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Women's Day Special: रांची की निगहबानी बेहतरीन तरीके से निभा रही महिला पुलिस

झारखंड की राजधानी रांची की निगरानी महिला पुलिसकर्मियों के हाथों में है. महिला पुलिसकर्मी इसे बड़े ही शानदार तरीके के साथ निभा भी रही हैं. आप किसी मुसीबत में हैं या फिर आपको तुरंत पुलिस की सहायता चाहिए तो आप डायल 100 में कॉल करिए, तुरंत मदद मिलेगी (lady cop in ranchi jharkhand).

lady cop in ranchi jharkhand
रांची की निगहबानी
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Published : Mar 8, 2022, 7:54 PM IST

रांची: अमूमन जब किसी बड़े काम की जिम्मेदारी की बात आती है तो महिलाओं को नाजुक समझकर उन्हें पंक्ति में अंतिम छोर पर भेज दिया जाता था, लेकिन अब यह बात पुरानी हो चुकी है. नए दौर में महिलाएं पुरुषों के काम में भी उन्हें कड़ी टक्कर दे रही हैं. राजधानी रांची में शहर के पूरे मॉनिटरिंग सिस्टम को ही महिला पुलिसकर्मी कंट्रोल करती हैं. रांची के कचहरी चौकी स्थित पुलिस कंट्रोल रूम में शिफ्ट वाइज महिला पुलिसकर्मी अपनी जिम्मेदारियों को बेहतरीन तरीके से निभा रही हैं.

क्या क्या है जिम्मेदारी: पुलिस कंट्रोल रूम में एक शिफ्ट में 25 से अधिक महिला पुलिसकर्मी काम करती हैं. केवल रात के समय इनकी संख्या कम की जाती है. सब की जिम्मेदारी अलग-अलग है. सबसे महत्वपूर्ण कार्य डायल 100 में आने वाली सूचनाओं को लेकर पीसीआर और टाइगर जवानों को सूचना देना है ताकि जो लोग मदद के लिए फोन करते हैं उन्हें सही समय पर सहायता पहुंचाई जा सके.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

वहीं, दूसरी सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सीसीटीवी फुटेज की लाइव मॉनिटरिंग करना है. इस दौरान सड़क हादसे हों या फिर कोई और घटना अगर वह सीसीटीवी में नजर आती है तो नजदीकी थाने को महिला पुलिस कर्मियों के द्वारा त्वरित सूचना दी जाती है. इसके अलावा महिला पुलिस कर्मियों के जिम्मे ही शहर की गश्त करने वाले पुलिसकर्मियों पर नजर रखना है. अगर वह एक ही जगह काफी देर तक खड़े रहते हैं, तो उन्हें महिला पुलिस कर्मियों के द्वारा तुरंत मूव करने को कहा जाता है.

दरअसल, यह पुलिस कंट्रोल रूम 24 घंटे एक्टिव रहता है. डायल 100 से आने वाली सभी शिकायतें यहीं आती हैं. इतने मुश्किल भरे कामों को महिला पुलिसकर्मी लंबे समय से बेहद आसान तरीके से निभाती आ रही हैं. महिला पुलिसकर्मियों के अनुसार वे कॉल को लेकर हमेशा तत्पर रहती हैं क्योंकि ना जानें कौन किस मुसीबत में हो और मदद के लिए पुकार रहा हो.

लॉकडाउन में भी मिली थी मदद: पिछले वर्ष जब झारखंड में संपूर्ण लॉकडाउन लगा था तब डायल 100 के जरिए पुलिस वालों ने आम लोगों की जमकर मदद की थी. डायल 100 में जैसे ही कोई मदद के लिए पुलिस से गुहार लगी थी. पुलिस तुरंत उसकी मदद करती थी. इसके जरिए शिकायतें कई तरह की आती हैं. अपराध से लेकर कई दूसरे मामलों को लेकर भी, लेकिन लॉकडाउन में इलाज और दवा को लेकर लगातार कॉल्स आते थे.

ट्रैफिक चालान की जिम्मेदारी: पुलिस कंट्रोल रूम से ही ऑनलाइन ट्रैफिक चालान जेनरेट होता है. ऐसे में महिला पुलिस कर्मियों की नजर कंप्यूटर पर लगातार जमी रहती है. जैसे ही कोई ट्रैफिक के नियमों का उल्लंघन करता है, उसके नंबर को चिन्हित कर महिला पुलिसकर्मी ऑनलाइन चालान काटने के लिए ट्रैफिक डिपार्टमेंट के पास भेज देती हैं. इसके अलावा जीपीएस लगे सभी पुलिस वाहनों की मॉनिटरिंग का काम भी महिला पुलिसकर्मियों के जिम्मे ही है.

कुल मिलाकर कहा जाए तो राजधानी रांची की पूरी जिम्मेदारी महिला पुलिसकर्मी बड़े ही प्रोफेशनल तरीके से निभा रही हैं. आज तक ऐसा कभी भी नहीं हुआ जब सीनियर अफसरों तक यह शिकायत पहुंची हो कि डायल 100 के जरिए उन्हें तुरंत रिस्पांस नहीं मिला.

ये भी पढ़ें- Women’s Day Special : 8 साल की जोया का सपना पूरा, पायलट बन कई लोगों की बनीं प्रेरणा

पढ़ें- International Women's Day : एशिया की पहिला महिला लोको पायलट सुरेखा यादव

रांची: अमूमन जब किसी बड़े काम की जिम्मेदारी की बात आती है तो महिलाओं को नाजुक समझकर उन्हें पंक्ति में अंतिम छोर पर भेज दिया जाता था, लेकिन अब यह बात पुरानी हो चुकी है. नए दौर में महिलाएं पुरुषों के काम में भी उन्हें कड़ी टक्कर दे रही हैं. राजधानी रांची में शहर के पूरे मॉनिटरिंग सिस्टम को ही महिला पुलिसकर्मी कंट्रोल करती हैं. रांची के कचहरी चौकी स्थित पुलिस कंट्रोल रूम में शिफ्ट वाइज महिला पुलिसकर्मी अपनी जिम्मेदारियों को बेहतरीन तरीके से निभा रही हैं.

क्या क्या है जिम्मेदारी: पुलिस कंट्रोल रूम में एक शिफ्ट में 25 से अधिक महिला पुलिसकर्मी काम करती हैं. केवल रात के समय इनकी संख्या कम की जाती है. सब की जिम्मेदारी अलग-अलग है. सबसे महत्वपूर्ण कार्य डायल 100 में आने वाली सूचनाओं को लेकर पीसीआर और टाइगर जवानों को सूचना देना है ताकि जो लोग मदद के लिए फोन करते हैं उन्हें सही समय पर सहायता पहुंचाई जा सके.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

वहीं, दूसरी सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सीसीटीवी फुटेज की लाइव मॉनिटरिंग करना है. इस दौरान सड़क हादसे हों या फिर कोई और घटना अगर वह सीसीटीवी में नजर आती है तो नजदीकी थाने को महिला पुलिस कर्मियों के द्वारा त्वरित सूचना दी जाती है. इसके अलावा महिला पुलिस कर्मियों के जिम्मे ही शहर की गश्त करने वाले पुलिसकर्मियों पर नजर रखना है. अगर वह एक ही जगह काफी देर तक खड़े रहते हैं, तो उन्हें महिला पुलिस कर्मियों के द्वारा तुरंत मूव करने को कहा जाता है.

दरअसल, यह पुलिस कंट्रोल रूम 24 घंटे एक्टिव रहता है. डायल 100 से आने वाली सभी शिकायतें यहीं आती हैं. इतने मुश्किल भरे कामों को महिला पुलिसकर्मी लंबे समय से बेहद आसान तरीके से निभाती आ रही हैं. महिला पुलिसकर्मियों के अनुसार वे कॉल को लेकर हमेशा तत्पर रहती हैं क्योंकि ना जानें कौन किस मुसीबत में हो और मदद के लिए पुकार रहा हो.

लॉकडाउन में भी मिली थी मदद: पिछले वर्ष जब झारखंड में संपूर्ण लॉकडाउन लगा था तब डायल 100 के जरिए पुलिस वालों ने आम लोगों की जमकर मदद की थी. डायल 100 में जैसे ही कोई मदद के लिए पुलिस से गुहार लगी थी. पुलिस तुरंत उसकी मदद करती थी. इसके जरिए शिकायतें कई तरह की आती हैं. अपराध से लेकर कई दूसरे मामलों को लेकर भी, लेकिन लॉकडाउन में इलाज और दवा को लेकर लगातार कॉल्स आते थे.

ट्रैफिक चालान की जिम्मेदारी: पुलिस कंट्रोल रूम से ही ऑनलाइन ट्रैफिक चालान जेनरेट होता है. ऐसे में महिला पुलिस कर्मियों की नजर कंप्यूटर पर लगातार जमी रहती है. जैसे ही कोई ट्रैफिक के नियमों का उल्लंघन करता है, उसके नंबर को चिन्हित कर महिला पुलिसकर्मी ऑनलाइन चालान काटने के लिए ट्रैफिक डिपार्टमेंट के पास भेज देती हैं. इसके अलावा जीपीएस लगे सभी पुलिस वाहनों की मॉनिटरिंग का काम भी महिला पुलिसकर्मियों के जिम्मे ही है.

कुल मिलाकर कहा जाए तो राजधानी रांची की पूरी जिम्मेदारी महिला पुलिसकर्मी बड़े ही प्रोफेशनल तरीके से निभा रही हैं. आज तक ऐसा कभी भी नहीं हुआ जब सीनियर अफसरों तक यह शिकायत पहुंची हो कि डायल 100 के जरिए उन्हें तुरंत रिस्पांस नहीं मिला.

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