चमोली : भारत-चीन सीमा (India-China border) को जोड़ने वाली उत्तराखंड स्थित जोशीमठ-नीती बॉर्डर रोड (Joshimath-Niti Border Road) तमक के पास मरखूड़ा में भारी भूस्खलन से अभी भी बंद है. चमोली जिला प्रशासन के सहयोग से सोमवार को घाटी के दोनों तरफ फंसे लोगों का हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया. साथ ही NDRF, SDRF, BRO एवं प्रशासन की टीम ने वैकल्पिक मार्ग से पैदल आवाजाही भी शुरू कराकर 250 लोगों को आर-पार भेजा है. घाटी के लोग अब वैकल्पिक पैदल मार्ग से भी आवाजाही कर रहे हैं.
जोशीमठ-नीती बॉर्डर सड़क तमक के पास मरखूड़ा में पिछले 10 दिन से बंद है. वहीं, सोमवार को नीती घाटी के गांव में फंसे 30 लोगों को हेलीकॉप्टर से उनके गंतव्य तक भेजा गया. इसके अलावा नीती घाटी के प्रभावित गांवों में स्वास्थ्य सुविधा और खाद्यान्न की समस्या को दूर करने के लिए प्रशासन ने हेलीकॉप्टर से मेडिकल व खाद्यान्न टीम क्षेत्र में भेज दी है.
नीती बॉर्डर हाईवे पर ऊंची पहाड़ी से रूक-रूककर अभी भी पत्थर गिर रहे हैं, जिस कारण यहां पर मार्ग खोलने में देरी हो रही है. बीआरओ यहां पर लगातार मार्ग खोलने में जुटा है. जानकारी के मुताबिक, अब तक वैकल्पिक रास्तों की खोज करते हुए SDRF व NDRF की रेस्क्यू टीम ने गांव में 250 से अधिक फंसे लोगों को सुरक्षित वहां से बाहर निकाला है.
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बता दें कि, ये क्षेत्र सामरिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है. भारत चीन सीमा पर जाने वाले सैनिकों को भी इसी मार्ग से जाना पड़ता है. यह मार्ग चीन सीमा से लगा होने के चलते सामरिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है. कुछ दिन पहले भूस्खलन के बाद बीआरओ ने सड़क खोल कर आवाजाही सुचारू कर दी थी. लेकिन लगातार मलबा आने से बीते 10 दिनों से रोड बंद है.
आमरण अनशन पर पूर्व ब्लॉक प्रमुख : सड़क न खुलने और घाटी में फंसे लोगों के लिए हेली सेवा शुरू न किए जाने से नाराज जोशीमठ के पूर्व ब्लॉक प्रमुख ठाकुर सिंह राणा ने सोमवार को तहसील परिसर में आमरण अनशन किया. इसके अलावा सड़क न खुलने से नाराज नीती घाटी के लोगों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर सड़क को जल्द से जल्द खोलने की मांग की है.