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राजनीतिक मतभेद भुलाकर नए संसद भवन के उद्घाटन को राष्ट्रीय एकता का अवसर बनाएं: कमल हासन - संसद भवन उद्घाटन विवाद

अभिनेता एवं नेता कमल हासन (Kamal Haasan) ने नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम के बहिष्कार पर राजनीतिक दलों से पुनर्विचार करने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि अपने राजनीतिक मतभेदों को एक दिन परे रखकर नए संसद भवन के उद्घाटन को राष्ट्रीय एकता का अवसर बनाएं.

Kamal Haasan
कमल हासन
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Published : May 27, 2023, 5:50 PM IST

चेन्नई : अभिनेता एवं नेता कमल हासन (Kamal Haasan) ने राजनीतिक दलों से अपने मतभेदों को कुछ देर के लिए भुलाकर नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार करने के फैसले पर पुनर्विचार करने और इसे राष्ट्रीय एकता का अवसर बनाने की अपील की. हासन ने कहा कि भारत के नए घर में उसके परिवार के सभी सदस्यों के रहने की जरूरत है. हासन ने कहा कि वह सहभागी लोकतंत्र में विश्वास करते हैं, इसलिए इस कार्यक्रम का बहिष्कार करने वाले सभी विपक्षी दलों से फैसले पर पुनर्विचार करने का आह्वान करते हैं.

हासन ने आग्रह किया, 'कार्यक्रम पर आपकी कोई भी असहमति सार्वजनिक मंचों के साथ-साथ संसद के दोनों सदनों में भी उठाई जा सकती है.' हासन ने यहां एक बयान में कहा कि राजनीतिक दलों को यह याद रखना चाहिए कि 'हमें बांटने के बजाय जोड़ने वाला और भी बहुत कुछ है.' उन्होंने कहा कि पूरा देश इस कार्यक्रम के लिए उत्सुक है. मक्कल नीधि मय्यम (एमएनएम) के अध्यक्ष हासन ने कहा, 'दुनिया की निगाहें हम पर हैं. अपने राजनीतिक मतभेद को एक दिन परे रखकर आइए नए संसद भवन के उद्घाटन को राष्ट्रीय एकता का अवसर बनाएं.'

अभिनेता ने 2021 के विधानसभा चुनावों में कोयंबटूर दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष वानती श्रीनिवासन के खिलाफ चुनाव लड़ा था, लेकिन जीत नहीं मिली. हासन ने कहा कि 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन पूरे देश के लिए उत्सव का क्षण है और इसने गर्व की भावना का संचार किया है. उन्होंने कहा, 'मैं इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए भारत सरकार को बधाई देता हूं. भारत की राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं करने और उद्घाटन कार्यक्रम की योजना में विपक्षी दलों को शामिल नहीं करने पर अपनी असहमति बनाए रखते हुए, राष्ट्रहित में मैं नए संसद भवन के उद्घाटन का जश्न मनाने का विकल्प चुनता हूं.'

हासन ने कहा, 'लेकिन राष्ट्रीय गौरव का यह क्षण राजनीतिक रूप से विभाजनकारी हो गया है. मैं प्रधानमंत्री से एक सरल प्रश्न पूछता हूं. कृपया देश को बताएं, भारत की राष्ट्रपति को नए संसद भवन के उद्घाटन में क्यों शामिल नहीं होना चाहिए?' उन्होंने कहा, 'मैं प्रधानमंत्री को सलाह देता हूं कि वे सद्भावना दिखाएं और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित करें. नया संसद भवन कोई साधारण इमारत नहीं है. यह लंबे समय तक भारतीय लोकतंत्र का घर रहेगा.' हासन ने कहा, 'मैं प्रधानमंत्री से इस चूक को सुधारने का आह्वान करता हूं, जो इतिहास में एक गंभीर त्रुटि के रूप में दर्ज हो जाएगी, और यदि सुधार किया गया, तो यह राजनीतिक नेतृत्व में एक मील का पत्थर बन जाएगा.'

ये भी पढ़ें - ज्योतिष की नजर में जानिए कैसा होगा भारत का नया संसद भवन, स्वामी दिव्यानंद महाराज ने कही यह बात

(पीटीआई-भाषा)

चेन्नई : अभिनेता एवं नेता कमल हासन (Kamal Haasan) ने राजनीतिक दलों से अपने मतभेदों को कुछ देर के लिए भुलाकर नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार करने के फैसले पर पुनर्विचार करने और इसे राष्ट्रीय एकता का अवसर बनाने की अपील की. हासन ने कहा कि भारत के नए घर में उसके परिवार के सभी सदस्यों के रहने की जरूरत है. हासन ने कहा कि वह सहभागी लोकतंत्र में विश्वास करते हैं, इसलिए इस कार्यक्रम का बहिष्कार करने वाले सभी विपक्षी दलों से फैसले पर पुनर्विचार करने का आह्वान करते हैं.

हासन ने आग्रह किया, 'कार्यक्रम पर आपकी कोई भी असहमति सार्वजनिक मंचों के साथ-साथ संसद के दोनों सदनों में भी उठाई जा सकती है.' हासन ने यहां एक बयान में कहा कि राजनीतिक दलों को यह याद रखना चाहिए कि 'हमें बांटने के बजाय जोड़ने वाला और भी बहुत कुछ है.' उन्होंने कहा कि पूरा देश इस कार्यक्रम के लिए उत्सुक है. मक्कल नीधि मय्यम (एमएनएम) के अध्यक्ष हासन ने कहा, 'दुनिया की निगाहें हम पर हैं. अपने राजनीतिक मतभेद को एक दिन परे रखकर आइए नए संसद भवन के उद्घाटन को राष्ट्रीय एकता का अवसर बनाएं.'

अभिनेता ने 2021 के विधानसभा चुनावों में कोयंबटूर दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष वानती श्रीनिवासन के खिलाफ चुनाव लड़ा था, लेकिन जीत नहीं मिली. हासन ने कहा कि 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन पूरे देश के लिए उत्सव का क्षण है और इसने गर्व की भावना का संचार किया है. उन्होंने कहा, 'मैं इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए भारत सरकार को बधाई देता हूं. भारत की राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं करने और उद्घाटन कार्यक्रम की योजना में विपक्षी दलों को शामिल नहीं करने पर अपनी असहमति बनाए रखते हुए, राष्ट्रहित में मैं नए संसद भवन के उद्घाटन का जश्न मनाने का विकल्प चुनता हूं.'

हासन ने कहा, 'लेकिन राष्ट्रीय गौरव का यह क्षण राजनीतिक रूप से विभाजनकारी हो गया है. मैं प्रधानमंत्री से एक सरल प्रश्न पूछता हूं. कृपया देश को बताएं, भारत की राष्ट्रपति को नए संसद भवन के उद्घाटन में क्यों शामिल नहीं होना चाहिए?' उन्होंने कहा, 'मैं प्रधानमंत्री को सलाह देता हूं कि वे सद्भावना दिखाएं और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित करें. नया संसद भवन कोई साधारण इमारत नहीं है. यह लंबे समय तक भारतीय लोकतंत्र का घर रहेगा.' हासन ने कहा, 'मैं प्रधानमंत्री से इस चूक को सुधारने का आह्वान करता हूं, जो इतिहास में एक गंभीर त्रुटि के रूप में दर्ज हो जाएगी, और यदि सुधार किया गया, तो यह राजनीतिक नेतृत्व में एक मील का पत्थर बन जाएगा.'

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(पीटीआई-भाषा)

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