हरिद्वार : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संत समाज से महाकुंभ को प्रतीकात्मक रखने की अपील की है, जिससे इस महामारी के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ी जा सके. वहीं, पीएम मोदी की इस अपील का जूना अखाड़ा के संतों ने स्वागत किया है. साथ ही उनकी अपील का समर्थन करते हुए महाकुंभ को अब प्रतीकात्मक रखने की बात कही है.
जूना अखाड़े के राष्ट्रीय प्रवक्ता नारायण गिरी महाराज का कहना है कि कोरोना महामारी जिस तरह से पूरे देश में फैल रही है, उसे देखते हुए महाकुंभ को प्रतीकात्मक रूप से मनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि जूना अखाड़ा कुंभ मेले की शुरुआत से ही सरकार के साथ खड़ा है. जूना अखाड़ा पहले ही कह रहा था कि कुंभ मेले में भारी संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार न आएं, सिर्फ साधु-संत ही गंगा स्नान करें.
-
आचार्य महामंडलेश्वर पूज्य स्वामी अवधेशानंद गिरि जी से आज फोन पर बात की। सभी संतों के स्वास्थ्य का हाल जाना। सभी संतगण प्रशासन को हर प्रकार का सहयोग कर रहे हैं। मैंने इसके लिए संत जगत का आभार व्यक्त किया।
— Narendra Modi (@narendramodi) April 17, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">आचार्य महामंडलेश्वर पूज्य स्वामी अवधेशानंद गिरि जी से आज फोन पर बात की। सभी संतों के स्वास्थ्य का हाल जाना। सभी संतगण प्रशासन को हर प्रकार का सहयोग कर रहे हैं। मैंने इसके लिए संत जगत का आभार व्यक्त किया।
— Narendra Modi (@narendramodi) April 17, 2021आचार्य महामंडलेश्वर पूज्य स्वामी अवधेशानंद गिरि जी से आज फोन पर बात की। सभी संतों के स्वास्थ्य का हाल जाना। सभी संतगण प्रशासन को हर प्रकार का सहयोग कर रहे हैं। मैंने इसके लिए संत जगत का आभार व्यक्त किया।
— Narendra Modi (@narendramodi) April 17, 2021
बता दें कि स्वामी अवधेशानंद गिरी ने महाकुंभ के स्वरूप को लेकर पीएम मोदी को ट्वीट किया था. जिस पर पीएम ने ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा है, 'आचार्य महामंडलेश्वर पूज्य स्वामी अवधेशानंद गिरी जी से आज फोन पर बात की. सभी संतों के स्वास्थ्य का हाल जाना. सभी संतगण प्रशासन को हर प्रकार का सहयोग कर रहे हैं. मैंने इसके लिए संत जगत का आभार व्यक्त किया.'
निरंजनी और आनंद अखाड़े ने की थी कुंभ के समापन की घोषणा
गौरतलब है कि हरिद्वार में चल रहे महाकुंभ में साधु-संत और श्रद्धालु समेत पुलिसकर्मी बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित हो रहे हैं. जिससे महाकुंभ के आयोजन पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. साथ ही कुंभ के स्वरूप और कुंभ को स्थगित करने की बात की जा रही है. इतना ही नहीं निरंजनी और आनंद अखाड़े ने महाकुंभ के समापन की घोषणा भी कर दी थी.
कुंभ समापन की घोषणा के बाद बैरागी संत नाराज हो गए थे. बैरागी संतों के तीन अखाड़े निर्मोही, निर्वाणी और दिगम्बर अखाड़े के संतों ने साफ कर दिया है कि उनका मेला 30 अप्रैल तक जारी रहेगा. बैरागी संत 27 अप्रैल को बड़ी संख्या में शाही स्नान करेंगे.