रांची: झारखंड में आतंकी संगठन आईएसआईएस की मॉड्यूल को लेकर एनआईए ने गुरुवार को कई राज्यों के नौ ठिकानों पर छापेमारी की थी. छापेमारी के दौरान मध्यप्रदेश के रतलाम से एक संदिग्ध राहुल सेन उर्फ उमर की गिरफ्तारी भी हुई थी, झारखंड में आतंक फैलाने के उद्देश्य से इस मॉड्यूल का गठन किया गया था. इस मामले में लोहरदगा से पूर्व में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र की गिरफ्तारी हुई थी.
जुलाई महीने में एनआईए ने फैजान नाम के युवक को लोहरदगा से गिरफ्तार किया था. एएमयू में पढ़ाई के दौरान फैजान आईएसआईएस चरमपंथियों के संपर्क में आकर संगठन में शामिल हो गया था. एनआईए ने गुरुवार को छह राज्यों में नौ ठिकानों पर छापेमारी के बाद राहुल सेन उर्फ उमर उर्फ उमर बहादुर को गिरफ्तार किया. उसके पास से लैपटॉप, पेन ड्राइव, मोबाइल फोन के साथ-साथ आईएसआईएस से जुड़े दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं.
फैज से लगातार संपर्क में था: राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए की रांची टीम ने मध्य प्रदेश के रतलाम से राहुल उर्फ उमर को खजूरी देवड़ा गांव से गिरफ्तार किया था. आरोप है कि इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया के लिए काम करने वाले फैजान से उमर लगातार संपर्क में था. फैजान की तरह उमर भी सोशल मीडिया के जरिए लगातार आतंकी गतिविधियों का संचालन कर रहा था.
कहां कहां पड़े थे छापे: एनआईए अधिकारियों के मुताबिक, बिहार के सिवान, उतर प्रदेश के जौनपुर, आजमगढ़, महाराजगंज, मध्यप्रदेश के रतलाम, पंजाब के लुधियाना, दक्षिणी गोवा, कर्नाटक के यदगीर और मुंबई में एनआईए ने छापेमारी की थी. छापेमारी के दौरान आईएसआईएस से जुड़े कई वीडियो भी एजेंसी को मिले हैं. झारखंड आईएसआईएस मॉड्यूल को लेकर एनआईए ने 19 जुलाई को एफआईआर दर्ज किया था. उसी दिन फैजान अंसारी की गिरफ्तारी हुई थी.
एनआईए की जांच में यह बात सामने आयी है कि 19 वर्षीय फैजान अंसारी ने झारखंड मॉड्यूल के गठन में अहम भूमिका निभाई थी. सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए वह आईएसआईएस से लोगों को जोड़ रहा था साथ ही आतंकी संगठन की विचारधारा का प्रचार-प्रसार भी किया करता था. आईएसआईएस में युवाओं को जोड़कर उसकी योजना आतंकी वारदात को अंजाम देने की थी.
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कैसे आईएसआईएस के संपर्क में आया फैजान: एनआईए ने जांच में पाया है कि फैजान बीए ऑनर्स इकोनॉमिक्स का छात्र था. वह एएमयू कैंपस के बाहर लॉज में रहा करता था. इसी दौरान वह आईएसआईएस ऑपरेटिव के संपर्क में आया. इसके बाद उसने आईएसआईएस से दूसरे युवाओं को जोड़ने की मंशा से एक क्लोज ग्रुप भी बनाया था. इस्लाम स्वीकारने वाले नव युवकों को भी वह आईएसआईएस कैडर बनाने में लगा था. संगठन के विदेशी हैंडलर के संपर्क में भी फैजान के होने की बात सामने आयी है. फैजान आईएसआईएस की विशेष की ट्रेनिंग के लिए विदेश जाने की भी तैयारी में था.