ग्वालियर : सिंधिया राज परिवार के मुखिया ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार को रानी लक्ष्मीबाई की समाधि पर जाकर सिर झुकाकर नमन किया और श्रद्धांजिल अर्पित की. इस दौरान सिंधिया के साथ उनके समर्थक मंत्री प्रद्युम्न सिंह भी मौजूद रहे.
कई लोग कहते हैं कि अंग्रेजों से लोहा लेने के दौरान सिंधिया राजघराने ने रानी लक्ष्मीबाई का साथ नहीं दिया था, इसलिए सिंधिया राजघराने पर गद्दारी के आरोप लगते रहे हैं. सिंधिया परिवार का कोई भी मुखिया इससे पहले रानी लक्ष्मीबाई (Rani Laxmibai samadhi sthal gwalior) की समाधि स्थल पर नहीं गया था.
वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की मौत के बाद गद्दारी के आरोपों को झेल रहे सिंधिया परिवार के मुखिया ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा रानी लक्ष्मीबाई को श्रद्धांजलि देना चर्चा का विषय बना गया है. इसे लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है.
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता केके मिश्रा ने ट्वीट कर ज्योतिरादित्य सिंधिया पर कई सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने लिखा, 'रानी लक्ष्मीबाई अपना दर्द भी बयां नहीं कर सकतीं कि कल जो मेरा कत्ल करके मेरी हार पर खुश थे, आज वही कातिल मेरे बुत पर हार पहना कर खुश हो रहे हैं. दौर बदला है, कातिल के मंसूबे आज भी वहीं के वहीं हैं! गद्दारी-कत्ल चाहे वीरांगना का हो या लोकतंत्र का, दर पर आना ही पड़ता है.'
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रानी लक्ष्मीबाई अपना दर्द भी बयां नहीं कर सकती कि कल जो मेरा कत्ल करके मेरी हार पर खुश थे, आज वही कातिल मेरे बुत पर हार पहना कर खुश हो रहें हैं। दौर बदला है,कातिल के मंसूबे आज भी वही के वही हैं!गद्दारी-कत्ल चाहे वीरांगना का हो या लोकतंत्र का,दर पर आना ही पड़ता है। @OfficeOfKNath pic.twitter.com/kk3IvEGr1j
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गद्दारी के आरोप झेल रहा सिंधिया परिवार
इतिहास की बात करें, तो रानी लक्ष्मीबाई की मौत के बाद सिंधिया परिवार गद्दारी का आरोप झेल रहा है. जब ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस के नेता थे तब उस समय हिंदूवादी नेता जयभान सिंह पवैया खुलकर मंच से उन्हें गद्दार कहते थे. इसके साथ ही उस दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान से लेकर भाजपा के तमाम नेता सिंधिया परिवार को गद्दार बताते थे.
रानी लक्ष्मीबाई से सिंधिया परिवार द्वारा की गद्दारी की बातें कई किताबों में लिखी गई हैं, इसलिए 1857 से ही सिंधिया परिवार गद्दारी का आरोप झेल रहा है. यही वजह है कि कभी भी सिंधिया परिवार ने वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की समाधि स्थल पर कदम नहीं रखा. लेकिन आज ऐसा पहली बार हुआ है कि सिंधिया परिवार का मुखिया रानी लक्ष्मीबाई के समाधि स्थल पर पहुंचा और उन्होंने पुष्पांजलि अर्पित की.
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