नई दिल्ली : कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद द्वारा गांधी परिवार के 'अवांछित कारोबारियों' से रिश्ते होने का आरोप लगाए जाने के बाद सोमवार को उन पर तीखा प्रहार किया. उन्होंने कहा कि वह अपना असली चरित्र और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति वफादारी दिखाने के लिए लगातार नीचे गिरते जा रहे हैं. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि उनका यह 'तुच्छ बयान' इस बात को दर्शाता है कि आजाद खुद को प्रासंगिक बनाए रखने के लिए कितने परेशान हैं. आजाद ने अडाणी मामले पर राहुल गांधी के एक ट्वीट में अपने नाम का उल्लेख किए जाने से जुड़े सवाल के जवाब में आरोप लगाया कि राहुल गांधी और उनके परिवार के कई ऐसे कारोबारियों से रिश्ते हैं, जिनमें कुछ अवांछित भी हैं.
उन्होंने मलयाली समाचार नेटवर्क 'एशिया नेट' को दिए साक्षात्कार में कहा, "मेरे मन में गांधी परिवार के लिए बहुत सम्मान है, इसलिए मैं उनके परिवार के खिलाफ कुछ नहीं बोलना चाहता. वरना मैं ऐसे 10 उदाहरण दे सकता हूं जहां वह (राहुल) विदेश जाकर अवांछित उद्योगपतियों से मिलते हैं." जयराम रमेश ने आजाद पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, "हर गुजरते दिन के साथ, गुलाम नबी आजाद अपना असली चरित्र और मोदी जी के प्रति वफादारी को दिखाने के लिए नीचे गिरते जा रहे हैं. कांग्रेस नेतृत्व पर उनका तुच्छ बयान इस बात को दर्शाता है कि वह प्रासंगिक बने रहने के लिए कितने परेशान हैं. मैं यही कह सकता हूं कि यह बहुत दयनीय है."
आजाद के बयान के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस के मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा, "जिनके पास बंगला है, उन्हें बंगला मुबारक हो. वह किसके धुन पर ये राग दरबारी सुना रहे हैं, वो सब जानते हैं. राहुल गांधी और कांग्रेस मांग कर रही है कि अडाणी मामले में जेपीसी की जांच हो. इसलिए भाजपा ऐसे लोगों का इस्तेमाल कर रही है जो पहले कांग्रेस में थे. पहले महाराज (ज्योतिरादित्य सिंधिया) को आगे किया गया और अब आजाद को लाया गया है."
उन्होंने शरद पवार के बयान पर कहा, "शरद पवार ने कहा है कि जेपीसी की जांच से सच पता नहीं चलेगा. इसमें क्या गलत है. हम सब यह जानते हैं कि जेपीसी में भाजपा के सदस्य ज्यादा होंगे, कुछ तो ऐसा सच है जो सामने नहीं आएगा. लेकिन जेपीसी की मांग इसलिए की गई है कि मंत्रालयों, सरकार और विभागों की भूमिका की जानकारी सबसे सामने आनी चाहिए."
(पीटीआई-भाषा)