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कुलगाम में युवक की आत्महत्या पर बोलीं महबूबा मुफ्ती, प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए

जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में एक सरकारी शिक्षक के बेटे ने अपने पिता के लंबित वेतन को लेकर आत्महत्या कर ली. जिसपर पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा कि युवा की मौत के लिए प्रशासन को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.

Mehbooba Mufti
महबूबा मुफ्ती
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Published : May 30, 2021, 9:35 PM IST

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में एक सरकारी शिक्षक के बेटे ने अपने पिता के लंबित वेतन को लेकर आत्महत्या कर ली. इस घटना ने केंद्र शासित प्रदेश में आक्रोश पैदा कर दिया है. राजनीतिक दल अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि युवा की मौत के लिए प्रशासन को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.

इस मामले में महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा कि एक व्यक्ति ने अपने पिता की तरह अन्य शिक्षकों की दुर्दशा को उजागर करने के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया, जिनका वेतन 2018 से रोक दिया गया है. जम्मू-कश्मीर प्रशासन को उसकी मृत्यु और ऐसे परिवारों को गंभीर तनाव में डालने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए. आशा है कि नए सीएस (मुख्य सचिव) अपने पूर्ववर्ती के विपरीत अधिक मानवीय दृष्टिकोण अपनाएंगे.

कुलगाम जिले के अवियल गांव (Avial village) के 25 वर्षीय इंजीनियरिंग ग्रेजुएट सोहैब मीर (Sohaib Mir) ने आत्महत्या करने से पहले एक वीडियो रिकॉर्ड किया. जिसमें उसने कहा कि उनके पिता, बशीर अहमद मीर एक सरकारी शिक्षक हैं और उनको ढाई साल से वेतन नहीं दिया गया. वह एक दयनीय जीवन जी रहे हैं. उनके जैसे कई और शिक्षक हैं. इसलिए, वह उन सभी के लिए खुद को बलिदान कर रहा है, ताकि उन्हें उनका हक मिले.

पढ़ें : उत्तर प्रदेश : काेराेना संक्रमित का शव राप्ती नदी में फेंका, केस दर्ज

मीर के पिता, बशीर अहमद मीर, एक पूर्व उग्रवादी थे, जिन्हें 2008 में शिक्षक के रूप में नियुक्त किया गया था. लेकिन पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (CID) द्वारा उनके खिलाफ प्रतिकूल रिपोर्ट दर्ज करने के बाद मार्च 2019 से उनका वेतन रोक दिया गया. जिलाध्यक्ष शिक्षक मंच कुलगाम शेख इंतिखाब आलम ने बताया कि जिले में 25 शिक्षक ऐसे हैं जिनका वेतन रोक दिया गया है.

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में एक सरकारी शिक्षक के बेटे ने अपने पिता के लंबित वेतन को लेकर आत्महत्या कर ली. इस घटना ने केंद्र शासित प्रदेश में आक्रोश पैदा कर दिया है. राजनीतिक दल अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि युवा की मौत के लिए प्रशासन को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.

इस मामले में महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा कि एक व्यक्ति ने अपने पिता की तरह अन्य शिक्षकों की दुर्दशा को उजागर करने के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया, जिनका वेतन 2018 से रोक दिया गया है. जम्मू-कश्मीर प्रशासन को उसकी मृत्यु और ऐसे परिवारों को गंभीर तनाव में डालने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए. आशा है कि नए सीएस (मुख्य सचिव) अपने पूर्ववर्ती के विपरीत अधिक मानवीय दृष्टिकोण अपनाएंगे.

कुलगाम जिले के अवियल गांव (Avial village) के 25 वर्षीय इंजीनियरिंग ग्रेजुएट सोहैब मीर (Sohaib Mir) ने आत्महत्या करने से पहले एक वीडियो रिकॉर्ड किया. जिसमें उसने कहा कि उनके पिता, बशीर अहमद मीर एक सरकारी शिक्षक हैं और उनको ढाई साल से वेतन नहीं दिया गया. वह एक दयनीय जीवन जी रहे हैं. उनके जैसे कई और शिक्षक हैं. इसलिए, वह उन सभी के लिए खुद को बलिदान कर रहा है, ताकि उन्हें उनका हक मिले.

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मीर के पिता, बशीर अहमद मीर, एक पूर्व उग्रवादी थे, जिन्हें 2008 में शिक्षक के रूप में नियुक्त किया गया था. लेकिन पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (CID) द्वारा उनके खिलाफ प्रतिकूल रिपोर्ट दर्ज करने के बाद मार्च 2019 से उनका वेतन रोक दिया गया. जिलाध्यक्ष शिक्षक मंच कुलगाम शेख इंतिखाब आलम ने बताया कि जिले में 25 शिक्षक ऐसे हैं जिनका वेतन रोक दिया गया है.

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