नई दिल्ली: एनडीआरएफ की टीम तुर्की में राहत बचाव अभियान में जुट गई है. इस टीम में डॉग स्क्वायड भी है और खासकर जूली, रोमियो, हनी और रैम्बो नामक चर्चित खोजी कुत्तों को शामिल किया गया है. 101 सदस्यीय पुरुष सहयोगियों के साथ एनडीआरएफ की टीम भूकंप प्रभावित तुर्की में बचाव कार्यों में लगी हुई है.
विशेष रूप से प्रशिक्षित लैब्राडोर नस्ल के डॉग स्क्वॉड आपदा प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्यों के दौरान सूंघने और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में विशेषज्ञ हैं. एनडीआरएफ एक टीम आज सुबह तुर्की पहुंच गई. 51 सदस्यीय दो अलग-अलग टीम तुर्की गई है. एक टीम आज शाम में पहुंचेगी. डॉग स्क्वायड की मदद से तुर्की के उन प्रभावित क्षेत्रों में खोज और बचाव अभियान चलाया जा रहा है जो सोमवार को बड़े पैमाने पर भूकंप से तबाह हो गए थे.
एनडीआरएफ के महानिदेशक अतुल करवाल ने एजेंसी को बताया कि डॉग स्क्वायड और 101 टीम के सदस्य हर तरह से आत्मनिर्भर हैं और सभी आवश्यक अत्याधुनिक खोज और बचाव और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों से लैस हैं. अधिकारी ने कहा कि एनडीआरएफ की टीम तुर्की के स्थानीय अधिकारियों को जरूरत के मुताबिक राहत और बचाव कार्यों में मदद करेगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक निर्देश का पालन करते हुए एनडीआरएफ की टीम वहां गई है. विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉग स्क्वॉड और सभी आवश्यक उपकरणों के साथ एनडीआरएफ के 101 कर्मियों वाली दो टीमों को भारतीय वायु सेना की विशेष उड़ानों द्वारा तुर्की भेजा गया. एनडीआरएफ की टुकड़ी का नेतृत्व कमांडेंट गुरमिंदर सिंह कर रहे हैं, साथ ही आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए डॉक्टर और पैरामेडिक्स भी हैं.
गृह मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि भारत सरकार भूकंप से निपटने के लिए तुर्की सरकार को इस संकट की स्थिति में सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. 2011 में जापान की ट्रिपल आपदा और 2015 में नेपाल भूकंप के बाद विश्व स्तर पर प्रशंसित, एनडीआरएफ को अपनी स्थापना के बाद से चौथी बार तुर्की में भूकंप से निपटने का काम सौंपा गया है.
(एनआईए)