीं बल्कि वित्त आयोग के फार्मूले द्वारा निर्धारित किया जाता है. 10 मई का चुनाव कर्नाटक इंजन को आगे बढ़ाने के लिए है, जिसे पिछले 4 वर्षों में भाजपा ने पटरी से उतार दिया था. इसे सामाजिक समरसता के साथ विकास का इंजन बनना है, गर्म हवा पर चलने वाला 40 प्रतिशत कमीशन वाला इंजन नहीं.