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Odisha Train Tragedy : 24 साल पहले रेल हादसे में हुई थी 285 की मौत, नीतीश ने दे दिया था इस्तीफा, ललन ने पूछा- याद है.. - रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव

बालासोर रेल हादसा पर सियासी जंग शुरू हो चुकी है. इस बार ललन सिंह ने केंद्र की मोदी सरकार पर ट्वीट करके निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि नैतिकता तो वर्तमान सरकार भूल गई है. क्योंकि कभी रेल मंत्री रहते हुए नीतीश इसी नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया था..

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Published : Jun 3, 2023, 9:23 PM IST

पटना : ओडिशा के बालासोर रेल हादसा में 288 लोगों की मौत हो गई जबकि सैकड़ों यात्री घायल हैं. इस भीषण रेल हादसे पर सियासत भी शुरू हो गई है. सुबह आरजेडी ने कवच को लेकर केंद्र की मोदी सरकार और रेल मंत्री को घेरा तो शाम बीतते-बीतते जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह नीतीश के उस बयान को उछाल दिया जब उन्होंने रेल मंत्री रहते हुए किस तरह नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया था. ललन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज भी कसा.

ये भी पढ़ें- Odisha Train Tragedy: 'घर में खाने को रुपए नहीं और एंबुलेंस वाले शव लाने के लिए मांग रहे 45 हजार'

ललन सिंह की ललकार : ललन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए लिखा कि पिछले 9 सालों में रेल मंत्री ने रेलवे का जो कायाकल्प किया है उसका जीता जागता उदाहरण 300 से ज्यादा यात्रियों की मौत है. उन्होंने सवाल उठाते हुए प्रधानमंत्री से पूछा है कि देश वासियों के जीवन के साथ ये कैसा मजाक है. नैतिक जिम्मेदारी लेने के पहले कई उदाहरण हैं लेकिन शायद वह संवेदनशील लोगों के लिए हैं.

  • माननीय रेल मंत्री जी,

    पिछले नौ वर्षों में रेलवे का जो कायाकल्प आदरणीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में हुआ है, उसका जीता-जागता उदाहरण है...300 से अधिक लोगों की मौत। देशवासियों के जीवन के साथ यह कैसा खिलवाड़ है ?

    नैतिक जिम्मेदारी लेने के पहले के कई उदाहरण हैं लेकिन शायद वह तो… https://t.co/dfqwRE0jbI pic.twitter.com/t88IeIUThl

    — Rajiv Ranjan (Lalan) Singh (@LalanSingh_1) June 3, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

''माननीय रेल मंत्री जी, पिछले नौ वर्षों में रेलवे का जो कायाकल्प आदरणीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में हुआ है, उसका जीता-जागता उदाहरण है...300 से अधिक लोगों की मौत। देशवासियों के जीवन के साथ यह कैसा खिलवाड़ है ? नैतिक जिम्मेदारी लेने के पहले के कई उदाहरण हैं लेकिन शायद वह तो संवेदनशील लोगों के लिए है...संवेदनहीन लोगों के लिए नहीं ?''- ललन सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जेडीयू

अटल सरकार में हुआ था रेल हादसा : 2 अगस्त 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री रहते हुए नीतीश कुमार रेल मंत्री थे. उस दौरान ब्रह्मपुत्र मेल असम के गैसल स्टेशन पर खड़ी अवध असम एक्सप्रेस से टकरा गई थी, जिसमें 285 लोग हादसे का शिकार हुए थे. तब नीतीश ने इस रेल हादसे की जिमेदारी ली थी और रेलमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होने तब कहा था कि हमें रेल के इंप्रास्ट्रक्चर को बढ़ाना होगा तभी ये रेल हादसे रुकेंगे.

बता दें कि इस ओडिशा रेल हादसे के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों बालासोर पहुंचे और उन्होंने उच्च स्तरीय जांच ठीम गठित कर हादसे के कारणों का पता लगाने को कहा है. प्रधानमंत्री ने कहा है कि जो भी दोषी पाया जाएगा उसे बख्शा नहीं जाएगा. फिलहाल रूट पर रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा किया जा चुका है. मृतकों के परिजनों और घायलों के लिए रेलवे ने मुआवजे का ऐलान कर दिया है.

पटना : ओडिशा के बालासोर रेल हादसा में 288 लोगों की मौत हो गई जबकि सैकड़ों यात्री घायल हैं. इस भीषण रेल हादसे पर सियासत भी शुरू हो गई है. सुबह आरजेडी ने कवच को लेकर केंद्र की मोदी सरकार और रेल मंत्री को घेरा तो शाम बीतते-बीतते जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह नीतीश के उस बयान को उछाल दिया जब उन्होंने रेल मंत्री रहते हुए किस तरह नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया था. ललन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज भी कसा.

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ललन सिंह की ललकार : ललन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए लिखा कि पिछले 9 सालों में रेल मंत्री ने रेलवे का जो कायाकल्प किया है उसका जीता जागता उदाहरण 300 से ज्यादा यात्रियों की मौत है. उन्होंने सवाल उठाते हुए प्रधानमंत्री से पूछा है कि देश वासियों के जीवन के साथ ये कैसा मजाक है. नैतिक जिम्मेदारी लेने के पहले कई उदाहरण हैं लेकिन शायद वह संवेदनशील लोगों के लिए हैं.

  • माननीय रेल मंत्री जी,

    पिछले नौ वर्षों में रेलवे का जो कायाकल्प आदरणीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में हुआ है, उसका जीता-जागता उदाहरण है...300 से अधिक लोगों की मौत। देशवासियों के जीवन के साथ यह कैसा खिलवाड़ है ?

    नैतिक जिम्मेदारी लेने के पहले के कई उदाहरण हैं लेकिन शायद वह तो… https://t.co/dfqwRE0jbI pic.twitter.com/t88IeIUThl

    — Rajiv Ranjan (Lalan) Singh (@LalanSingh_1) June 3, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

''माननीय रेल मंत्री जी, पिछले नौ वर्षों में रेलवे का जो कायाकल्प आदरणीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में हुआ है, उसका जीता-जागता उदाहरण है...300 से अधिक लोगों की मौत। देशवासियों के जीवन के साथ यह कैसा खिलवाड़ है ? नैतिक जिम्मेदारी लेने के पहले के कई उदाहरण हैं लेकिन शायद वह तो संवेदनशील लोगों के लिए है...संवेदनहीन लोगों के लिए नहीं ?''- ललन सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जेडीयू

अटल सरकार में हुआ था रेल हादसा : 2 अगस्त 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री रहते हुए नीतीश कुमार रेल मंत्री थे. उस दौरान ब्रह्मपुत्र मेल असम के गैसल स्टेशन पर खड़ी अवध असम एक्सप्रेस से टकरा गई थी, जिसमें 285 लोग हादसे का शिकार हुए थे. तब नीतीश ने इस रेल हादसे की जिमेदारी ली थी और रेलमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होने तब कहा था कि हमें रेल के इंप्रास्ट्रक्चर को बढ़ाना होगा तभी ये रेल हादसे रुकेंगे.

बता दें कि इस ओडिशा रेल हादसे के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों बालासोर पहुंचे और उन्होंने उच्च स्तरीय जांच ठीम गठित कर हादसे के कारणों का पता लगाने को कहा है. प्रधानमंत्री ने कहा है कि जो भी दोषी पाया जाएगा उसे बख्शा नहीं जाएगा. फिलहाल रूट पर रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा किया जा चुका है. मृतकों के परिजनों और घायलों के लिए रेलवे ने मुआवजे का ऐलान कर दिया है.

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