रांची : कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 से पहले सभी राज्यों में अपने संगठन के विस्तार पर काम शुरू कर दिया है. इसी क्रम में मंगलवार को दिल्ली में झारखंड प्रदेश कांग्रेस के नेताओं के लिए एक कार्यशाला का आयोजन (workshop for jharkhand congress leaders in delhi) किया गया. इसमें प्रभारी अविनाश पांडे के साथ मुख्य वक्ता के रूप में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल भी पहुंचे. इस दौरान कांग्रेस में जान फूंकने की योजना तैयार की गई.
बता दें कि कांग्रेस ने देशव्यापी सदस्यता अभियान को अब 15 दिन के लिए और बढ़ा दिया है. अब कांग्रेस पार्टी का सदस्यता अभियान 15 अप्रैल तक चलेगा. इसके कारण झारखंड में पहले से तय संवाद कार्यक्रम की तारीख 12 अप्रैल से बढ़ाकर 18 अप्रैल कर दी गई है. पांच घंटे से ज्यादा चली बैठक के बाद झारखंड कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि आज की बैठक में संगठन को सशक्त करने को लेकर विस्तार से चर्चा की गई और संगठन के नेताओं के लिए नए सिरे से जिम्मेदारी तय की गई. यह जिम्मेदारी जिला स्तर पर अगले एक महीने तक के लिए तय की गई है. इसका क्रियान्वयन करने के लिए संगठन के पुराने नेताओं को भी टार्गेट दिया गया है. उन्होंने बताया कि अब 18 अप्रैल से 26 अप्रैल तक जिला ब्लॉक पंचायत और बूथ स्तर पर यह अभियान चलाया जाएगा. इस बीच झारखंड कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे खुद सभी जिलों के दौरे पर रहेंगे, जिसकी शुरुआत वह जमशेदपुर से करेंगे और समापन रांची में होगा.
गठबंधन सरकार पर चर्चा : संवाद यात्रा के दौरान यात्रा रूट पर पड़ने वाले प्रखंडों में भी अविनाश पांडे संगठन से जुड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं से मिलकर संवाद करेंगे. कुल मिलाकर यह तमाम रणनीति 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बनाई जा रही है. कांग्रेस पार्टी चाहती है कि वह 2024 लोकसभा चुनाव में अपने प्रदर्शन को बेहतर करे. आज की बैठक (Jharkhand Congress meeting in New Delhi) में झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष, सरकार में चारों मंत्री और संगठन के पुराने नेता भी शामिल हुए. जाहिर तौर पर झारखंड में चल रही है गठबंधन सरकार पर भी इस बैठक में चर्चा हुई.
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अविनाश पांडे ने बताया कि गठबंधन की सरकार में समन्वय का होना बहुत जरूरी है. इसलिए एक कोऑर्डिनेशन कमेटी गठित करने का उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आग्रह किया था. लगभग एक महीने बीतने के बाद भी अब तक मुख्यमंत्री की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि विषय की गंभीरता को समझते हुए मुख्यमंत्री जल्द ही कोऑर्डिनेशन कमिटी और कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के विषय पर जरूर उनसे संवाद करेंगे. अविनाश पांडे ने कहा कि भाजपा और आरएसएस एक रणनीति के तहत जिन राज्यों में भी गैर भाजपा सरकार है, वहां जनता द्वारा चुनी गई सरकार को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनका यह प्रयास सफल नहीं होने दिया जाएगा.