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karnataka assembly election 2023 : कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बोम्मई के 12 मंत्री हारे अपनी सीट

कर्नाटक चुनाव 2023 के लिए मतगणना पूरी हो गई है. चुनाव आयोग के अनुसार कांग्रेस 136 सीटों पर विजयी हुई. वहींं, बीजेपी के खाते में 65 आई. जेडीएस को 19 मिली है. इसी तरह अन्य के खाते में 04 सीटें गईं हैं.

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प्रतिकात्मक तस्वीर
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Published : May 13, 2023, 7:07 PM IST

बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को भाजपा के मुकाबले दोगुना से भी ज्यादा सीटें मिली हैं. अब तक ये साफ हो गया है दक्षिण का द्वार कहे जाने वाले इस राज्य में कांग्रेस अपने दम पर सरकार बनाने जा रही है. बीजेपी की बसवराज बोम्मई सरकार के 12 मंत्री चुनाव हार चुके हैं.

गोविंदा करजोला (मुधोल): सिंचाई मंत्री गोविंदा करजोला बागलकोट जिले की मुधोल सीट से चुनाव हार गये हैं. उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवार आरबी थिम्मापुरा थे. उन्हें चुनाव में जीत मिली है. सतीश बंदिवादर भी कांग्रेस से टिकट के दावेदार थे, टिकट न मिलने के बाद वे बागी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं.

आर अशोक (पद्मनाभनगर - कनकपुरा): राजस्व मंत्री आर अशोक दो सीटों पद्मनाभनगर और कनकपुरा से चुनाव लड़ रहे थे. वह पद्मनाभनगर से तो चुनाव जीत गये लेकिन कनकपुरा से डीके शिवकुमार से हार गये. आलाकमान के निर्देशों के अनुसार वह पद्मनाभनगर निर्वाचन क्षेत्र के साथ केपीसीसी अध्यक्ष डीके शिवकुमार को कड़ी टक्कर देने के उद्देश्य से कनकपुरा से चुनाव लड़ रहे थे.

बी. श्रीरामुलु (बेल्लारी ग्रामीण): परिवहन मंत्री बी. श्रीरामुलु बेल्लारी ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़े थे. जनता ने उन्हें अपना आशीर्वाद नहीं दिया. कांग्रेस के बी. नागेंद्र उनके खिलाफ चुनाव जीत गये हैं.

वी. सोमन्ना (चामराजनगर-वरुणा) : आवास मंत्री वी. सोमन्ना चामराजनगर और वरुणा में अपनी किस्मत आजमा रहे थे. वे दोनों विधानसभा सीट से चुनाव हार गये हैं. उन्हें भाजपा ने पूर्व सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ कड़ी टक्कर देने के लिए वरुणा से आलाकमान ने टिकट दिया. सोमन्ना वरुणा में सिद्धारमैया और चामराजनगर में पुत्तरंगा शेट्टी से मुकाबले में थे.

जेसी मधुस्वामी (चिक्कानायकनहल्ली): कानून और संसदीय मामलों के मंत्री जेसी मधुस्वामी तुमकुरु जिले के चिक्कानायकनहल्ली निर्वाचन क्षेत्र में कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना कर थे. वह चुनाव हार गये हैं. कांग्रेस की तरफ से केएस किरणकुमार उनके प्रतिद्वंद्वी थे.

मुरुगेश निरानी (बीलागी) : बागलकोट जिले की बीलागी सीट पर उद्योग मंत्री मुरुगेश निरानी और कांग्रेस के जेटी पाटिल के बीच सीधा मुकाबला था. जिसमें वह हार गये.

सीएन अश्वथ नारायण (मल्लेश्वरम) : बेंगलुरु के मल्लेश्वरम निर्वाचन क्षेत्र में उच्च शिक्षा मंत्री सीएन अश्वथ नारायण और कांग्रेस के अनूप अयंगर के बीच मुकाबला है. जेडीएस से उत्कर्ष अखाड़े चुनाव मैदान में हैं.

बीसी पाटिल (हिरेकेरूर) : हावेरी जिले की हिरेकेरूर विधानसभा सीट से कृषि मंत्री बीसी पाटिल चुनाव हार गये हैं. भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व विधायक यू.बी. बांकर भी मुकाबले में थे. जिन्हें इस सीट से सफलता मिली.

सीसी पाटिल (नारगुंड) : पीडब्ल्यूडी मंत्री सीसी पाटिल गडग जिले की नारगुंड सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि कांग्रेस के बीआर यावगल उनके प्रतिद्वंद्वी हैं. यावगल इससे पहले इसी निर्वाचन क्षेत्र से पांच बार जीत चुके हैं. सीसी पाटिल तीन बार जीत चुके हैं. दोनों के बीच सीधी टक्कर है.

डॉ. के. सुधाकर (चिक्काबल्लापुर) : स्वास्थ्य मंत्री डॉ. के. सुधाकर चिक्काबल्लापुर सीट से चुनाव लड़ रहे थे. उन्हें भी हार मिली है. कांग्रेस की टिकट से चुनाव लड़ रहे 38 साल के प्रदीप ईश्वर ने उन्हें शिकस्त दी है. 2013 और 2018 में कांग्रेस से चुनाव जीतने वाले सुधाकर बाद में भाजपा में शामिल हो गए थे.

एमटीबी नागराज (होसाकोटे) : नगरपालिका प्रशासन मंत्री एमटीबी नागराज भी उन मंत्रियों में शामिल रहे जो अपना चुनाव हार गये हैं. वह होसाकोटे निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे थे. कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले नागराज 2019 का उपचुनाव हार गए थे.

केसी नारायण गौड़ा (केआर पेटे): मंत्री केसी नारायण गौड़ा मांड्या के केआर पीट सीट से चुनाव लड़ रहे थे. जो चुनाव हार गये हैं. जेडीएस से 2013 और 2018 के चुनाव जीतने वाले नारायण गौड़ा भाजपा में शामिल हो गए थे. इस बार कांग्रेस से बीएल देवराज और जेडीएस से एचटी मंजू से उन्हें कड़ी टक्कर मिली.

बीसी नागेश (तिप्टूर) : तुमकुरु जिले के तिप्टूर निर्वाचन क्षेत्र में प्राथमिक शिक्षा मंत्री बीसी नागेश भी चुनाव हार गये हैं. उनका मुकाबला शदाक्षरी से था. 1999 में विधायक के रूप में चुनी गई शादाक्षरी 2008 से नागेश से प्रतिस्पर्धा का सामना कर रही थी. दोनों पिछले तीन चुनावों में एक-एक बार जीते थे.

हलप्पा अचार (यलबुर्गी) : बाल एवं महिला विकास मंत्री हलप्पा अचार को भी कोप्पल जिले के यलबुर्गी निर्वाचन क्षेत्र में हार का सामना करना पड़ा. कांग्रेस से पूर्व मंत्री बसवराज रायरेड्डी उनसे मुकाबले में जीत गये हैं.

शंकर पाटिल मुनेनकोप्पा (नवलगुंड): गन्ना मंत्री शंकर पाटिल मुनेनकोप्पा धारवाड़ जिले की नवलगुंड सीट से चुनाव हार गये हैं. कांग्रेस के पूर्व विधायक एनएच कोना रेड्डी इस बार मुकाबले में थे.

पढ़ें : Karnataka Result : CPI नेता अतुल अंजान बोले- विपक्ष अब भी एक नहीं हुआ तो 'आवारा' विपक्ष कहलाएगा

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बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को भाजपा के मुकाबले दोगुना से भी ज्यादा सीटें मिली हैं. अब तक ये साफ हो गया है दक्षिण का द्वार कहे जाने वाले इस राज्य में कांग्रेस अपने दम पर सरकार बनाने जा रही है. बीजेपी की बसवराज बोम्मई सरकार के 12 मंत्री चुनाव हार चुके हैं.

गोविंदा करजोला (मुधोल): सिंचाई मंत्री गोविंदा करजोला बागलकोट जिले की मुधोल सीट से चुनाव हार गये हैं. उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवार आरबी थिम्मापुरा थे. उन्हें चुनाव में जीत मिली है. सतीश बंदिवादर भी कांग्रेस से टिकट के दावेदार थे, टिकट न मिलने के बाद वे बागी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं.

आर अशोक (पद्मनाभनगर - कनकपुरा): राजस्व मंत्री आर अशोक दो सीटों पद्मनाभनगर और कनकपुरा से चुनाव लड़ रहे थे. वह पद्मनाभनगर से तो चुनाव जीत गये लेकिन कनकपुरा से डीके शिवकुमार से हार गये. आलाकमान के निर्देशों के अनुसार वह पद्मनाभनगर निर्वाचन क्षेत्र के साथ केपीसीसी अध्यक्ष डीके शिवकुमार को कड़ी टक्कर देने के उद्देश्य से कनकपुरा से चुनाव लड़ रहे थे.

बी. श्रीरामुलु (बेल्लारी ग्रामीण): परिवहन मंत्री बी. श्रीरामुलु बेल्लारी ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़े थे. जनता ने उन्हें अपना आशीर्वाद नहीं दिया. कांग्रेस के बी. नागेंद्र उनके खिलाफ चुनाव जीत गये हैं.

वी. सोमन्ना (चामराजनगर-वरुणा) : आवास मंत्री वी. सोमन्ना चामराजनगर और वरुणा में अपनी किस्मत आजमा रहे थे. वे दोनों विधानसभा सीट से चुनाव हार गये हैं. उन्हें भाजपा ने पूर्व सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ कड़ी टक्कर देने के लिए वरुणा से आलाकमान ने टिकट दिया. सोमन्ना वरुणा में सिद्धारमैया और चामराजनगर में पुत्तरंगा शेट्टी से मुकाबले में थे.

जेसी मधुस्वामी (चिक्कानायकनहल्ली): कानून और संसदीय मामलों के मंत्री जेसी मधुस्वामी तुमकुरु जिले के चिक्कानायकनहल्ली निर्वाचन क्षेत्र में कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना कर थे. वह चुनाव हार गये हैं. कांग्रेस की तरफ से केएस किरणकुमार उनके प्रतिद्वंद्वी थे.

मुरुगेश निरानी (बीलागी) : बागलकोट जिले की बीलागी सीट पर उद्योग मंत्री मुरुगेश निरानी और कांग्रेस के जेटी पाटिल के बीच सीधा मुकाबला था. जिसमें वह हार गये.

सीएन अश्वथ नारायण (मल्लेश्वरम) : बेंगलुरु के मल्लेश्वरम निर्वाचन क्षेत्र में उच्च शिक्षा मंत्री सीएन अश्वथ नारायण और कांग्रेस के अनूप अयंगर के बीच मुकाबला है. जेडीएस से उत्कर्ष अखाड़े चुनाव मैदान में हैं.

बीसी पाटिल (हिरेकेरूर) : हावेरी जिले की हिरेकेरूर विधानसभा सीट से कृषि मंत्री बीसी पाटिल चुनाव हार गये हैं. भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व विधायक यू.बी. बांकर भी मुकाबले में थे. जिन्हें इस सीट से सफलता मिली.

सीसी पाटिल (नारगुंड) : पीडब्ल्यूडी मंत्री सीसी पाटिल गडग जिले की नारगुंड सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि कांग्रेस के बीआर यावगल उनके प्रतिद्वंद्वी हैं. यावगल इससे पहले इसी निर्वाचन क्षेत्र से पांच बार जीत चुके हैं. सीसी पाटिल तीन बार जीत चुके हैं. दोनों के बीच सीधी टक्कर है.

डॉ. के. सुधाकर (चिक्काबल्लापुर) : स्वास्थ्य मंत्री डॉ. के. सुधाकर चिक्काबल्लापुर सीट से चुनाव लड़ रहे थे. उन्हें भी हार मिली है. कांग्रेस की टिकट से चुनाव लड़ रहे 38 साल के प्रदीप ईश्वर ने उन्हें शिकस्त दी है. 2013 और 2018 में कांग्रेस से चुनाव जीतने वाले सुधाकर बाद में भाजपा में शामिल हो गए थे.

एमटीबी नागराज (होसाकोटे) : नगरपालिका प्रशासन मंत्री एमटीबी नागराज भी उन मंत्रियों में शामिल रहे जो अपना चुनाव हार गये हैं. वह होसाकोटे निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे थे. कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले नागराज 2019 का उपचुनाव हार गए थे.

केसी नारायण गौड़ा (केआर पेटे): मंत्री केसी नारायण गौड़ा मांड्या के केआर पीट सीट से चुनाव लड़ रहे थे. जो चुनाव हार गये हैं. जेडीएस से 2013 और 2018 के चुनाव जीतने वाले नारायण गौड़ा भाजपा में शामिल हो गए थे. इस बार कांग्रेस से बीएल देवराज और जेडीएस से एचटी मंजू से उन्हें कड़ी टक्कर मिली.

बीसी नागेश (तिप्टूर) : तुमकुरु जिले के तिप्टूर निर्वाचन क्षेत्र में प्राथमिक शिक्षा मंत्री बीसी नागेश भी चुनाव हार गये हैं. उनका मुकाबला शदाक्षरी से था. 1999 में विधायक के रूप में चुनी गई शादाक्षरी 2008 से नागेश से प्रतिस्पर्धा का सामना कर रही थी. दोनों पिछले तीन चुनावों में एक-एक बार जीते थे.

हलप्पा अचार (यलबुर्गी) : बाल एवं महिला विकास मंत्री हलप्पा अचार को भी कोप्पल जिले के यलबुर्गी निर्वाचन क्षेत्र में हार का सामना करना पड़ा. कांग्रेस से पूर्व मंत्री बसवराज रायरेड्डी उनसे मुकाबले में जीत गये हैं.

शंकर पाटिल मुनेनकोप्पा (नवलगुंड): गन्ना मंत्री शंकर पाटिल मुनेनकोप्पा धारवाड़ जिले की नवलगुंड सीट से चुनाव हार गये हैं. कांग्रेस के पूर्व विधायक एनएच कोना रेड्डी इस बार मुकाबले में थे.

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