रांची: दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो लालू यादव के लिए आज खुशी का दिन है. झारखंड हाई कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है. इस मामले में उन्होंने सजा की आधी अवधि पूरी कर ली थी. लेकिन जमानत लेने के लिए उन्हें कई बार कोर्ट में मूव करना पड़ा था. पिछली कई सुनवाई के दौरान सजा की आधी अवधि पूरी नहीं होने के कारण जमानत नहीं मिली थी.
लालू यादव को चाईबासा के दो मामले और देवघर के एक मामले में पहले से ही जमानत मिल चुकी है. दुमका मामले में जमानत मिलने के बाद लालू यादव के जेल से बाहर निकलने का रास्ता साफ हो गया है. फिलहाल लालू यादव दिल्ली स्थित एम्स में इलाजरत हैं.
लालू की ओर से कपिल ने रखा पक्ष
लालू प्रसाद की जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद के अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अदालत को बताया गया कि लालू प्रसाद को दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में सजा दी गई है. वह सही नहीं है. उसे लालू प्रसाद ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है. इसी मामले में अन्य आरोपी को भी इस तरह की सजा दी गई है. जिसे अदालत ने 7 साल मानते हुए उन्हें जमानत की सुविधा भी दी है. इसलिए हमें भी जमानत की सुविधा दी जाए. उन्हें 7 वर्ष की सजा दी गई है. वह इस सजा की आधी अवधि जेल में काट चुके हैं.
नका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं है. इसलिए उन्हें दिल्ली स्थित एम्स में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है. वर्तमान में वे इलाज करा रहे हैं. लेकिन बेहतर इलाज के लिए उन्हें जमानत दी जाए. अदालत ने उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए जमानत की सुविधा उपलब्ध कराई है. वहीं, सीबीआई की ओर से जमानत का विरोध किया गया. लेकिन अदालत ने सीबीआई के आग्रह को नकार दिया है.
दुमका कोषागार से दिसंबर 1995 से जनवरी 1996 के बीच गैर-कानूनी तरीके से 3.76 करोड़ रुपए निकाले गए. इस मामले में सीबीआई ने 11 अप्रैल 1996 को 48 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की. 11 मई 2000 को पहली चार्जशीट दायर की गई थी. इस मामले में सीबीआई की निचली अदालत ने लालू प्रसाद को दो धाराओं का दोषी मानते हुए 7-7 साल की सजा दी है. जिसमें दोनों सजाएं अलग-अलग चलने को कहा गया है.
इस संबंध में लालू यादव ने के वकील देवरशि मंडल ने कहा है कि लालू के जमानत मिल गई है. उन्हें पांच लाख आईपीसी और एक-एक लाख की दो सिक्योरिटी फाइन जमा करना है.
बता दें कि दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद की ओर से झारखंड हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की गई थी. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों की सहमति से मामले की अगली सुनवाई 16 अप्रैल तय की है. हालांकि 16 अप्रैल को हाईकोर्ट में सेनेटाईजेशन की वजह से सुनवाई नहीं हो पायी और आज उन्हें इस मामले में जमानत मिल गई.
क्या है मामला?
दुमका कोषागार से दिसंबर 1995 से जनवरी 1996 के बीच गैर-कानूनी तरीके से 3.76 करोड़ रुपए निकाले गए. इस मामले में सीबीआई ने 11 अप्रैल 1996 को 48 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की. 11 मई 2000 को पहली चार्जशीट दायर की गई थी. इस मामले में सीबीआई की निचली अदालत ने लालू प्रसाद को दो धाराओं का दोषी मानते हुए 7-7 साल की सजा दी है. जिसमें दोनों सजाएं अलग-अलग चलने को कहा गया है.
पढ़ें- किसान आंदोलन : आंधी से उड़े तम्बू, किसान बोले- हम तूफान से टकराने को तैयार
बता दें कि लालू प्रसाद को चारा घोटाला के 4 मामले देवघर के, 1 चाईबासा, 2 दुमका और 1 मामले में निचली अदालत से सजा दी गई है. जिसमें 3 मामले में उन्हें जमानत मिल चुकी थी. यह चौथा मामला है जिसमें जमानत मिलते ही वो अब जेल से रिहा हो जाएंगे.
फिलहाल लालू प्रसाद की तबीयत खराब होने के कारण उन्हें दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया है. वहीं इलाज करा रहे हैं.