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जम्मू-कश्मीर के दलों ने परिसीमन आयोग की सिफारिशों को नकारा, कहा- भाजपा के एजेंडे से प्रभावित

कश्मीर घाटी में सक्रिय मुख्य राजनीतिक पार्टियों ने जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग (Jammu and Kashmir Delimitation Commission) की सिफारिशों को अस्वीकार्य करार देते हुए कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि पूरी कवायद भाजपा के राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए की जा रही है.

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परिसीमन आयोग
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Published : Dec 20, 2021, 5:02 PM IST

Updated : Dec 20, 2021, 6:05 PM IST

श्रीनगर: कश्मीर घाटी में सक्रिय मुख्य राजनीतिक पार्टियों ने जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग (Jammu and Kashmir Delimitation Commission) की सिफारिशों को अस्वीकार्य करार देते हुए कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि पूरी कवायद भाजपा के राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए की जा रही है.

प्राप्त सूचना के अनुसार, केन्द्र शासित प्रदेश में विधानसभा सीटों का क्षेत्र तय करने वाले परिसीमन आयोग ने अपने पांच सहयोगियों के साथ चर्चा के बाद 'पेपर 1' में जम्मू क्षेत्र में छह और कश्मीर क्षेत्र में एक अतिरिक्त विधानसभा सीटों के गठन की बात कही है.

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, 'जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग (Jammu and Kashmir Delimitation Commission) की सिफारिश का मसौदा अस्वीकार्य है. नयी विधानसभा सीटों में से जम्मू में छह और कश्मीर में महज एक का होना, 2021 की जनगणना के अनुरुप नहीं है.

उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि आयोग ने अपनी सिफारिशों में भाजपा के राजनीतिक एजेंडे को पूरी-पूरी जगह दी है. अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘यह बेहद निराशाजनक है, क्योंकि ऐसा प्रतीत होता है कि आयोग ने अपनी सिफारिश में भाजपा के राजनीतिक एजेंडे को पूरी-पूरी जगह दी है, जबकि उसे सिर्फ आंकड़ों के आधार पर फैसला लेना चाहिए था. वैज्ञानिक तरीके अपनाने का वादा करके उसके विपरीत राजनीतिक तरीका अपनाया जा रहा है.

पीपुल्स कांफ्रेंस (पीसी) के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन ने कहा कि सिफारिशों से 'भेदभाव की बू आ रही है.' लोन ने ट्वीट किया, 'परिसीमन आयोग की सिफारिशें पूरी तरह अस्वीकार्य हैं. उनसे भेदभाव की बू आ रही है. जो लोकतंत्र में यकीन रखते हैं उनके लिए ये बेहद आश्चर्य की बात है.'

पीडीपी के प्रवक्ता सुहैल बुखारी ने कहा कि खबरों में आयी आयोग की सिफारिशों ने उनकी पार्टी की आशंकाओं को सच साबित किया है कि उसमें भाजपा के एजेंडे को आगे बढ़ाया गया है. बुखारी ने कहा, 'पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती पहले दिन से कह रही हैं कि आयोग का गठन भाजपा के राजनीतिक एजेंडे की पूर्ति के लिए किया गया है. हमने सुना है कि आयोग ने जम्मू क्षेत्र में छह और घाटी में एक सीट बढ़ाने की सिफारिश की है. इसे किसी भी रूप में तार्किक नहीं बताया जा सकता.'

ये भी पढ़ें: जम्मू-कश्मीर में मतदान होना लोकतंत्र की जीत : कविंद्र गुप्ता

उन्होंने कहा कि पीडीपी और जम्मू-कश्मीर की जनता इन सिफारिशों को स्वीकार नहीं करेगी और उनके खिलाफ अंत तक लड़ेगी. आयोग के एसोसिएट सदस्यों... जम्मू-कश्मीर से लोकसभा के पांच सदस्यों... ने सोमवार को बैठक में हिस्सा लिया. उनसे महीने के अंत तक सिफारिशों पर प्रतिक्रिया देने को कहा गया है.केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह और नेकां नेता फारूक अब्दुल्ला भी इस बैठक में शामिल हुए थे.

सूत्रों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में अनुसूचित जनजाति के लिए नौ और अनुसूचित जाति के लिए सात सीटें सुरक्षित रखने का प्रस्ताव है. उन्होंने बताया कि ऐसा पहली बार होगा जब केन्द्र शासित प्रदेश में अनुसूचित जनजाति के लिए सीटें आरक्षित की जाएंगी. परिसीमन आयोग की अध्यक्ष उच्चतम न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई हैं. मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चन्द्रा आयोग के पदेन सदस्य हैं.

ये भी पढ़ें: जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पहली बार अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित होंगी सीटें

(इनपुट-भाषा)

श्रीनगर: कश्मीर घाटी में सक्रिय मुख्य राजनीतिक पार्टियों ने जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग (Jammu and Kashmir Delimitation Commission) की सिफारिशों को अस्वीकार्य करार देते हुए कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि पूरी कवायद भाजपा के राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए की जा रही है.

प्राप्त सूचना के अनुसार, केन्द्र शासित प्रदेश में विधानसभा सीटों का क्षेत्र तय करने वाले परिसीमन आयोग ने अपने पांच सहयोगियों के साथ चर्चा के बाद 'पेपर 1' में जम्मू क्षेत्र में छह और कश्मीर क्षेत्र में एक अतिरिक्त विधानसभा सीटों के गठन की बात कही है.

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, 'जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग (Jammu and Kashmir Delimitation Commission) की सिफारिश का मसौदा अस्वीकार्य है. नयी विधानसभा सीटों में से जम्मू में छह और कश्मीर में महज एक का होना, 2021 की जनगणना के अनुरुप नहीं है.

उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि आयोग ने अपनी सिफारिशों में भाजपा के राजनीतिक एजेंडे को पूरी-पूरी जगह दी है. अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘यह बेहद निराशाजनक है, क्योंकि ऐसा प्रतीत होता है कि आयोग ने अपनी सिफारिश में भाजपा के राजनीतिक एजेंडे को पूरी-पूरी जगह दी है, जबकि उसे सिर्फ आंकड़ों के आधार पर फैसला लेना चाहिए था. वैज्ञानिक तरीके अपनाने का वादा करके उसके विपरीत राजनीतिक तरीका अपनाया जा रहा है.

पीपुल्स कांफ्रेंस (पीसी) के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन ने कहा कि सिफारिशों से 'भेदभाव की बू आ रही है.' लोन ने ट्वीट किया, 'परिसीमन आयोग की सिफारिशें पूरी तरह अस्वीकार्य हैं. उनसे भेदभाव की बू आ रही है. जो लोकतंत्र में यकीन रखते हैं उनके लिए ये बेहद आश्चर्य की बात है.'

पीडीपी के प्रवक्ता सुहैल बुखारी ने कहा कि खबरों में आयी आयोग की सिफारिशों ने उनकी पार्टी की आशंकाओं को सच साबित किया है कि उसमें भाजपा के एजेंडे को आगे बढ़ाया गया है. बुखारी ने कहा, 'पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती पहले दिन से कह रही हैं कि आयोग का गठन भाजपा के राजनीतिक एजेंडे की पूर्ति के लिए किया गया है. हमने सुना है कि आयोग ने जम्मू क्षेत्र में छह और घाटी में एक सीट बढ़ाने की सिफारिश की है. इसे किसी भी रूप में तार्किक नहीं बताया जा सकता.'

ये भी पढ़ें: जम्मू-कश्मीर में मतदान होना लोकतंत्र की जीत : कविंद्र गुप्ता

उन्होंने कहा कि पीडीपी और जम्मू-कश्मीर की जनता इन सिफारिशों को स्वीकार नहीं करेगी और उनके खिलाफ अंत तक लड़ेगी. आयोग के एसोसिएट सदस्यों... जम्मू-कश्मीर से लोकसभा के पांच सदस्यों... ने सोमवार को बैठक में हिस्सा लिया. उनसे महीने के अंत तक सिफारिशों पर प्रतिक्रिया देने को कहा गया है.केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह और नेकां नेता फारूक अब्दुल्ला भी इस बैठक में शामिल हुए थे.

सूत्रों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में अनुसूचित जनजाति के लिए नौ और अनुसूचित जाति के लिए सात सीटें सुरक्षित रखने का प्रस्ताव है. उन्होंने बताया कि ऐसा पहली बार होगा जब केन्द्र शासित प्रदेश में अनुसूचित जनजाति के लिए सीटें आरक्षित की जाएंगी. परिसीमन आयोग की अध्यक्ष उच्चतम न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई हैं. मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चन्द्रा आयोग के पदेन सदस्य हैं.

ये भी पढ़ें: जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पहली बार अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित होंगी सीटें

(इनपुट-भाषा)

Last Updated : Dec 20, 2021, 6:05 PM IST
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