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बंगाल में भाजपा नेताओं का पलायन को रोकने के लिए सीधे हस्तक्षेप करेंगे जेपी नड्डा - राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष

पश्चिम बंगाल में भाजपा से निर्वाचित विधायकों और सांसदों के पलायन ने अब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को तनाव में डाल दिया है. उन्होंने इस पलायन को रोकने के लिए सीधे हस्तक्षेप करने का फैसला किया है.

JP Nadda
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Published : Oct 2, 2021, 12:52 AM IST

कोलकाता : भाजपा सूत्रों ने बताया कि हाल ही में नड्डा ने नेताओं के पलायन के मुद्दे पर पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ भाजपा नेताओं के साथ बैठक की थी. बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष, पश्चिम बंगाल में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और भाजपा के महासचिव (संगठन) अमिताभ चक्रवर्ती शामिल थे.

बैठक में नड्डा ने उनसे पश्चिम बंगाल में उन निर्वाचित प्रतिनिधियों की सूची तैयार करने को कहा, जिनके पार्टी छोड़ने की संभावना अधिक है. बात की पुष्टि करते हुए दिलीप घोष ने ईटीवी भारत को बताया कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अब इस पलायन को रोकने में सीधे हस्तक्षेप करेंगे.

उन्होंने कहा कि वह सीधे राज्य समिति से रिपोर्ट मांगेंगे और उसके अनुसार सुधारात्मक कदम उठाएंगे. वह उनसे सीधे बात करेंगे. उन्होंने कहा कि अगर जरूरी हुआ तो वह सीधे उनसे संवाद के लिए राष्ट्रीय राजधानी आने को कहेंगे. 2011 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में भाजपा 77 विधायकों को जिताने में सफल रही और इस तरह राज्य में प्रमुख विपक्षी दल का दर्जा प्राप्त किया.

हालांकि, जल्द ही भाजपा विधायकों ने पार्टी छोड़नी शुरू कर दी और एक के बाद एक तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए. भाजपा को अंतिम झटका तब लगा जब उनकी पार्टी के आसनसोल से लोकसभा सदस्य और गायक से राजनेता बने बाबुल सुप्रियो तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए.

यह भी पढ़ें-राष्ट्रपति ने लोगों से भारत को गांधी के सपनों का देश बनाने का संकल्प लेने को कहा

यहां तक ​​कि पार्टी आलाकमान भी हैरान रह गया और उन्होंने हस्तक्षेप करने का फैसला किया. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नड्डा को मामले की जांच करने का निर्देश दिया. इसके तुरंत बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने हस्तक्षेप करने का फैसला किया. अमित शाह ने पश्चिम बंगाल में बीजेपी की सांगठनिक कमजोरियों के बारे में पूछताछ की है.

कोलकाता : भाजपा सूत्रों ने बताया कि हाल ही में नड्डा ने नेताओं के पलायन के मुद्दे पर पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ भाजपा नेताओं के साथ बैठक की थी. बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष, पश्चिम बंगाल में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और भाजपा के महासचिव (संगठन) अमिताभ चक्रवर्ती शामिल थे.

बैठक में नड्डा ने उनसे पश्चिम बंगाल में उन निर्वाचित प्रतिनिधियों की सूची तैयार करने को कहा, जिनके पार्टी छोड़ने की संभावना अधिक है. बात की पुष्टि करते हुए दिलीप घोष ने ईटीवी भारत को बताया कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अब इस पलायन को रोकने में सीधे हस्तक्षेप करेंगे.

उन्होंने कहा कि वह सीधे राज्य समिति से रिपोर्ट मांगेंगे और उसके अनुसार सुधारात्मक कदम उठाएंगे. वह उनसे सीधे बात करेंगे. उन्होंने कहा कि अगर जरूरी हुआ तो वह सीधे उनसे संवाद के लिए राष्ट्रीय राजधानी आने को कहेंगे. 2011 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में भाजपा 77 विधायकों को जिताने में सफल रही और इस तरह राज्य में प्रमुख विपक्षी दल का दर्जा प्राप्त किया.

हालांकि, जल्द ही भाजपा विधायकों ने पार्टी छोड़नी शुरू कर दी और एक के बाद एक तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए. भाजपा को अंतिम झटका तब लगा जब उनकी पार्टी के आसनसोल से लोकसभा सदस्य और गायक से राजनेता बने बाबुल सुप्रियो तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए.

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यहां तक ​​कि पार्टी आलाकमान भी हैरान रह गया और उन्होंने हस्तक्षेप करने का फैसला किया. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नड्डा को मामले की जांच करने का निर्देश दिया. इसके तुरंत बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने हस्तक्षेप करने का फैसला किया. अमित शाह ने पश्चिम बंगाल में बीजेपी की सांगठनिक कमजोरियों के बारे में पूछताछ की है.

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