नई दिल्ली : दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली हिंसा के मामले में जेल में बंद उमर खालिद, शरजील इमाम, ताहिर हुसैन समेत यूएपीए के सभी आरोपियों की न्यायिक हिरासत 16 फरवरी तक बढ़ा दी है. सभी आरोपियों को आज एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत की कोर्ट के समक्ष पेश किया गया, जिसके बाद कोर्ट ने सभी की न्यायिक हिरासत 16 फरवरी तक के लिए बढ़ा दी है.
सुनवाई के दौरान देवांगन कलीता और नताशा नरवाल को छोड़कर सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया. कलीता और नरवाल को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया. सुनवाई के दौरान जेल सुपरिंटेंडेंट ने बताया कि आरोपी शिफा-उर-रहमान और इशरत जहां को चार्जशीट कंप्यूटर पर उपलब्ध करा दी गई है. एक आरोपी अतहर खान ने कपड़ों, बोतलों और स्टेशनरी के सामान जेल में उपलब्ध कराने के लिए अर्जी दाखिल किया. कोर्ट ने जेल अधीक्षक को जेल नियमों के मुताबिक सभी सामान उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. आरोपी इशरत जहां ने कोर्ट से मांग की कि उसे कोर्ट से जेल जाने के बाद चक्की की बजाय बैरक में भेजने का दिशा निर्देश दिया जाए. कोर्ट ने इशरत जहां की याचिका पर जेल नियमों के मुताबिक फैसला करने का निर्देश दिया.
आरोपियों को परिजनों से मिलने की अनुमति
सुनवाई के दौरान सभी आरोपियों के वकीलों ने कोर्ट से मांग की कि कोर्ट में उन्हें अपने परिजनों से मिलने की अनुमति दी जाए. कोर्ट ने उनकी अर्जी को मंजूर करते हुए सभी आरोपियों को कोर्ट में अपने परिजनों से मिलने की अनुमति दी. आरोपी गुलफिशा ने जेल में किताबों और स्टेशनरी के सामान उपलब्ध कराने की मांग की. कोर्ट ने जेल प्रशासन को गुलफिशा की अर्जी पर जेल नियमों के मुताबिक फैसला करने का निर्देश दिया.
क्वारंटाइन नियम एक समान हो
सुनवाई के दौरान वकील महमूद प्राचा ने मांग की कि आरोपी तसलीम और गुलफिशा से मिलने की अनुमति दी जाए. कोर्ट ने महमूद प्राचा को दोनों आरोपियों से दस मिनट तक मिलने की अनुमति दी. सभी आरोपियों के वकीलों ने मांग की कि आरोपियों को कोर्ट से जेल वापस जाने के बाद क्वारंटाइन के लिए न भेजा जाए. कहा कि जेल स्टाफ को भी कोर्ट से लौटने के बाद क्वारंटाइन के लिए नहीं भेजा जाता है. कोर्ट स्टाफ और आरोपियों के साथ बराबरी का नियम होना चाहिए. तब कोर्ट ने कहा कि क्वारंटाइन का नियम सबके लिए बराबर होगा और नियमों के मुताबिक कोई भेदभाव नहीं होगा.
मीडिया ट्रायल चलाने का आरोप
मंगलवार को सभी आरोपियों की न्यायिक हिरासत खत्म हो रही थी. पिछले 19 जनवरी को कोर्ट ने सभी आरोपियों की न्यायिक हिरासत आज तक के लिए बढ़ा दिया था. 14 जनवरी को सुनवाई के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी के बाद उमर खालिद ने कहा था कि उसके खिलाफ जानबूझकर मीडिया ट्रायल चल रहा है. उसके खिलाफ ऐसे रिपोर्टिंग की जा रही है जैसे वह दोषी है. उसने कहा कि इससे निष्पक्ष ट्रायल पर असर पड़ सकता है. उमर खालिद ने कहा था कि पहले की सुनवाई के दौरान उसने कोर्ट में ये बातें रखी थीं. उसके बावजूद भी फ्रंट पेज की खबर बन रही है कि उमर खालिद और ताहिर हुसैन ने दंगों की साजिश रची. इस पर कोर्ट ने कहा था कि ये मामला हमारे पास है और हम कुछ बोलना नहीं चाहते. कोर्ट ने उमर खालिद से कहा था कि अगर वो चाहता है, तो वो अपने वकील को कहे कि संबंधित मीडिया रिपोर्ट को अर्जी में शामिल करें.
क्या हैं इन पर आरोप
कड़कड़डूमा कोर्ट ने पिछले 5 जनवरी को क्राइम ब्रांच की ओर से दायर पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. कोर्ट ने कहा था कि उमर खालिद के खिलाफ दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा को अंजाम देने के लिए आपराधिक साजिश रचने का मामला चलाने के लिए पर्याप्त साक्ष्य हैं. 26 दिसंबर 2020 को क्राइम ब्रांच ने उमर खालिद पर दंगे भड़काने, दंगों की साजिश रचने, और देशविरोधी भाषण देने के अलावा दूसरी धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल किया था. करीब 100 पेजों के इस चार्जशीट में कहा गया है कि 8 जनवरी 2020 को शाहीन बाग में उमर खालिद, खालिद सैफी और ताहिर हुसैन ने मिलकर दिल्ली दंगो की योजना बनाने के लिए मीटिंग की.
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इस दौरान ही उमर खालिद ने नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ प्रदर्शनों में मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार और महाराष्ट्र में हिस्सा लिया और भड़काऊ भाषण दिए. इन भाषणों में उमर खालिद ने दंगों के लिए लोगों को भड़काया.