श्रीनगर: जम्मू और कश्मीर में श्रीनगर के ऐतिहासिक ईदगाह में ईद की नमाज अदा करने का वादा करने वाले जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. दरख्शां अंद्राबी का बयान सामने आने के बाद सुरक्षा बलों का कहना है कि ईदगाह में नमाज अदा करना संभव नहीं है. मीडिया से बात करते हुए एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने घोषणा की कि ऐतिहासिक ईदगाह श्रीनगर किसी भी परिस्थिति में इस वर्ष ईद की नमाज की मेजबानी नहीं कर सकता है.
सुरक्षा आकलन के मुताबिक नमाज के बाद इस इलाके में असामाजिक तत्वों के कारण परेशानी हो सकती है. अतीत में, गोलियां चलने और नागरिकों के मारे जाने के अलावा पेट्रोल बम, ग्रेनेड और बंकरों पर पत्थर फेंके जाने की भी घटनाएं दर्ज की गई थीं. अधिकारियों ने कहा कि ईद की नमाज़ के बाद, उस संवेदनशील क्षेत्र में एक बड़ी भीड़ होगी, जिसका फायदा बदमाश उठा सकते हैं. हम किसी भी परिस्थिति में वहां नमाज़ पढ़ने की अनुमति नहीं दे सकते.
इस बीच, जम्मू-कश्मीर सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि हमने व्यक्तिगत रूप से वक्फ बोर्ड के साथ कुछ भी चर्चा नहीं की है. हम बिना सुरक्षा मंजूरी के ईदगाह में नमाज़ की अनुमति कैसे दे सकते हैं? उन्होंने आगे कहा कि हम लोगों को जोखिम में नहीं डाल सकते हैं. इस साल श्रीनगर के ईदगाह में ईद की नमाज नहीं होगी.
दिलचस्प बात यह है कि साल 2019 से पहले अंजुमन अकाफ जामा मस्जिद ईदगाह में ईद की नमाज की तैयारियों की देखरेख करती थी और मीरवाइज मौलवी मुहम्मद उमर फारूक ईद-उल-फितर और ईद-उल-जुहा दोनों के लिए ईद की नमाज के दौरान धर्मोपदेश दिया करते थे. गौरतलब है कि वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. दरख्शां अंद्राबी ने कहा था कि इस साल ईदगाह में मौसम ठीक रहा तो ईद की नमाज होगी और इसके लिए वक्फ ने सफाई का काम शुरू किया.