कांकेर: दुर्गूकोंदल थाना क्षेत्र से बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है. रविवार देररात करकापाल कैंप में सीएएफ (छत्तीसगढ़ आर्म्ड फोर्स) जवान ने तकरीबन 30 राउंड फायरिंग की. कांकेर एसपी दिव्यांग पटेल ने फायरिंग की पुष्टि तो की, लेकिन यह फायरिंग क्यों की गई, इसका खुलासा फिलहाल अभी नहीं किया गया है. पुलिस घटना के सभी पहलुओं की जांच कर रही है.
जांच के बाद ही वजह बता पाएगी पुलिस: करकापाल कैंप में सीएएफ जवान ने क्यों और किन हालातों में फायरिंग की, इसकी जांच पड़ताल की जा रही है. कयास लगाए जा रहे हैं कि मानसिक तनाव में आकर जवान ने 30 राउंड हवाई फायरिंग की है. फिलहाल पुलिस की जांच के बाद ही रविवार देर रात की घटना का खुलासा हो पाएगा.
सीएएफ कैंप में फायरिंग की जांच की जा रही है. जवान द्वारा 30 राउंड फायरिंग करने की शुरुआती जानकारी मिली है. जवान ने क्यों फायर किया, इसकी जानकारी ली जा रही है. जानकारी मिलते ही पुलिस की ओर से आधिकारिक बयान जारी किया जाएगा. -दिव्यांग पटेल, एसपी कांकेर
जानिए कांकेर में कब कब जवान ने की फायरिंग
25 दिसम्बर 2022: कांकेर के शासकीय भानुप्रतापदेव स्नातकोत्तर महाविद्यालय का अधिग्रहण स्ट्रांग रूम के लिए किया गया था. भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए बनाए गए स्ट्रांग रूम में ड्यूटी पर तैनात 11वीं वाहिनी छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के जवान ने आपसी विवाद में फायरिंग कर दी. इसमें प्रधान आरक्षक सुरेन्द्र भगत की मौत हो गई.
28 अप्रैल 2022: इस दिन बीएसएफ के एक जवान ने खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी. जवान पश्चिम बंगाल का रहने वाला था. घटना कांकेर के कामटेडा कैंप की थी. मृतक उज्जवल नंदी बीएसएफ की 30वीं बटालियन का जवान था.
मानसिक तनाव के चलते आत्मघाती कदम उठा लेते हैं जवान: नक्सलियों से लोहा लेने वाले जवान कई बार मानसिक तवान के चलते आत्मघाती कदम उठा लेते हैं. 2009 के बाद फिर से मामले बढ़ने लगे थे और वर्ष 2012 में सबसे अधिक पांच जवानों ने आत्महत्या की. इसके बाद फिर ऐसे मामलों में काफी कमी आई. अब फिर से ऐसी घटनाएं बढ़ती नजर आ रही हैं. आंकड़ों पर नजर डालें तो वर्ष 2002 में एक, 2009 में दो, 2012 में पांच, 2014 में एक, 2015 में तीन, 2016 में एक, 2017 में तीन, 2019 में दो, 2020 तीन, 2021 में चार और 2022 में दो जवानों ने आत्महत्या की है.