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Janmashtami Festival In Gokul Chandrama: रायपुर में 175 साल पुराने गोकुल चंद्रमा मंदिर में विशेष होती है जन्माष्टमी, यहां ऐसे मनाया जाता है बाल गोपाल का जन्मोत्सव ! - भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप की प्रतिमा

Janmashtami Festival In Gokul Chandrama: रायपुर में 175 साल पुरानी गोकुल चंद्रमा हवेली में हर साल की तरह इस साल भी कृष्ण जन्माष्टमी मनाया जाएगा. जन्माष्टमी की पूरी तैयारी की जा चुकी है. इस दौरान मंदिर से भगवान श्री कृष्ण की झांकी भी निकाली जाती है.

Gokul Chandrama Temple
गोकुल चंद्रमा मंदिर
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 6, 2023, 9:04 PM IST

Updated : Sep 6, 2023, 10:30 PM IST

गोकुल चंद्रमा हवेली में जन्माष्टमी

रायपुर: रायपुर के बुढ़ापारा स्थित गोकुल चंद्रमा हवेली मंदिर है. ये मंदिर काफी प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिरों में से एक है. यह मंदिर लगभग 175 साल पुरानी बताई जा रही है. इस मंदिर में भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप चंद्रमा की पूजा होती है. कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर यहां बड़े धूमधाम से जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है. इस दौरान यहां झांकी भी निकाली जाती है.

हवेली के तरह बनाया गया मंदिर: ये भगवान श्री कृष्ण का ऐसा मंदिर है, जिसे पुराने जमाने की हवेली की तरह बनाया गया था. इसलिए इसे गोकुल चंद्रमा हवेली मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. इस हवेली रूपी मंदिर में भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप की पूजा की जाती है. ब्रज क्षेत्र के गोकुल गांव में स्थित गोकुल चंद्रमा मंदिर के बाद इसे दूसरे मंदिर के रूप में माना जा सकता है.

गोकुल चंद्रमा मंदिर लगभग 175 साल पुराना मंदिर है. भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप को निधि स्वरूप के रूप में भी जाना जाता है. इस मंदिर का निर्माण पुष्टीमार्गी संप्रदाय को मानने वाले भक्तों ने करवाया. रायपुर में मात्र यह एक हवेली है, जिसे गोकुल चंद्रमा हवेली के नाम से भी जाना जाता है. साल के सभी त्यौहार अच्छे तरीके से मनाया जाता है. खासतौर पर जन्माष्टमी के मौके पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन और झांकी भी निकाली जाती है. -मीना पंडया, अधिकारी, गोकुल चंद्रमा मंदिर

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गोकुल चंद्रमा मंदिर में जन्माष्टमी का कार्यक्रम: गोकुल चंद्रमा मंदिर में जन्माष्टमी 7 सितंबर गुरुवार के दिन मनाया जाएगा. इस दिन सुबह 5:30 बजे मंगल होगा, उसके बाद ठाकुर जी का पंचामृत से स्नान कराया जाएगा. इसके बाद भगवान के श्रृंगार का दर्शन होगा. राजभोग का दर्शन भी होगा. ठाकुर जी की संध्या आरती और शयन दर्शन के बाद रात 9:00 बजे से जागरण दर्शन शुरू होकर 11:30 तक चलेगा. रात ठीक 12:00 बजे भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव का कार्यक्रम आयोजित होगा. अगले दिन 8 सितंबर को नंद महोत्सव का आयोजन किया जाएगा. हर साल यहां जन्माष्टमी बड़े धूमधाम से मनाया जाता है.

Janmashtami program in Gokul Chandrama Temple
गोकुल चंद्रमा मंदिर में जन्माष्टमी का कार्यक्रम

गोकुल चंद्रमा मंदिर में भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप की प्रतिमा विराजित है. भगवान के जन्मस्थली गोकुल में स्थित स्वरूप के अनुसार भगवान के गोकुल स्वरूप को स्थापित किया गया है. पुष्टिमार्गीय संप्रदाय की ओर से इस मंदिर का निर्माण कराया गया. हर साल इस मंदिर में जन्माष्टमी धूमधाम से मनाया जाता है. -जयेश पारिख, मैनेजिंग ट्रस्टी, गोकुल चंद्रमा हवेली

बता दें कि पूरे देश में जन्माष्टमी की तैयारी हो चुकी है. सभी मंदिरों में कृष्णलला के जन्मोत्सव को पूरे धूमधाम से मनाया जाता है. गोकुल चंद्रमा मंदिर में भी जन्माष्टमी की तैयारी पूरी हो चुकी है. जन्माष्टमी के मौके पर इस मंदिर में भारी भीड़ देखने को मिलती है.

गोकुल चंद्रमा हवेली में जन्माष्टमी

रायपुर: रायपुर के बुढ़ापारा स्थित गोकुल चंद्रमा हवेली मंदिर है. ये मंदिर काफी प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिरों में से एक है. यह मंदिर लगभग 175 साल पुरानी बताई जा रही है. इस मंदिर में भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप चंद्रमा की पूजा होती है. कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर यहां बड़े धूमधाम से जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है. इस दौरान यहां झांकी भी निकाली जाती है.

हवेली के तरह बनाया गया मंदिर: ये भगवान श्री कृष्ण का ऐसा मंदिर है, जिसे पुराने जमाने की हवेली की तरह बनाया गया था. इसलिए इसे गोकुल चंद्रमा हवेली मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. इस हवेली रूपी मंदिर में भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप की पूजा की जाती है. ब्रज क्षेत्र के गोकुल गांव में स्थित गोकुल चंद्रमा मंदिर के बाद इसे दूसरे मंदिर के रूप में माना जा सकता है.

गोकुल चंद्रमा मंदिर लगभग 175 साल पुराना मंदिर है. भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप को निधि स्वरूप के रूप में भी जाना जाता है. इस मंदिर का निर्माण पुष्टीमार्गी संप्रदाय को मानने वाले भक्तों ने करवाया. रायपुर में मात्र यह एक हवेली है, जिसे गोकुल चंद्रमा हवेली के नाम से भी जाना जाता है. साल के सभी त्यौहार अच्छे तरीके से मनाया जाता है. खासतौर पर जन्माष्टमी के मौके पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन और झांकी भी निकाली जाती है. -मीना पंडया, अधिकारी, गोकुल चंद्रमा मंदिर

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गोकुल चंद्रमा मंदिर में जन्माष्टमी का कार्यक्रम: गोकुल चंद्रमा मंदिर में जन्माष्टमी 7 सितंबर गुरुवार के दिन मनाया जाएगा. इस दिन सुबह 5:30 बजे मंगल होगा, उसके बाद ठाकुर जी का पंचामृत से स्नान कराया जाएगा. इसके बाद भगवान के श्रृंगार का दर्शन होगा. राजभोग का दर्शन भी होगा. ठाकुर जी की संध्या आरती और शयन दर्शन के बाद रात 9:00 बजे से जागरण दर्शन शुरू होकर 11:30 तक चलेगा. रात ठीक 12:00 बजे भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव का कार्यक्रम आयोजित होगा. अगले दिन 8 सितंबर को नंद महोत्सव का आयोजन किया जाएगा. हर साल यहां जन्माष्टमी बड़े धूमधाम से मनाया जाता है.

Janmashtami program in Gokul Chandrama Temple
गोकुल चंद्रमा मंदिर में जन्माष्टमी का कार्यक्रम

गोकुल चंद्रमा मंदिर में भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप की प्रतिमा विराजित है. भगवान के जन्मस्थली गोकुल में स्थित स्वरूप के अनुसार भगवान के गोकुल स्वरूप को स्थापित किया गया है. पुष्टिमार्गीय संप्रदाय की ओर से इस मंदिर का निर्माण कराया गया. हर साल इस मंदिर में जन्माष्टमी धूमधाम से मनाया जाता है. -जयेश पारिख, मैनेजिंग ट्रस्टी, गोकुल चंद्रमा हवेली

बता दें कि पूरे देश में जन्माष्टमी की तैयारी हो चुकी है. सभी मंदिरों में कृष्णलला के जन्मोत्सव को पूरे धूमधाम से मनाया जाता है. गोकुल चंद्रमा मंदिर में भी जन्माष्टमी की तैयारी पूरी हो चुकी है. जन्माष्टमी के मौके पर इस मंदिर में भारी भीड़ देखने को मिलती है.

Last Updated : Sep 6, 2023, 10:30 PM IST
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