बेंगलुरु: वीरशैव लिंगायत समुदाय के सत्ता में आने पर उन्हें फिर से मुख्यमंत्री का दिया जाना चाहिए. इस बारे में बीएस येदियुरप्पा के आवास पर हुई लिंगायत नेताओं की बैठक में इस बात पर चर्चा हुई, लेकिन इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया है. इस बारे में मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (CM Basavaraj Bommai) ने कहा कि बैठक की राय से हाईकमान को अवगत कराया जाएगा.
बोम्मई ने कहा कि येदियुरप्पा के नेतृत्व में लिंगायतों की बैठक में वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की गई. बैठक में कांग्रेस द्वारा फैलाए जा रहे दुष्प्रचार को रोकने के बारे में भी विचार-विमर्श हुआ. इस दौरान कुछ ने लिंगायत सीएम के बारे में भी सुझाव दिए. बैठक में धर्मेन्द्र प्रधान भी उपस्थित थे. साथ ही कहा गया कि कांग्रेस का कदम लिंगायत विरोधी है. यही वजह है कि 1967 से लेकर अब तक 50 साल में वे एक लिंगायत को सीएम नहीं बना सके. इस बीच, कांग्रेस ने वीरेंद्र पाटिल को नौ महीने तक सत्ता में रखने के बाद उनके साथ ठीक से व्यवहार नहीं किया.
बोम्मई ने कहा कि पाटिल को एयरपोर्ट पर उतार दिया गया था. राजशेखर मूर्ति के साथ जिस तरह का व्यवहार किया गया वह भी ठीक नहीं था. इतना ही नहीं लिंगायत धर्म को तोड़ने कांग्रेस के द्वारा की गई. उनके द्वारा वोट बैंक के लिए धर्म तोड़ने की कोशिश की गई. लोग यह सब भूले नहीं हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने दलितों, पिछड़ों और लिंगायतों को धोखा दिया है. सीएम बोम्मई ने कहा कि हमारा अभियान मिलिट्री होटल से शुरू हुआ जबकि कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार वहीं नहीं गए क्योंकि वहां पर स्थानीय आम लोग थे. सीएम ने डीके शिवकुमार के बयान पर सवाल किया कि वह एक सैन्य होटल में क्यों नही जाते?
बोम्मई ने कहा कि हम उन लोगों को वापस लाने के लिए काम कर रहे हैं जो पलायन कर गए है. हम वह काम जिला स्तर पर कर रहे हैं. इसके लिए तरह-तरह के प्रयास चल रहे हैं. वहीं बीजेपी और जेडीएस गठबंधन के सिद्धारमैया के आरोप पर बोम्मई ने कहा कि सभी उम्मीदवार चुनाव में खुद से जीतने के लिए लड़ते हैं, और सिद्धारमैया डरे हुए हैं. उन्होंने कहा कि अगर सिद्धारमैया के पास अपनी ताकत है तो वह जीतेंगे, नहीं तो नहीं जीतेंगे. मेरे निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस-जेडीएस शामिल हो गए हैं, इसलिए मुझे डरने की कोई बात नहीं है. ईश्वरप्पा के परिवार के टिकट कटने के सवाल पर सीएम ने कोई जवाब नहीं दिया और कहा कि नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्रधानमंत्री राज्य में प्रचार करने आएंगे.
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