श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर): जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने सोमवार शाम को जम्मू-कश्मीर प्रशासन पर 'झूठ बोलने' का आरोप लगाया. सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त करने पर अपना बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाए जाने के कुछ घंटों बाद उमर ने कहा, 'मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया नहीं देना चाहता, मैं घर में नजरबंद हूं. आप इसकी रिपोर्ट करें. उपराज्यपाल (मनोज सिन्हा) से पूछें कि वह झूठ क्यों बोलते हैं. जम्मू-कश्मीर के पुलिस अधिकारियों से पूछें कि वे झूठ क्यों बोलते हैं. वे यहां खड़े हैं.'
गुस्से में दिख रहे उमर ने कहा, 'आप पहले सच्चाई बताएं और फिर मुझसे सवाल करें, मेरे गेट पर सुबह 8 बजे से ताला लगा हुआ है, उनसे पूछें कि क्यों. आप क्या बात करना चाहते हैं, क्या आप देख नहीं सकते कि गेट पर ताला लगा दिया गया है.'
उन्होंने जम्मू-कश्मीर प्रशासन पर निशाना साधते हुए कहा, 'वे सुबह से मीडिया के सामने झूठ बोल रहे हैं और सामान्य स्थिति का दावा कर रहे हैं. हम सुबह से बंद हैं, हमारी गलती क्यों और क्या है? दरअसल, किसी ने हमें घर में नजरबंद किए जाने की सूचना नहीं दी, मैंने देखा तो सिर्फ ताले थे.'
उन्होंने कहा कि 'तुम वहां बंद थे और मैं यहां बंद हूं. वे झूठे हैं. वे अपराधियों को नहीं पकड़ सकते, लेकिन मेरे गेट को बंद करने के लिए जंजीरों (हथकड़ी) का इस्तेमाल करते हैं. उनमें किसी अपराधी को पकड़ने की हिम्मत नहीं है... फिर वे दावा करते हैं कि किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है. उन्होंने एक पत्रकार का कैमरा भी छीनने की कोशिश की.' उन्होंने कहा कि 'मैं यहां अपनी मर्जी से नहीं बैठा हूं. मैं बाहर आकर आज के संबंध में आपसे बात करना चाहता था. कल या परसों देखते हैं.'
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