नयी दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को कश्मीर में विभिन्न प्रतिबंधित पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों से जुड़े तीन आरोपियों की संपत्तियों को कुर्क कर लिया. एनआईए ने आतंकवादी संगठनों, उनके सहयोगियों, एजेंटों और ओवरग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) के खिलाफ विभिन्न स्थानों पर आतंकवादी संदिग्धों और अभियुक्तों की संपत्तियों पर छापे मारकर अपनी निगरानी तेज कर दी है और ऐसे मामलों में कार्रवाई करने के लिए तेजी से आगे बढ़ रही है.
एनआईए ने हिज्बुल मुजाहिदीन (एचएम) और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) जैसे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के सदस्यों और कैडरों से जुड़ी आतंकवादी गतिविधियों के दो अलग-अलग मामलों में तीन आरोपियों की अचल संपत्ति कुर्क की. पहले मामले में, एनआईए ने यूए (पी) अधिनियम के तहत कश्मीर में हरमन शोपियां तहसील में दो आरोपियों, दौलत अली मुगल और इशाक पाला की अचल संपत्तियों को कुर्क किया.
इशाक पाला, जो वर्तमान में सेंट्रल जेल आगरा में बंद है, हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम)/अल-बदर आतंकवादी संगठन का आतंकवादी था, दौलत अली मुगल अभियुक्त एचएम का एक ओवरग्राउंड वर्कर था और वर्तमान में जमानत पर बाहर है. एनआईए ने कहा कि आरोपी ने सेंट्रल जेल श्रीनगर में रियाज नाइकू और दौलत अली मुगल सहित अपने सह-अभियुक्तों के साथ साजिश रची थी, और दानिश गुलाम लोन और सुहैल अहमद भट को कुपवाड़ा सेक्टर से सीमा पार करने और आतंकवादी रैंकों में शामिल होने और राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ने में मदद की थी.
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एनआईए ने आगे कहा कि आरोपी दौलत अली मुगल ने कुपवाड़ा में आरोपी दानिश गुलाम लोन और सुहैल अहमद भट को रसद सहायता प्रदान की थी, जब दोनों एलओसी पार करने वाले थे. एनआईए द्वारा 22 फरवरी, 2019 को इन दोनों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था और एनआईए की विशेष अदालत जम्मू द्वारा 6 अगस्त, 2019 को आरोप तय किए गए थे.