जयपुर. राजस्थान के जोधपुर जिले का कुख्यात बदमाश और हिस्ट्रीशीटर कैलाश मांजू आखिरकार दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ गया. उसे दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने रविवार को हिरासत में ले लिया. उस दौरान पुलिस को उसके पास से अवैध हथियार और कारतूस मिले हैं. इसी कारणवश दिल्ली पुलिस ने उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करके उसे गिरफ्तार कर लिया है. अब पुलिस की टीम उससे पूछताछ कर रही है. इसके साथ ही जोधपुर के अलग-अलग थानों से कैलाश मांजू के खिलाफ दर्ज मुकदमों की जानकारी भी दिल्ली पुलिस जुटा रही है.
बता दें कि कैलाश मांजू पर जोधपुर और आसपास के इलाकों में 42 मुकदमें दर्ज हैं. उस पर पुलिस ने एक लाख रुपए का ईनाम भी घोषित कर रखा है. इसके अलावा अवैध हथियारों की तस्करी को लेकर एनआईए को भी कैलाश मांजू की तलाश थी. हालांकि, दिल्ली पुलिस ने अभी तक कैलाश मांजू की गिरफ्तारी को लेकर आधिकारिक रूप से कोई जानकारी नहीं दी है. सूत्रों के अनुसार, दिल्ली पुलिस ने जोधपुर के शास्त्री नागर और हाउसिंग बोर्ड थाने से कैलाश मांजू के खिलाफ दर्ज मामलों की जानकारी मांगी है. शास्त्रीनगर थाना से लॉरेंस विश्नोई से जुड़े 2017 के एक मामले में कैलाश मांजू के खिलाफ पेश किए गए चालान की जानकारी भी दिल्ली पुलिस ने ली है. इसके अलावा कैलाश मांजू के परिजनों को भी दिल्ली पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी की जानकारी दी है.
पहले लॉरेंस का साथी, अब जानी दुश्मन : कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई और कैलाश मांजू की पहले अच्छी दोस्ती थी. लेकिन साल 2017 में जोधपुर के दो व्यापारियों से रंगदारी वसूलने के एक मामले में कैलाश मांजू और लॉरेंस विश्नोई आमने-सामने हो गए थे. तब से दोनों के बीच गहरी रंजिश है. इसी मामले में पुलिस कैलाश मांजू के खिलाफ चालान पेश कर चुकी है. इसके अलावा हार्डकोर बदमाश विक्रम सिंह नांदिया से भी कैलाश मांजू की पुरानी दुश्मनी है.
एनआईए को भी थी मांजू की तलाश : हथियारों की तस्करी के मामले में एनआईए को भी कैलाश मांजू की तलाश थी. जांच एजेंसी ने इस साल 21 फरवरी को कैलाश मांजू के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी. बोरानाडा इलाके में वीतराग कॉलोनी के एक फ्लैट में उसका परिवार रहता है. यहां भी एनआईए ने परिजनों को कैलाश मांजू के नाम समन दिया था और उसे दिल्ली में पेशी के लिए बुलाया था. कैलाश भाटेलाई ग्राम पंचायत का सरपंच भी रह चुका है. जहां उसके ठिकानों पर भी एनआईए ने दबिश दी थी. दिल्ली में एनआईए ने उससे पूछताछ भी की थी.
राजपासा में एक साल के लिए निरुद्ध, एक लाख का ईनाम : जोधपुर (पश्चिम) डीसीपी की अनुशंसा पर जोधपुर कलेक्टर ने कैलाश मांजू को एक साल के लिए जिले से निरुद्ध कर रखा है. इस संबंध में पिछले साल 30 नवंबर को आदेश जारी हुए थे. इसके साथ ही उस पर इनामी की राशि को भी बढ़ाकर एक लाख रुपए कर दिया गया है. इस संबंध में एडीजी (क्राइम) दिनेश एमएन ने 8 जून को आदेश जारी किए थे.