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85 वर्षीय कन्नड़ साहित्यकार वसंत कुश्तागी का निधन, येदियुरप्पा ने जताया शोक

प्रख्यात कन्नड़ साहित्यकार (Kannada Litterateur) प्रोफेसर वसंत कुश्तगी (Professor Vasant Kushtagi) का शुक्रवार को एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक उनका निधन दिल का दौरा (cardiac arrest) पड़ने से हुआ.

कन्नड़ साहित्यकार वसंत कुश्तगी
कन्नड़ साहित्यकार वसंत कुश्तगी
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Published : Jun 4, 2021, 6:17 PM IST

कलबुर्गी (कर्नाटक): प्रख्यात कन्नड़ साहित्यकार (Kannada Litterateur) प्रोफेसर वसंत कुश्तगी (Professor Vasant Kushtagi) का दिल का दौरा (cardiac arrest) पड़ने से यहां एक निजी अस्पताल में शुक्रवार को निधन हो गया. वह 85 वर्ष के थे. पारिवारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि कुश्तगी को निम्न रक्तचाप (low blood pressure) की शिकायत होने पर गुलबर्गा हार्ट फाउंडेशन एंड रिसर्च सेंटर (Gulbarga Heart Foundation And Research Centre) में भर्ती कराया गया था.

उन्होंने 60 से अधिक पुस्तकें लिखी थीं. कुश्तगी बहुआयामी व्यक्तित्व के स्वामी थे और साहित्यकार के अलावा वह शिक्षक, पत्रकार और अधिकार कार्यकर्ता भी थे.

पढ़ेंः तमिलनाडु : अन्ना जूलॉजिकल पार्क में कोरोना संक्रमण से शेरनी की मौत

मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा (B S Yediyurappa) ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य ने एक प्रख्यात्य साहित्यकार खो दिया है. मुख्यमंत्री ने हैदराबाद-कर्नाटक क्षेत्र के स्वतंत्रता संघर्ष में भी उनके योगदान को याद किया.

येदियुरप्पा ने कहा कि कुश्तगी एक अच्छे अध्यापक भी थे, जिन्होंने बहुत से बच्चों को शिक्षा दी.

(पीटीआई-भाषा)

कलबुर्गी (कर्नाटक): प्रख्यात कन्नड़ साहित्यकार (Kannada Litterateur) प्रोफेसर वसंत कुश्तगी (Professor Vasant Kushtagi) का दिल का दौरा (cardiac arrest) पड़ने से यहां एक निजी अस्पताल में शुक्रवार को निधन हो गया. वह 85 वर्ष के थे. पारिवारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि कुश्तगी को निम्न रक्तचाप (low blood pressure) की शिकायत होने पर गुलबर्गा हार्ट फाउंडेशन एंड रिसर्च सेंटर (Gulbarga Heart Foundation And Research Centre) में भर्ती कराया गया था.

उन्होंने 60 से अधिक पुस्तकें लिखी थीं. कुश्तगी बहुआयामी व्यक्तित्व के स्वामी थे और साहित्यकार के अलावा वह शिक्षक, पत्रकार और अधिकार कार्यकर्ता भी थे.

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मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा (B S Yediyurappa) ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य ने एक प्रख्यात्य साहित्यकार खो दिया है. मुख्यमंत्री ने हैदराबाद-कर्नाटक क्षेत्र के स्वतंत्रता संघर्ष में भी उनके योगदान को याद किया.

येदियुरप्पा ने कहा कि कुश्तगी एक अच्छे अध्यापक भी थे, जिन्होंने बहुत से बच्चों को शिक्षा दी.

(पीटीआई-भाषा)

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