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JDU की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में आठ प्रस्तावों पर मुहर

जेडीयू राष्ट्रीय परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत पार्टी के सभी नेता व पदाधिकारी मौजूद थे. इस बैठक में कुल 8 प्रस्तावों पर मुहर लगी. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर भी अहम प्रस्ताव पर मुहर लगी. पढ़ें पूरी खबर.

JDU की राष्ट्रीय परिषद की बैठक
JDU की राष्ट्रीय परिषद की बैठक
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Published : Aug 29, 2021, 9:22 PM IST

पटना : बिहार की राजधानी पटना में रविवार को जेडीयू की राष्ट्रीय परिषद (JDU National Council) की बैठक हुई. JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में कुल आठ प्रस्तावों पर मुहर लगी. पहले प्रस्ताव में ललन सिंह (Lalan Singh) के राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्वाचित होने पर राष्ट्रीय परिषद ने मुहर लगा दी. साथ ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में रामचंद्र प्रसाद सिंह (RCP Singh) के योगदान के प्रति आभार व्यक्त किया गया.

इस बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी पार्टी (Minister Ashok Chaudhary), राष्ट्रीय प्रधान महासचिव केसी त्यागी (National Principal General Secretary KC Tyagi), राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (National President Lalan Singh) और उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) भी थे.

दूसरा प्रस्ताव में जदयू के संविधान में संशोधन का था. राष्ट्रीय परिषद में यह प्रस्ताव पारित किया गया कि संविधान की धारा 28 में आवश्यक संशोधन करते हुए यह प्रावधान किया जाए जिससे जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष होंगे. वे किसी को अध्यक्ष मनोनीत करने के साथ ही सदस्यों काे मनोनित करेंगे.

JDU की राष्ट्रीय परिषद की बैठक

राष्ट्रीय परिषद की बैठक के तीसरे प्रस्ताव में आगामी विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में एनडीए के साथ हिस्सेदारी के आधार पर चुनावी मैदान में उतरने की पहल के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष को अधिकृत किया गया. चौथा प्रस्ताव जाति आधारित जनगणना का है. इस प्रस्ताव में कहा गया कि केंद्र सरकार जाति आधारित जनगणना कराये तथा सभी जातियों का वास्तविक आंकड़ा सार्वजनिक किया जाये. जिससे पिछड़े और वंचित जातियों को उनकी आबादी के अनुसार सुविधा मिल सके. जनगणना सबके हित में होगी. इससे हमारा संसदीय लोकतंत्र और मजबूत होगा.

बैठक के पांचवें प्रस्ताव में राष्ट्रीय परिषद की मांग है. जिसमें जस्टिस रोहिणी आयोग (Justice Rohini Commission) की सिफारिशों को सार्वजनिक किया जाए ताकि बिहार की तर्ज पर अत्यंत पिछड़े वर्गों को सामाजिक शैक्षणिक और आर्थिक सशक्तिकरण के प्रयासों को अधिक बल मिल सके.

पढ़ें - हरियाणा में CM को मर्सिडीज, डिप्टी सीएम को लैंडक्रूजर, कांग्रेस का तंज- माल-ए-मुफ्त, दिल-ए-बेरहम

जेडीयू के छठे प्रस्ताव में जनसंख्या नियंत्रण के लिए शिक्षित कन्या-सुखी परिवार के बिहार मॉडल को जनसंख्या कम करने का लक्ष्य बनाने का प्रस्ताव है. जेडीयू कठोर नियंत्रण अथवा नकारात्मक नतीजों वाले प्रयास के बजाय जागरुकता अभियान और बालिका शिक्षा प्रसार के माध्यम से जनसंख्या वृद्धि की गति को कम करने का समर्थन करता है.

सातवें प्रस्ताव में मेडिकल परीक्षाओं में आरक्षण की व्यवस्था का स्वागत किया गया. इसमें पिछड़े वर्ग के छात्रों के लिए 27 फीसदी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए 10 फीसदी सीटें आरक्षित करने का प्रावधान है. जेडीयू का मानना है कि इससे वंचित समूह को सामाजिक न्याय एवं विशेष अवसर मिलेंगे. इस प्रकार के प्रोत्साहन से चिकित्सा सेवा क्षेत्र में समानता उपलब्ध कराने के प्रयास में सफलता मिलेगी. आठवें प्रस्ताव में नेताओं के निधन पर शोक व्यक्त किया गया.

पटना : बिहार की राजधानी पटना में रविवार को जेडीयू की राष्ट्रीय परिषद (JDU National Council) की बैठक हुई. JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में कुल आठ प्रस्तावों पर मुहर लगी. पहले प्रस्ताव में ललन सिंह (Lalan Singh) के राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्वाचित होने पर राष्ट्रीय परिषद ने मुहर लगा दी. साथ ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में रामचंद्र प्रसाद सिंह (RCP Singh) के योगदान के प्रति आभार व्यक्त किया गया.

इस बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी पार्टी (Minister Ashok Chaudhary), राष्ट्रीय प्रधान महासचिव केसी त्यागी (National Principal General Secretary KC Tyagi), राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (National President Lalan Singh) और उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) भी थे.

दूसरा प्रस्ताव में जदयू के संविधान में संशोधन का था. राष्ट्रीय परिषद में यह प्रस्ताव पारित किया गया कि संविधान की धारा 28 में आवश्यक संशोधन करते हुए यह प्रावधान किया जाए जिससे जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष होंगे. वे किसी को अध्यक्ष मनोनीत करने के साथ ही सदस्यों काे मनोनित करेंगे.

JDU की राष्ट्रीय परिषद की बैठक

राष्ट्रीय परिषद की बैठक के तीसरे प्रस्ताव में आगामी विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में एनडीए के साथ हिस्सेदारी के आधार पर चुनावी मैदान में उतरने की पहल के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष को अधिकृत किया गया. चौथा प्रस्ताव जाति आधारित जनगणना का है. इस प्रस्ताव में कहा गया कि केंद्र सरकार जाति आधारित जनगणना कराये तथा सभी जातियों का वास्तविक आंकड़ा सार्वजनिक किया जाये. जिससे पिछड़े और वंचित जातियों को उनकी आबादी के अनुसार सुविधा मिल सके. जनगणना सबके हित में होगी. इससे हमारा संसदीय लोकतंत्र और मजबूत होगा.

बैठक के पांचवें प्रस्ताव में राष्ट्रीय परिषद की मांग है. जिसमें जस्टिस रोहिणी आयोग (Justice Rohini Commission) की सिफारिशों को सार्वजनिक किया जाए ताकि बिहार की तर्ज पर अत्यंत पिछड़े वर्गों को सामाजिक शैक्षणिक और आर्थिक सशक्तिकरण के प्रयासों को अधिक बल मिल सके.

पढ़ें - हरियाणा में CM को मर्सिडीज, डिप्टी सीएम को लैंडक्रूजर, कांग्रेस का तंज- माल-ए-मुफ्त, दिल-ए-बेरहम

जेडीयू के छठे प्रस्ताव में जनसंख्या नियंत्रण के लिए शिक्षित कन्या-सुखी परिवार के बिहार मॉडल को जनसंख्या कम करने का लक्ष्य बनाने का प्रस्ताव है. जेडीयू कठोर नियंत्रण अथवा नकारात्मक नतीजों वाले प्रयास के बजाय जागरुकता अभियान और बालिका शिक्षा प्रसार के माध्यम से जनसंख्या वृद्धि की गति को कम करने का समर्थन करता है.

सातवें प्रस्ताव में मेडिकल परीक्षाओं में आरक्षण की व्यवस्था का स्वागत किया गया. इसमें पिछड़े वर्ग के छात्रों के लिए 27 फीसदी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए 10 फीसदी सीटें आरक्षित करने का प्रावधान है. जेडीयू का मानना है कि इससे वंचित समूह को सामाजिक न्याय एवं विशेष अवसर मिलेंगे. इस प्रकार के प्रोत्साहन से चिकित्सा सेवा क्षेत्र में समानता उपलब्ध कराने के प्रयास में सफलता मिलेगी. आठवें प्रस्ताव में नेताओं के निधन पर शोक व्यक्त किया गया.

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