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Bihar News: बंध्याकरण कराने गई महिला की डॉक्टर ने निकाली बच्चेदानी, पेशाब की नली भी काटी - सिविल सर्जन डॉ यूसी शर्मा

बिहार में मरीजों के इलाज से जुड़ी अक्सर ऐसी घटनाएं सामने आतीं हैं, जो लोगों को हैरान कर देती हैं. कभी मोबाइल की रोशनी में मरीज का इलाज, तो कभी एंबुलेंस ड्राइवर द्वारा मरीज का ऑपरेशन और कभी झोलाछाप डॉक्टरों की करतूत, मरीजों की जान से खेलना तो शायद बिहार के झोलाछाप डॉक्टर्स ने अपना पेशा बना लिया है, एक बार फिर बिहार के मुजफ्फरपुर के एक झोलाछाप डॉक्टर ने एक महिला का ऐसा इलाज किया कि वो जिंदगी और मौत के बीच झूल रही है.

महिला की डॉक्टर ने निकाली बच्चेदानी
महिला की डॉक्टर ने निकाली बच्चेदानी
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Published : Mar 28, 2023, 11:39 AM IST

Updated : Mar 28, 2023, 12:27 PM IST

मुजफ्फरपुर में महिला की डॉक्टर ने निकाली बच्चेदानी

मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर में चर्चित किडनी कांड का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि जिले में एक और झोलाछाप डॉक्टर की नई करतूत सामने आई है. जहां इलाज कराने गई एक महिला की बच्चेदानी और पेशाब के रास्ते की नस काट दी गई. इसके बाद महिला की हालत बिगड़ने लगी, आनन-पानन में उसे समस्तीपुर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है लेकिन महिला की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है. घटना बरियारपुर ओपी क्षेत्र के बहादुरपुर गांव का है. पीड़िता समस्तीपुर के मुसरीघरारी के रहने वाले दीपक सहनी की पत्नी है.

ये भी पढ़ेंः मुजफ्फरपुर में झोलाछाप डॉक्टर ने महिला की दोनों किडनी निकाली

नसबंदी का ऑपरेशन कराने गई थी महिलाः दरअसल तीन महीने पहले श्रीद्धि सेवा सदन में महिला पिंकी देवी का बंध्याकरण हुआ था. इसी दौरान एक झोलाछाप डॉक्टर ने ये बड़ा कांड कर दिया. नस काटे जाने के बाद महीला की स्थिति बिगड़ने लगी. जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल कर्मी और डॉक्टरों के सामने हंगामा करना शुरू कर दिया. बाद में कर्मियों और अन्य लोगों के समझाने पर मामला शांत हुआ और परिजनों से कहा गया कि इसे बाहर दिखाई, जो खर्चा होगा हॉस्पिटल उसका वहन करेगा, उसके बाद परिजनों ने महिला को समस्तीपुर के एक निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया. लेकिन बाद में जब खर्चा देने की बात आई तो झोलाछाप डॉक्टर मुकर गया और परिजनों से मारपीट करने लगा.

पंचायत में हुई मामले की सुनवाईः इसके बाद परिजनों ने इसकी शिकायत स्थानीय सरपंच राकेश राय से की जिसे लेकर स्थानीय स्तर पर एक पंचायत हुई, जिसमें यह फैसला हुआ कि महिला का इलाज का जो भी खर्चा आएगा, वो डॉक्टर को देना होगा. ये सुनकर डॉक्टर ने ऐसा करने से मना कर दिया. जिसके बाद पीड़िता की मां देवंती देवी ने इस संबंध में उक्त निजी नर्सिंग होम संचालक, डॉक्टर और कर्मियों के खिलाफ बरियारपुर ओपी में आवेदन देकर मामला दर्ज काराया है. इस मामले में बरियारपुर ओपी सब इंस्पेक्टर चांदनी कुमारी सांवरिया ने बताया कि एक महिला द्वारा लिखित शिकायत की गई है, जिसमें उनकी बेटी का ऑपरेशन इसी क्षेत्र के एक निजी नर्सिंग होम द्वारा 23 दिसंबर को किया गया था. जिसके बाद उसकी हालत बिगड़ गई है.

"पीड़ित महिला की मां ने शिकायत में बताया है कि उनकी बेटी की बच्चेदानी और पेशाब की नली की नस निजी नर्सिंग होम के डॉक्टर द्वारा काट दी गई है, जिससे उनकी हालत गंभीर बनी हुई है. अब महिला के घर वाले दूसरे निजी हॉस्पिटल में उसका इलाज करा रहे हैं. मामले की जांच पड़ताल की जा रही है, पीड़ित परिवार को सभी कागजात दिखाने को कहा गया है.ताकि जांच सही ढ़ंग से हो सके"-चांदनी कुमारी सांवरिया, सब इंस्पेक्टर

"मेरी बहन का इलाज सकरा में डॉक्टर के पास चल रहा था, बच्चा बंद करने के लिए ऑपरेशन कराया था लेकिन बच्चा दानी भी निकाल दिया, पेशाब की नस भी कटा हुआ है, दूसरी जगह अल्टरासाउंड कराने पर पता चला. पटना और दरभंगा में भी दिखाया वहां का डॉकटर भी बोला नली कटा हुआ है, इसका जल्दी ऑपरेशन करना होगा. पेशाब में दिक्कत हो रहा है. अब प्राइवेट में ऑपरेशन कराना है, 1 लाख का खर्चा है"- पीड़िता की बहन

सिविल सर्जन ने जांच का आश्वासनः वहीं इस पूरे मामले पर मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन डॉ. यूसी शर्मा ने कहा है कि ये मामला मीडिया के ही जरिए उन्हें पता चला है. इस तरह का काम अगर हुआ है तो स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी पूरे मामले की जांच करेंगे और जो भी दोषी है उनपर कार्रवाई की जाएगी. बार बार इस इलाके में इस तरह का मामला हो रहा है, जो एक बड़ी लापरवाही है.

"ये मामला मीडिया के जरिए ही संज्ञान में आया है. जो भी दोषी है उन पर कार्रवाई की जाएगी. इस इलाके में इस तरह का मामला जो हो रहा है, वो एक बड़ी लापरवाही है. इसकी पूरी जांच कराई जाएगी"- डॉ. यूसी शर्मा, सिविल सर्जन

इस इलाके में बार- बार होती है ऐसी घटनाः आपको बता दें कि निजी नर्सिंग होम को चलाने के लिए सरकार द्वारा विधिवत तरीके से कई मानक निर्धारित किए गए हैं, जिसे जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा सख्ती से पालन कराने का निर्देश दिया गया है. लेकिन मजफ्फुर के इस निजी नर्सिंग होम की हालत देख कर किसी की भी रूह कांप जाएगी. यहां जानवरों के इलाज से भी बदतर व्यवस्था नजर आ रही है, जहां ये डॉक्टर मरीजों का इलाज करते थे. जिले में बार-बार निजी नर्सिंग होम की लापरवाही सामने आ रही है, इससे पहले इसी इलाके में एक महिला सुनीता की एक डॉक्टर द्वारा दोनों किडनी निकाल दी गई थी, जो आज भी किडनी के इंतजार में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है. आज तक इस मामले पर भी कार्रवाई पूरी नहीं हुई और ना ही जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा महिला को किडनी मुहैया कराई गई. स्वास्थ्य विभाग सिर्फ कागजों पर अपना कोरम पूरा कर लेता है. वरना इन झोलाछाप डॉक्टरों पर अगर कार्रवाई होती तो ऐसी नौबत बार-बार नहीं आती.

मुजफ्फरपुर में महिला की डॉक्टर ने निकाली बच्चेदानी

मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर में चर्चित किडनी कांड का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि जिले में एक और झोलाछाप डॉक्टर की नई करतूत सामने आई है. जहां इलाज कराने गई एक महिला की बच्चेदानी और पेशाब के रास्ते की नस काट दी गई. इसके बाद महिला की हालत बिगड़ने लगी, आनन-पानन में उसे समस्तीपुर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है लेकिन महिला की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है. घटना बरियारपुर ओपी क्षेत्र के बहादुरपुर गांव का है. पीड़िता समस्तीपुर के मुसरीघरारी के रहने वाले दीपक सहनी की पत्नी है.

ये भी पढ़ेंः मुजफ्फरपुर में झोलाछाप डॉक्टर ने महिला की दोनों किडनी निकाली

नसबंदी का ऑपरेशन कराने गई थी महिलाः दरअसल तीन महीने पहले श्रीद्धि सेवा सदन में महिला पिंकी देवी का बंध्याकरण हुआ था. इसी दौरान एक झोलाछाप डॉक्टर ने ये बड़ा कांड कर दिया. नस काटे जाने के बाद महीला की स्थिति बिगड़ने लगी. जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल कर्मी और डॉक्टरों के सामने हंगामा करना शुरू कर दिया. बाद में कर्मियों और अन्य लोगों के समझाने पर मामला शांत हुआ और परिजनों से कहा गया कि इसे बाहर दिखाई, जो खर्चा होगा हॉस्पिटल उसका वहन करेगा, उसके बाद परिजनों ने महिला को समस्तीपुर के एक निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया. लेकिन बाद में जब खर्चा देने की बात आई तो झोलाछाप डॉक्टर मुकर गया और परिजनों से मारपीट करने लगा.

पंचायत में हुई मामले की सुनवाईः इसके बाद परिजनों ने इसकी शिकायत स्थानीय सरपंच राकेश राय से की जिसे लेकर स्थानीय स्तर पर एक पंचायत हुई, जिसमें यह फैसला हुआ कि महिला का इलाज का जो भी खर्चा आएगा, वो डॉक्टर को देना होगा. ये सुनकर डॉक्टर ने ऐसा करने से मना कर दिया. जिसके बाद पीड़िता की मां देवंती देवी ने इस संबंध में उक्त निजी नर्सिंग होम संचालक, डॉक्टर और कर्मियों के खिलाफ बरियारपुर ओपी में आवेदन देकर मामला दर्ज काराया है. इस मामले में बरियारपुर ओपी सब इंस्पेक्टर चांदनी कुमारी सांवरिया ने बताया कि एक महिला द्वारा लिखित शिकायत की गई है, जिसमें उनकी बेटी का ऑपरेशन इसी क्षेत्र के एक निजी नर्सिंग होम द्वारा 23 दिसंबर को किया गया था. जिसके बाद उसकी हालत बिगड़ गई है.

"पीड़ित महिला की मां ने शिकायत में बताया है कि उनकी बेटी की बच्चेदानी और पेशाब की नली की नस निजी नर्सिंग होम के डॉक्टर द्वारा काट दी गई है, जिससे उनकी हालत गंभीर बनी हुई है. अब महिला के घर वाले दूसरे निजी हॉस्पिटल में उसका इलाज करा रहे हैं. मामले की जांच पड़ताल की जा रही है, पीड़ित परिवार को सभी कागजात दिखाने को कहा गया है.ताकि जांच सही ढ़ंग से हो सके"-चांदनी कुमारी सांवरिया, सब इंस्पेक्टर

"मेरी बहन का इलाज सकरा में डॉक्टर के पास चल रहा था, बच्चा बंद करने के लिए ऑपरेशन कराया था लेकिन बच्चा दानी भी निकाल दिया, पेशाब की नस भी कटा हुआ है, दूसरी जगह अल्टरासाउंड कराने पर पता चला. पटना और दरभंगा में भी दिखाया वहां का डॉकटर भी बोला नली कटा हुआ है, इसका जल्दी ऑपरेशन करना होगा. पेशाब में दिक्कत हो रहा है. अब प्राइवेट में ऑपरेशन कराना है, 1 लाख का खर्चा है"- पीड़िता की बहन

सिविल सर्जन ने जांच का आश्वासनः वहीं इस पूरे मामले पर मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन डॉ. यूसी शर्मा ने कहा है कि ये मामला मीडिया के ही जरिए उन्हें पता चला है. इस तरह का काम अगर हुआ है तो स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी पूरे मामले की जांच करेंगे और जो भी दोषी है उनपर कार्रवाई की जाएगी. बार बार इस इलाके में इस तरह का मामला हो रहा है, जो एक बड़ी लापरवाही है.

"ये मामला मीडिया के जरिए ही संज्ञान में आया है. जो भी दोषी है उन पर कार्रवाई की जाएगी. इस इलाके में इस तरह का मामला जो हो रहा है, वो एक बड़ी लापरवाही है. इसकी पूरी जांच कराई जाएगी"- डॉ. यूसी शर्मा, सिविल सर्जन

इस इलाके में बार- बार होती है ऐसी घटनाः आपको बता दें कि निजी नर्सिंग होम को चलाने के लिए सरकार द्वारा विधिवत तरीके से कई मानक निर्धारित किए गए हैं, जिसे जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा सख्ती से पालन कराने का निर्देश दिया गया है. लेकिन मजफ्फुर के इस निजी नर्सिंग होम की हालत देख कर किसी की भी रूह कांप जाएगी. यहां जानवरों के इलाज से भी बदतर व्यवस्था नजर आ रही है, जहां ये डॉक्टर मरीजों का इलाज करते थे. जिले में बार-बार निजी नर्सिंग होम की लापरवाही सामने आ रही है, इससे पहले इसी इलाके में एक महिला सुनीता की एक डॉक्टर द्वारा दोनों किडनी निकाल दी गई थी, जो आज भी किडनी के इंतजार में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है. आज तक इस मामले पर भी कार्रवाई पूरी नहीं हुई और ना ही जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा महिला को किडनी मुहैया कराई गई. स्वास्थ्य विभाग सिर्फ कागजों पर अपना कोरम पूरा कर लेता है. वरना इन झोलाछाप डॉक्टरों पर अगर कार्रवाई होती तो ऐसी नौबत बार-बार नहीं आती.

Last Updated : Mar 28, 2023, 12:27 PM IST

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