बेंगलुरु : कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भ्रष्टाचार बड़ा मुद्दा बनने जा रहा है. कांग्रेस पार्टी ने इसे जोर-शोर से उठाने का फैसला किया है. पार्टी इसे अलग-अलग चुनावी सभाओं में जनता के सामने रख रही है. भारतीय जनता पार्टी के लिए इसका सामना करना बड़ी चुनौती है. खासकर सबसे ज्यादा चार मामलों की चर्चा हो रही है. अगर पार्टी ने इन मुद्दों पर अपनी राय स्पष्ट नहीं की, या फिर जनता को उचित कारण नहीं बताए, तो ये आरोप भाजपा नेताओं के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं.
चुनावी मैदान में जब भी भाजपा आरक्षण बढ़ाने के मुद्दे और अपनी सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों का उल्लेख करती है, तो विपक्ष उनके सामने भ्रष्टाचार के मुद्दों को लेकर आरोप लगाना शुरू कर देता है. इनमें से सबसे अधिक चर्चा 40 फीसदी कमीशन की होती है.
अगर आप जमीनी स्थिति का जायजा लेंगे, तो आपको पता चलेगा कि इसका जिक्र कांग्रेस पार्टी हर स्तर पर कर रही है. स्टेट कॉन्ट्रैक्टर एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इसकी शिकायत की थी. एसोसिएशन ने जल संसाधन विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, पीडब्लूडी, स्वास्थ्य विभाग और बीबीएमपी पर गंभीर आरोप लगाए. उनका कहना था कि बिना 40 फीसदी कमीशन दिए कोई भी काम नहीं होता है. इन आरोपों के बाद कांग्रेस ने 'पे-सीम' के नाम से पोस्टर लगाए और सरकार को कटघरे में खड़ा किया.
इसके बाद दूसरा मामला पीएसआई नियुक्ति से जुड़ा है. यह मामला नियुक्ति में धांधली से संबंधित है. कांग्रेस पार्टी ने पीएसआई भर्ती के दौरान अनियमितता बरतने के आरोप लगाए हैं. 545 पुलिस सब इंस्पेक्टर की बहाली में धांधली के आरोप लगे हैं. आरोप में कहा गया है कि कई परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी नहीं लगे थे. वहां पर कई परीक्षार्थियों ने ब्लूटूथ की मदद से परीक्षा में चोरी की. मामला सामने आने पर सीआईडी को जांच का जिम्मा दिया गया. एडीजीपी अमृत पॉल की गिरफ्तारी भी हुई. कलबुर्गी जिले का भाजपा नेता दिव्या हगारजी इस मामले में मुख्य आरोपी है. इसके बाद भाजपा विधायक डाडेसगुर पर भी आरोप लगे. 52 हजार परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी थी. बाद में सरकार को परीक्षा रद्द करनी पड़ी, इससे युवाओं में रोष है.
भ्रष्टाचार से जु़ड़ा तीसरा मामला है बिटक्वॉइन का. इस स्कैम में भी भाजपा नेताओं के नाम सामने आए हैं. कांग्रेस ने भाजपा नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं. चुनाव के दौरान कांग्रेस इस घोटाले को लेकर बहुत ही आक्रामक रह सकती है. इसके अलावा जिस मामले का जिक्र किया जा रहा है, वह भी भाजपा नेता से जुड़ा है. लोकायुक्त ने भाजपा विधायक मदल विरुपाक्षप्पा के बेटे को रंगे हाथों पकड़ा था. वह उस समय 40 लाख रुपया रिसीव कर रहा था. भाजपा के लिए यह मामला शर्मसार करने वाला था. कांग्रेस इसे जनता के सामने रख रही है.
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