करनाल : हरियाणा के करनाल स्थित श्रद्धानंद अनाथालय (Shradhanand orphanage) में रहने वाली महिलाएं व छात्राएं कोई भी परेशानी होने पर अब से राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (child rights protection commission) को अपनी समस्याओं से अवगत करा सकेंगी. उन्हें आयोग के साथ-साथ सभी संबंधित अधिकारियों के भी मोबाइल नंबर उपलब्ध कराए गए हैं. अनाथालय में रहने वाली महिलाओं व छात्राओं के लिए यह सुविधा तब कराई गई, जब छात्राओं ने अनाथालय के प्रबंधन पर उन्हें टॉर्चर करने का आरोप लगाते हुए डीसी ऑफिस पहुंच गईं.
बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ने किया अनाथालय का निरीक्षण
अनाथालय के प्रबंधन में सोमवार को उस समय हड़कंप मच गया था, जब कुछ छात्राएं डीसी दरबार पहुंच गई थी. उन्होंने स्टाफ पूरा ना होने से लेकर कई अन्य परेशानियां बताईं, तो डीसी ने भी उन्हें जांच कराए जाने का भरोसा दिया. इस मामले को लेकर संबंधित संस्थानों में चर्चा ही हो रही थी कि शाम के समय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ज्योति बैंदा (Jyoti Benda) निरीक्षण के लिए पहुंच गईं.
छात्राओं ने अध्यक्ष को सुनाई परेशानियां
उन्होंने करीब तीन घंटे तक निरीक्षण किया और छात्राओं व महिलाओं से विस्तार से चर्चा भी की. उन्होंने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि वे अपने स्तर पर ही निरीक्षण करने पहुंची थी, लेकिन यहां उनके संज्ञान में छात्राओं द्वारा अपनी परेशानियों को लेकर उठाया गया मामला भी आया. उन्होंने बताया कि कुछ छात्राएं यहां से कुछ टीचर बदले जाने के चलते भावुक हो गई थी, लेकिन उन्हें समझाया गया है.
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अनाथायलय में ट्रेंड काउंसिलर की होगी नियुक्ति
उन्हें यहां छात्राओं को होने वाली कोई गंभीर परेशानी नहीं मिली. वहीं, यहां ट्रेंड काउंसिलर नहीं होने की वजह से उनकी नियुक्ति को लेकर बैंदा ने निर्देश दिए गए हैं. ट्रेंड काउंसिलर इन छात्राओं की हर 15 दिन में काउंसलिंग करेंगे. यहीं नहीं, यहां अन्य स्टाफ की कमी भी जल्द दूर कर दी जाएगी, जिसके लिए भी प्रबंधन से चर्चा कर निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि बच्चों के अधिकारों को लेकर आयोग पूरी तरह से गंभीर है और जहां बच्चे रह रहे हैं उन संस्थानों का लगातार निरीक्षण किया जाता है.
कोरोना से अनाथ हुए बच्चों के लिए विशेष आश्रम का प्रस्ताव
बाल अधिकार सरंक्षण आयोग की अध्यक्ष ज्योति बैंदा ने बताया कि कोरोना से अनाथ हुए बच्चों का भविष्य सुरक्षित रह सके और उन्हें किसी प्रकार की आर्थिक व सामाजिक समस्या का सामना न करना पड़े, इसके लिए विशेष आश्रम बनाए जाने को लेकर प्रदेश सरकार को आयोग की ओर से प्रस्ताव भेजा है. आयोग बच्चों के अधिकारों को लेकर पूरी तरह से गंभीर है और ऐसे 1600 बच्चे सर्वे कर चिह्नित कर लिए गए हैं.