जोरहाट : असम के जोरहाट मॉब लिंचिंग (mob lynching in Jorhat) के मुख्य आरोपी की पुलिस हिरासत में रहते हुए बुधवार तड़के एक सड़क दुर्घटना के दौरान मौत हो गई. घटना के एक दिन बाद एंबुलेंस सेवा ने मुख्य आरोपी नीरज दास उर्फ कोला लोरा (Niraj Das alias Kola Lora ) की लाश को ले जाने से इनकार कर दिया, जबकि जोरहाट बार एसोसिएशन (Jorhat bar association) के सदस्यों ने अन्य 12 आरोपियों का बचाव करने से इनकार कर दिया.
इतना ही नीरज की मौत पर शहर ने खुशी मनाई और इसे कुदरत का इंसाफ करार दिया.
बता दें कि मुख्य आरोपी नीरज दास, जिसने कथित तौर पर जोरहाट में सोमवार को अनिमेष भुयान मॉब लिंचिंग ( Animesh Bhuyan Mob lynching) का नेतृत्व किया था.
पुलिस का कहना है कि नीरज ने एक पुलिस वैन से कूदने की कोशिश की और दुर्भाग्य से तभी एक अन्य पुलिस वाहन ने उसे टक्कर मार दी. हालांकि उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
इस बीच असम के जोरहाट शहर में बुधवार को पुलिस हिरासत में नीरज दास की एक दुर्घटना में मौत होने की खबर फैलने के बाद लोगों का एक वर्ग खुशी से झूम उठा.
लोगों के एक वर्ग ने शहर में पटाखे फोड़कर जश्न भी मनाया, जहां मुख्य और कुछ अन्य लोगों ने सोमवार को एक सड़क दुर्घटना (29 नवंबर) को लेकर छात्र नेता की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी.
मामले में पुलिस ने नीरज सहित 13 लोगों को लिंचिंग में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया था.
जोरहाट के पुलिस अधीक्षक अंकुर जैन ने कहा कि पूछताछ के दौरान नीरज ने हमें ड्रग्स रैकेट के बारे में कुछ जानकारी दी. जब उसे पुलिस जांच के लिए ले जा रही थी, तभी नीरज ने वैन से कूदकर भागने की कोशिश की और अन्य पुलिस वाहन से टकरागया.
पढ़ें - Jorhat mob lynching : सीएम सरमा ने एडीजीपी को सौंपी जांच
लोगों में भुयान की लिंचिंग के खिलाफ इतना गुस्सा था कि जोरहाट में एम्बुलेंस मालिकों ने पोस्टमॉर्टम के बाद नीरज के शव को उसके घर ले जाने से इनकार कर दिया.
जोरहाट बार एसोसिएशन के सदस्यों ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि उनमें से कोई भी अनिमेष भुयान की सोमवार की मॉब लिंचिंग में शामिल 12 आरोपियों का बचाव करने वाला नहीं है.