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Karnataka anti conversion bill: मंत्रिमंडल ने विधेयक को दी मंजूरी

कर्नाटक मंत्रिमंडिल ने विवादास्पद धर्मांतरण रोधी विधेयक (karnataka anti conversion bill ) को सोमवार को मंजूरी दे दी और इसे 21 दिसंबर को विधानसभा में पेश किये जाने की संभावना है.

Karnataka Cabinet approves anti-conversion bill
धर्मांतरण रोधी विधेयक को मंजूरी दी
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Published : Dec 20, 2021, 6:23 PM IST

बेलगावी/कर्नाटक: कर्नाटक मंत्रिमंडिल ने विवादास्पद धर्मांतरण रोधी विधेयक (karnataka anti conversion bill) को सोमवार को मंजूरी दे दी और इसे 21 दिसंबर को विधानसभा में पेश किये जाने की संभावना है. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी.

घटनाक्रम से अवगत सूत्रों ने बताया, 'मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (CM Basavaraj Bommai) की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रिमंडल की बैठक में प्रस्तावित धर्मांतरण रोधी विधेयक को मंजूरी दी गई. इसे कल विधानसभा में पेश किये जाने की संभावना है.' मंत्रिमंडल की बैठक के फैसलों के बारे में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है. उल्लेखनीय है कि राज्य विधानसभा का शीतकालीन सत्र चल रहा है.

प्रस्तावित विधेयक का विपक्षी दल और ईसाई समुदाय के नेतृत्वकर्ता विरोध कर रहे हैं. समझा जाता है कि प्रस्तावित विधेयक में दंडनीय प्रावधान किये गये हैं और इस पर भी जोर दिया गया है कि जो लोग अन्य धर्म अपनाना चाहेंगे, उन्हें दो महीने पहले उपायुक्त के पास एक आवेदन देना होगा.

इससे पहले, गृह मंत्री अरग ज्ञानेंद्र ने कहा था कि जो लोग धर्मांतरण करना चाहेंगे, वे अपना मूल धर्म और उससे जुड़ी सुविधाओं एवं लाभों को गंवा देंगे, जिनमें आरक्षण भी शामिल है. हालांकि, व्यक्ति जिस किसी धर्म को अपनाएगा उसे उस धर्म में मिलने वाले फायदे प्राप्त होने की संभावना होगी.

ये भी पढ़ें: विधानसभा में धर्मांतरण रोधी विधेयक पेश किए जाने की संभावना, कांग्रेस ने व्हिप किया जारी

सूत्रों के मुताबिक कर्नाटक धर्म स्वतंत्रता अधिकार संरक्षण विधेयक-2021 (Karnataka cabinet approves anti-conversion bill) जबरन, धोखे से, अनुचित प्रभाव, प्रलोभन या विवाह आदि से धर्मांतरण को निषिद्ध करता है. बताया जाता है कि यह 25,000 रुपये के जुर्माने के साथ तीन से पांच साल तक की कैद का भी प्रस्ताव करता है. प्रस्तावित विधेयक में यह भी प्रावधान किया गया है कि धर्मांतरण कराने के आरोपी को पीड़ित को पांच लाख रुपये तक मुआवजा देना होगा. सामूहिक धर्मांतरण के मामले में विधेयक तीन से 10 साल तक की कैद और एक लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रस्ताव करता है.

ये भी पढ़ें: कर्नाटक का प्रस्तावित धर्मांतरण रोधी विधेयक: 10 साल तक की सजा का प्रावधान

(इनपुट-भाषा)

बेलगावी/कर्नाटक: कर्नाटक मंत्रिमंडिल ने विवादास्पद धर्मांतरण रोधी विधेयक (karnataka anti conversion bill) को सोमवार को मंजूरी दे दी और इसे 21 दिसंबर को विधानसभा में पेश किये जाने की संभावना है. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी.

घटनाक्रम से अवगत सूत्रों ने बताया, 'मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (CM Basavaraj Bommai) की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रिमंडल की बैठक में प्रस्तावित धर्मांतरण रोधी विधेयक को मंजूरी दी गई. इसे कल विधानसभा में पेश किये जाने की संभावना है.' मंत्रिमंडल की बैठक के फैसलों के बारे में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है. उल्लेखनीय है कि राज्य विधानसभा का शीतकालीन सत्र चल रहा है.

प्रस्तावित विधेयक का विपक्षी दल और ईसाई समुदाय के नेतृत्वकर्ता विरोध कर रहे हैं. समझा जाता है कि प्रस्तावित विधेयक में दंडनीय प्रावधान किये गये हैं और इस पर भी जोर दिया गया है कि जो लोग अन्य धर्म अपनाना चाहेंगे, उन्हें दो महीने पहले उपायुक्त के पास एक आवेदन देना होगा.

इससे पहले, गृह मंत्री अरग ज्ञानेंद्र ने कहा था कि जो लोग धर्मांतरण करना चाहेंगे, वे अपना मूल धर्म और उससे जुड़ी सुविधाओं एवं लाभों को गंवा देंगे, जिनमें आरक्षण भी शामिल है. हालांकि, व्यक्ति जिस किसी धर्म को अपनाएगा उसे उस धर्म में मिलने वाले फायदे प्राप्त होने की संभावना होगी.

ये भी पढ़ें: विधानसभा में धर्मांतरण रोधी विधेयक पेश किए जाने की संभावना, कांग्रेस ने व्हिप किया जारी

सूत्रों के मुताबिक कर्नाटक धर्म स्वतंत्रता अधिकार संरक्षण विधेयक-2021 (Karnataka cabinet approves anti-conversion bill) जबरन, धोखे से, अनुचित प्रभाव, प्रलोभन या विवाह आदि से धर्मांतरण को निषिद्ध करता है. बताया जाता है कि यह 25,000 रुपये के जुर्माने के साथ तीन से पांच साल तक की कैद का भी प्रस्ताव करता है. प्रस्तावित विधेयक में यह भी प्रावधान किया गया है कि धर्मांतरण कराने के आरोपी को पीड़ित को पांच लाख रुपये तक मुआवजा देना होगा. सामूहिक धर्मांतरण के मामले में विधेयक तीन से 10 साल तक की कैद और एक लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रस्ताव करता है.

ये भी पढ़ें: कर्नाटक का प्रस्तावित धर्मांतरण रोधी विधेयक: 10 साल तक की सजा का प्रावधान

(इनपुट-भाषा)

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