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जो बाइडेन ने पुतिन को चेताया, रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तो जवाब देगा अमेरिका

यूक्रेन को लेकर तनातनी के बीच अमेरिका के प्रेसिडेंट जो बाइडेन और रूसी राष्ट्रपति के बीच गुरुवार को फोन पर 50 मिनट तक बातचीत हुई. व्हॉइट हाउस के मुताबिक, जो बाइडेन ने स्पष्ट किया कि अगर रूस यूक्रेन पर और हमला करता है तो अमेरिका और उसके सहयोगी देश निर्णायक जवाब देंगे. पूरी बातचीत के दौरान रूसी राष्ट्रपति ने क्या कहा, इसकी जानकारी वॉइट हाउस ने नहीं दी है.

Ukraine Russia tension
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Published : Dec 31, 2021, 7:27 AM IST

वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने गुरुवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) यूक्रेन (Ukraine) के पास रूसी सेना के बढ़ते दखल पर फोन पर चर्चा की. व्हॉइट हाउस के प्रेस सचिव जेन साकी की ओर से जारी बयान के मुताबिक, दोनों राष्ट्र प्रमुखों के बीच 50 मिनट तक बातचीत हुई. इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से यूक्रेन के साथ तनाव कम करने की अपील की. हालांकि जो बाइडेन ने स्पष्ट किया कि अगर रूस यूक्रेन पर और हमला करता है तो वाशिंगटन, उसके सहयोगी और सहयोगी निर्णायक जवाब देंगे.

जेन साकी ने बताया कि राष्ट्रपति बिडेन (Joe Biden) की रुसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के साथ बातचीत अमेरिकी समय के अनुसार गुरुवार दोपहर 3:35 पर शुरू हुई, जो शाम 4:25 बजे समाप्त हुई. अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी दोहराया कि तनाव कम करने के माहौल में ही बातचीत में प्रगति हो सकती है. इस दौरान उन्होंने दोनों देशों के बीच बातचीत जारी रखने पर भी सहमति जताई. बता दें कि 10 जनवरी को अमेरिकी और रूस के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच जिनेवा में वार्ता होने वाली है.

गौरतलब है कि रूस और अमेरिका के राष्ट्र प्रमुखों ने यूक्रेन में बढ़ते तनाव के बीच एक महीने में दूसरी बार बातचीत की है. इससे पहले दोनों नेताओं ने सात दिसंबर को वीडियो कॉल पर बात की थी. उस बैठक के दौरान दोनों नेता यूक्रेन सीमा पर बढ़ते तनाव के मद्देनजर दूतों की नियुक्ति पर सहमत हुए थे.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रूस ने यूक्रेन से लगने वाली सीमा पर बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती की है. अमेरिका रूस पर यूक्रेन के बॉर्डर पर बड़ी सैन्य उपस्थिति को कम करने का दबाव बना रहा है. अमेरिकी खुफिया एजेंसियों को आशंका है कि रूस यूक्रेन पर हमला कर सकता है.

यूक्रेन पूर्व सोवियत संघ का हिस्सा है. रूस चाहता है कि यूक्रेन समेत पूर्व सोवियत संघ के देशों को नाटो (North Atlantic Treaty Organization) में शामिल नहीं किया जाए. वह नाटो के विस्तार को लेकर अमेरिका से ठोस आश्वासन चाहता है. रूस की चिंता यह है कि अगर यूक्रेन और नाटों में शामिल पश्चिमी देश के बीच रिश्ते मजबूत हुए तो यह उसके लिए बड़ा खतरा होगा.

वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने गुरुवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) यूक्रेन (Ukraine) के पास रूसी सेना के बढ़ते दखल पर फोन पर चर्चा की. व्हॉइट हाउस के प्रेस सचिव जेन साकी की ओर से जारी बयान के मुताबिक, दोनों राष्ट्र प्रमुखों के बीच 50 मिनट तक बातचीत हुई. इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से यूक्रेन के साथ तनाव कम करने की अपील की. हालांकि जो बाइडेन ने स्पष्ट किया कि अगर रूस यूक्रेन पर और हमला करता है तो वाशिंगटन, उसके सहयोगी और सहयोगी निर्णायक जवाब देंगे.

जेन साकी ने बताया कि राष्ट्रपति बिडेन (Joe Biden) की रुसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के साथ बातचीत अमेरिकी समय के अनुसार गुरुवार दोपहर 3:35 पर शुरू हुई, जो शाम 4:25 बजे समाप्त हुई. अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी दोहराया कि तनाव कम करने के माहौल में ही बातचीत में प्रगति हो सकती है. इस दौरान उन्होंने दोनों देशों के बीच बातचीत जारी रखने पर भी सहमति जताई. बता दें कि 10 जनवरी को अमेरिकी और रूस के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच जिनेवा में वार्ता होने वाली है.

गौरतलब है कि रूस और अमेरिका के राष्ट्र प्रमुखों ने यूक्रेन में बढ़ते तनाव के बीच एक महीने में दूसरी बार बातचीत की है. इससे पहले दोनों नेताओं ने सात दिसंबर को वीडियो कॉल पर बात की थी. उस बैठक के दौरान दोनों नेता यूक्रेन सीमा पर बढ़ते तनाव के मद्देनजर दूतों की नियुक्ति पर सहमत हुए थे.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रूस ने यूक्रेन से लगने वाली सीमा पर बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती की है. अमेरिका रूस पर यूक्रेन के बॉर्डर पर बड़ी सैन्य उपस्थिति को कम करने का दबाव बना रहा है. अमेरिकी खुफिया एजेंसियों को आशंका है कि रूस यूक्रेन पर हमला कर सकता है.

यूक्रेन पूर्व सोवियत संघ का हिस्सा है. रूस चाहता है कि यूक्रेन समेत पूर्व सोवियत संघ के देशों को नाटो (North Atlantic Treaty Organization) में शामिल नहीं किया जाए. वह नाटो के विस्तार को लेकर अमेरिका से ठोस आश्वासन चाहता है. रूस की चिंता यह है कि अगर यूक्रेन और नाटों में शामिल पश्चिमी देश के बीच रिश्ते मजबूत हुए तो यह उसके लिए बड़ा खतरा होगा.

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