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Jammu-Kashmir News: प्रवासी आदिवासी आबादी की सुविधा के लिए 100 ट्रकों के बेड़े को दिखाई गई हरी झंडी

जम्मू एवं कश्मीर जनजातीय मामलों के विभाग ने पहाड़ी चारागाहों के लिए पशुधन और प्रवासी आदिवासी परिवारों के परिवहन के लिए 100 ट्रकों के एक बेड़े को रवाना किया है.

fleet of 100 trucks flagged off
100 ट्रकों का बेड़ा रवाना
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Published : Apr 9, 2023, 10:22 PM IST

जम्मू: जम्मू एवं कश्मीर जनजातीय मामलों के विभाग ने रविवार को विभिन्न जिलों से पहाड़ी चरागाहों के लिए पशुधन और प्रवासी आदिवासी आबादी के परिवारों के परिवहन के लिए 100 ट्रकों के एक बेड़े को हरी झंडी दिखाई है. जानकारी के लिए बता दें कि जम्मू-कश्मीर सरकार ने पहले हाईलैंड चरागाहों में वार्षिक प्रवास के दौरान प्रवासी आदिवासी आबादी के लिए परिवहन/माल सेवाओं के प्रावधान की घोषणा की थी.

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि सरकार ने प्रवासी आदिवासियों की मदद करने और श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग और मुगल रोड पर बार-बार लगने वाले जाम को कम करने के लिए यह फैसला लिया है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल 16,000 से अधिक प्रवासी आदिवासी परिवारों को कश्मीर के चरागाहों में गर्मी के महीने बिताने और जम्मू संभाग के विभिन्न जिलों में ट्रकों में उनके गंतव्य तक वापस लाने के बाद लाभान्वित किया गया था.

जनजातीय कार्य विभाग द्वारा लागू की गई परिवहन व्यवस्था ने पैदल यात्रा के समय को 20-30 दिन से घटाकर 1-2 दिन कर दिया है, जबकि इससे सुगम यातायात प्रबंधन में भी मदद मिली है. इन ट्रकों को राष्ट्रीय राजमार्ग-44 और मुगल रोड दोनों जगह तैनात किया गया है. शत-प्रतिशत परिवारों को कवर करने के लिए विभाग द्वारा इस वर्ष अधिक संख्या में ट्रक शामिल किए जा रहे हैं.

पढ़ें: Passport News : जम्मू कश्मीर में तीन साल में 2.82 लाख पासपोर्ट आवेदनों को मिली मंजूरी

तैनात ट्रक राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ कठुआ, सांबा, जम्मू, उधमपुर से कश्मीर के विभिन्न स्थलों तक और मुगल रोड एक्सिस पर राजौरी और पुंछ से कश्मीर के विभिन्न स्थलों तक चलेंगे. संबंधित जिलों से राष्ट्रीय राजमार्ग और मुगल रोड पर सेवाएं प्रदान की जा रही हैं.

(आईएएनएस)

जम्मू: जम्मू एवं कश्मीर जनजातीय मामलों के विभाग ने रविवार को विभिन्न जिलों से पहाड़ी चरागाहों के लिए पशुधन और प्रवासी आदिवासी आबादी के परिवारों के परिवहन के लिए 100 ट्रकों के एक बेड़े को हरी झंडी दिखाई है. जानकारी के लिए बता दें कि जम्मू-कश्मीर सरकार ने पहले हाईलैंड चरागाहों में वार्षिक प्रवास के दौरान प्रवासी आदिवासी आबादी के लिए परिवहन/माल सेवाओं के प्रावधान की घोषणा की थी.

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि सरकार ने प्रवासी आदिवासियों की मदद करने और श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग और मुगल रोड पर बार-बार लगने वाले जाम को कम करने के लिए यह फैसला लिया है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल 16,000 से अधिक प्रवासी आदिवासी परिवारों को कश्मीर के चरागाहों में गर्मी के महीने बिताने और जम्मू संभाग के विभिन्न जिलों में ट्रकों में उनके गंतव्य तक वापस लाने के बाद लाभान्वित किया गया था.

जनजातीय कार्य विभाग द्वारा लागू की गई परिवहन व्यवस्था ने पैदल यात्रा के समय को 20-30 दिन से घटाकर 1-2 दिन कर दिया है, जबकि इससे सुगम यातायात प्रबंधन में भी मदद मिली है. इन ट्रकों को राष्ट्रीय राजमार्ग-44 और मुगल रोड दोनों जगह तैनात किया गया है. शत-प्रतिशत परिवारों को कवर करने के लिए विभाग द्वारा इस वर्ष अधिक संख्या में ट्रक शामिल किए जा रहे हैं.

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तैनात ट्रक राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ कठुआ, सांबा, जम्मू, उधमपुर से कश्मीर के विभिन्न स्थलों तक और मुगल रोड एक्सिस पर राजौरी और पुंछ से कश्मीर के विभिन्न स्थलों तक चलेंगे. संबंधित जिलों से राष्ट्रीय राजमार्ग और मुगल रोड पर सेवाएं प्रदान की जा रही हैं.

(आईएएनएस)

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