हैदराबाद : जिस दिन से अभिनेता कमल हासन ने राजनीतिक पार्टी का गठन किया है, हमेशा से वह विवादों में रहे हैं. विरोधी नेताओं पर उन्होंने कई बार निजी टिप्पणियां कीं. छह अप्रैल को तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव है. राजनीतिक विश्लेषक कमल हासन को गंभीर राजनेता नहीं मानते हैं. उनका कहना है कि कमल हासन पर्दे की लोकप्रियता को भुनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कहां तक सफल होंगे कहना मुश्किल है. सबसे बड़ी समस्या है राज्य के लोगों के साथ जुड़ाव न होना. आम जन से कैसे संपर्क करें, इसमें उन्हें महारत हासिल नहीं है. उनकी भाषा लोगों को समझ नहीं आती है. हां, शहरी क्षेत्र में जरूर वह कुछ उम्मीद कर सकते हैं.
व्हील चेयर विवाद
हाल ही में एक जनसभा के दौरान उन्होंने कहा, 'मैं 60 साल का हूं, लेकिन जन सेवा के लिए मुझे व्हील चेयर की जरूरत नहीं है.'
मीडिया ने जब उनसे पूछा कि आपका इशारा डीएमके के पूर्व प्रमुख एम करुणानिधि की ओर तो नहीं था, उन्होंने कहा कि मैं उनका बहुत अधिक सम्मान करता हूं. मैंने उनके बारे में कुछ नहीं कहा.
इसके बावजूद डीएमके ने कमल हासन के बयान पर आपत्ति जताई. सोशल मीडिया पर उनके बयान को दिव्यांगों के खिलाफ बताया गया. डीएमके कैडर और कमल हासन के फैन के बीच ट्विटर पर शाब्दिक जंग छिड़ गया.
कमल हासन ने कहा कि वह तो उन लोगों में शामिल हैं, जिन्होंने खुद करुणानिधि का व्हीलचेयर खींचा है.
व्यक्तिगत टिप्पणी
इसी महीने उन्होंने डीएमके नेता एमके स्टालिन को लेकर भी विवादास्पद बयान दिया. उन्होंने कहा कि अगर करुणानिधि को अपमानित करने की उनकी मंशा होती, तो वह सिर्फ 'एमके स्टालिन' बोल सकते थे. उन्होंने कहा कि राजनीति में निजी हमले आम बात हैं. इस पर विवाद पैदा करने की जरूरत नहीं है.
हाल ही में राज्य सरकार ने वान्नियार समुदाय को 10.5 फीसदी आरक्षण देने की घोषणा की. इस पर कमल हासन ने कहा कि बिना जाति जनगणना के आरक्षण की घोषणा कैसे की जा सकती है. उन्होंने कहा कि सरकार वोट बैंक की राजनीति कर रही है. लेकिन इस बात का जवाब नहीं दिया कि आरक्षण देना सही था या गलत.
राजनीतिक विशेषज्ञ श्रीनिवासन ने कहा कि राजनीति में निजी हमले की बात तो आम बताना हास्यास्पद है. ऐसा नहीं है कि राजनीति में बने रहने के लिए निजी हमले किए ही जाएं.
श्रीनिवासन ने कहा कि जरूरी नहीं है कि हम गलत परंपरा को आधार बनाएं. हमने के कामराज से लेकर जयललिता तक को देखा है, निजी टिप्पणियां की जाती थीं. लेकिन जो गलत है, उसे गलत कहना ही उचित होगा. आप उसे सही नहीं ठहरा सकते हैं. कमल हासन ने राजनीति में आने से पहले भरोसा दिया था कि वह राजनीति को बदलेंगे. नई परंपरा की शुरुआत करेंगे.
राजनीतिक विश्लेषक ई एलोंगोवन ने कहा कि कमल हासन भ्रमित मालूम होते हैं. वह अपने विचारों को लेकर स्पष्ट नहीं हैं. जिस परिवर्तन और वैकल्पिक राजनीति की बात उन्होंने की थी, वह क्या है, उनकी दृष्टि और कार्यक्रम क्या हैं, इसके बारे में फोकस नहीं कर रहे हैं. वह कहते हैं कि उनकी योजना सार्वजनिक हो गई, तो विपक्षी दल इसकी नकल कर लेंगे. इसका मतलब है कि वह अपनी सोच और एक्शन पर स्पष्ट नहीं हैं. उनकी वैकल्पिक राजनीति महज कल्पना मालूम होती है.
एलोंगोवन ने कहा कि कमल हासन लोगों को धोखा दे रहे हैं. जनता के असल मुद्दे क्या हैं, वह नहीं जानते हैं. आरक्षण मामले में उनकी सोच इसे साबित कर देती है. उन्होंने संविधान का अध्ययन नहीं किया है. वह कानून नहीं जानते हैं. उनके लिए राजनीति अभिनय की तरह है. वह पार्ट टाइम राजनीतिज्ञ हैं.