कानपुर: शहर के चकेरी थाना क्षेत्र के श्याम नगर स्थित फ्लैट में धर्म परिवर्तन कराने वाले दो आरोपियों को पुलिस ने कई दिनों पहले गिरफ्तार किया था. जब उनसे पूछताछ की गई तो यह बात सामने आई कि नेपाल से उन्हें फंडिंग मिलती थी और साल भर में उन्हें 100 या उससे ज्यादा मतांतरण कराने होते थे. अब पुलिस ने फ्लैट में मिले सभी साक्ष्यों की गंभीरता से जांच शुरू कर दी है. नेपाल से आरोपियों के कनेक्शन को तलाशने के लिए भी टीमें लग गई हैं.
दरअसल, इस नेटवर्क को ध्वस्त करने से पहले पुलिस के पास जो जानकारी है, उनके मुताबिक चकेरी थाना क्षेत्र में सनिगवां, अहिरवां, श्याम नगर, कृष्णा नगर समेत अन्य एरिया में मतांतरण करने वालों को पकड़ा जा चुका है. करीब तीन माह पहले कृष्णा नगर में जब यह खेल पकड़ा गया था तो नंदलाल नाम के आरोपी को जेल भेजा गया था. जो अब पादरी बन चुका है. कहीं न कहीं नंदलाल व आरोपियों के तार भी आपस में जुड़े हैं. नंदलाल के पास से पुलिस को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की पासबुक मिली थी, जिसमें एक साल के अंदर 22 लाख रुपये का लेन-देन हुआ था. उसमें काफी राशि नेपाल से भेजी गई थी. पुलिसकर्मियों के मुताबिक, नंदलाल अब तक 210 लोगों का मतांतरण करा चुका है.
आरोपियों ने पुलिस को बताया कि उनका जो गैंग है उसमें विशेषज्ञ कोलकाता में 45 दिनों की ट्रेनिंग कराते हैं. इसके बाद हर माह अपने कार्यों की पूरी रिपोर्ट भेजनी होती है. हालांकि, अभी पुलिस यह जानकारी नहीं जुटा पाई कि आखिर रिपोर्ट किसके पास भेजी जाती थी. कैसे लोगों का ब्रेनवाश करना है, कैसे प्रार्थना करानी है इस तरह के अन्य बिंदुओं पर काम होता है.
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