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बड़ा खुलासा : पाकिस्तानी शिविरों से घुसपैठ की फिराक में 300 आतंकवादी

जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने पाकिस्तान की साजिश को लेकर बड़ा खुलासा किया है. उनका कहना है कि पाकिस्तान के शिविरों में घुसपैठ की फिराक में तैयार बैठे हैं 250-300 आतंकवादी. पढ़ें पूरी खबर....

पाकिस्तान में शिविरों में घुसपैठ की फिराक में 300 आतंकवादी
पाकिस्तान में शिविरों में घुसपैठ की फिराक में 300 आतंकवादी
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Published : Aug 10, 2021, 8:09 PM IST

Updated : Aug 10, 2021, 8:27 PM IST

जम्मू : जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने मंगलवार को कहा कि फरवरी में भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम की बहाली के बाद घुसपैठ के करीब करीब थमने के बाद अब आतंकवादियों को सीमा पार धकेलने की कोशिश चल रही है तथा 250 से 300 आतंकवादी प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद इस पार आने के लिए वहां शिविरों में मौके की बाट जोह रहे हैं.

उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस के संज्ञान में 57 ऐसे मामले सामने आये हैं जहां अध्ययन के लिए वैध दस्तावेज या पर्यटक वीजा पर पाकिस्तान गये स्थानीय युवक आतंकवादी बन गये.

जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह की प्रेस कॉन्फ्रेंस

सिंह ने सीमावर्ती जिले राजौरी में संवाददाताओं से कहा, पाकिस्तान की आईएसआई एवं अन्य एजेंसियों द्वारा चलाये जा रहे प्रशिक्षिण शिविरों एवं लांच पैड अपनी क्षमता के हिसाब से अटे पड़े हैं. मोटे तौर पर हमारा आकलन है कि ऐसे शिविरों में 250 से 300 आतंकवादी हैं जिन्हें प्रशिक्षण मिल चुका है और वे जम्मू कश्मीर में घुसने के लिए तैयार बैठे हैं.

उन्होंने कहा कि 20 फरवरी को भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम पर सहमति होने के बाद ऐसा वक्त आया जब सीमापार घुसपैठ एवं सीमापार गोलाबारी एवं गोलीबारी थम सी गयी थी और उसका सीमावर्ती क्षेत्रों के बाशिंदों समेत सभी स्तर पर स्वागत किया गया था.

पुलिस प्रमुख ने कहा, दुर्भाग्य से, पिछले कुछ महीनों से विभिन्न लांच पैडों से (आतंकवादियों की) घुसपैठ फिर होने लगी है . राजौरी पुंछ में हमारे सम्मुख तीन मुठभेडें हुईं, एक नौशेरा के दादल में, दूसरी पंगाई (थनमंडी) और तीसरी बांदीपुरा में. ये सारी मुठभेड़ें घुसैपैठियों के नये समूहों के साथ हुईं और हमारे पास जानकारी है कि सीमा के उस पार गतिविधि अभी चल ही रही है एवं (भविष्य में) और ऐसे प्रयासों की संभावना है.

उन्होंने कहा कि लेकिन सुरक्षा बल इन खतरों के प्रति पूरी तरह चौकन्ने हैं और चूंकि (पाकिस्तान की) नापाक हरकतें चल रही हैं तो हमारी सीमा सुरक्षा व्यवस्था संतोषजनक ढंग पर उसके विरूद्ध काम कर रही है, फलस्वरूप जुलाई से घुसपैठ की चार कोशिशें नाकाम कर दी गयीं.

उन्होंने कहा कि उत्तरी कश्मीर के माछिल-गुरेज सेक्टर से घुसपैठ कर आये चार आतंकवादियों का 23-24 जुलाई को बांदीपुरा में सफाया कर दिया गया.

डीजीपी ने कहा कि तीन से चार समूह पाकिस्तान से राजौरी पुंछ सेक्टर में आये और उनके लिए तलाशी अभियान चलाया जा रहा है क्योंकि वे जुलाई और अगस्त में तीन मुठभेड़ों में बच गये.

उन्होंने कहा, हमारे आकलन के हिसाब से तीन से चार समूह इस तरफ आये और उनमें से कुछ का पहले दो संपर्कों (जुलाई में नौशेरा एवं सुंदरबनी में मुठभेड़ों के दौरान) सफाया कर दिया गया . पिछले शुक्रवार को (थनमंडी में)नवीनतम मुठभेड़ में दो और आतंकवादियों का सफाया हुआ तथा अन्य दो की तलाश जारी है जो इसी समूह के सदस्य समझे जाते हैं.

पढ़ें : J&K DGP का बड़ा बयान, 'आतंकी समूहों में शामिल होने युवाओं की संख्या घटी'

सिंह ने कहा कि घुसपैठिये समूह में स्थानीय एवं पाकिस्तानी दोनों ही तरह के आतंकवादी थे तथा बांदीपुरा में दो स्थानीय एवं दो पाकिस्तानी आतंकवादी मारे गये.

स्थानीय युवकों के विद्यार्थी या पर्यटक वीजा पर पाकिस्तान जाने एवं आतंकवादी बन जाने पर चिंता प्रकट करते हुए पुलिस प्रमुख ने कहा, मैं समझता हूं कि पाकिस्तान में कलमों पर बंदूकों को तरजीह दी जाती है और पाकिस्तानी वीजा को सुरक्षा अनापत्ति देने में संबंधित उपायों को मजबूत करने की जरूरत है.

जम्मू : जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने मंगलवार को कहा कि फरवरी में भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम की बहाली के बाद घुसपैठ के करीब करीब थमने के बाद अब आतंकवादियों को सीमा पार धकेलने की कोशिश चल रही है तथा 250 से 300 आतंकवादी प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद इस पार आने के लिए वहां शिविरों में मौके की बाट जोह रहे हैं.

उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस के संज्ञान में 57 ऐसे मामले सामने आये हैं जहां अध्ययन के लिए वैध दस्तावेज या पर्यटक वीजा पर पाकिस्तान गये स्थानीय युवक आतंकवादी बन गये.

जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह की प्रेस कॉन्फ्रेंस

सिंह ने सीमावर्ती जिले राजौरी में संवाददाताओं से कहा, पाकिस्तान की आईएसआई एवं अन्य एजेंसियों द्वारा चलाये जा रहे प्रशिक्षिण शिविरों एवं लांच पैड अपनी क्षमता के हिसाब से अटे पड़े हैं. मोटे तौर पर हमारा आकलन है कि ऐसे शिविरों में 250 से 300 आतंकवादी हैं जिन्हें प्रशिक्षण मिल चुका है और वे जम्मू कश्मीर में घुसने के लिए तैयार बैठे हैं.

उन्होंने कहा कि 20 फरवरी को भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम पर सहमति होने के बाद ऐसा वक्त आया जब सीमापार घुसपैठ एवं सीमापार गोलाबारी एवं गोलीबारी थम सी गयी थी और उसका सीमावर्ती क्षेत्रों के बाशिंदों समेत सभी स्तर पर स्वागत किया गया था.

पुलिस प्रमुख ने कहा, दुर्भाग्य से, पिछले कुछ महीनों से विभिन्न लांच पैडों से (आतंकवादियों की) घुसपैठ फिर होने लगी है . राजौरी पुंछ में हमारे सम्मुख तीन मुठभेडें हुईं, एक नौशेरा के दादल में, दूसरी पंगाई (थनमंडी) और तीसरी बांदीपुरा में. ये सारी मुठभेड़ें घुसैपैठियों के नये समूहों के साथ हुईं और हमारे पास जानकारी है कि सीमा के उस पार गतिविधि अभी चल ही रही है एवं (भविष्य में) और ऐसे प्रयासों की संभावना है.

उन्होंने कहा कि लेकिन सुरक्षा बल इन खतरों के प्रति पूरी तरह चौकन्ने हैं और चूंकि (पाकिस्तान की) नापाक हरकतें चल रही हैं तो हमारी सीमा सुरक्षा व्यवस्था संतोषजनक ढंग पर उसके विरूद्ध काम कर रही है, फलस्वरूप जुलाई से घुसपैठ की चार कोशिशें नाकाम कर दी गयीं.

उन्होंने कहा कि उत्तरी कश्मीर के माछिल-गुरेज सेक्टर से घुसपैठ कर आये चार आतंकवादियों का 23-24 जुलाई को बांदीपुरा में सफाया कर दिया गया.

डीजीपी ने कहा कि तीन से चार समूह पाकिस्तान से राजौरी पुंछ सेक्टर में आये और उनके लिए तलाशी अभियान चलाया जा रहा है क्योंकि वे जुलाई और अगस्त में तीन मुठभेड़ों में बच गये.

उन्होंने कहा, हमारे आकलन के हिसाब से तीन से चार समूह इस तरफ आये और उनमें से कुछ का पहले दो संपर्कों (जुलाई में नौशेरा एवं सुंदरबनी में मुठभेड़ों के दौरान) सफाया कर दिया गया . पिछले शुक्रवार को (थनमंडी में)नवीनतम मुठभेड़ में दो और आतंकवादियों का सफाया हुआ तथा अन्य दो की तलाश जारी है जो इसी समूह के सदस्य समझे जाते हैं.

पढ़ें : J&K DGP का बड़ा बयान, 'आतंकी समूहों में शामिल होने युवाओं की संख्या घटी'

सिंह ने कहा कि घुसपैठिये समूह में स्थानीय एवं पाकिस्तानी दोनों ही तरह के आतंकवादी थे तथा बांदीपुरा में दो स्थानीय एवं दो पाकिस्तानी आतंकवादी मारे गये.

स्थानीय युवकों के विद्यार्थी या पर्यटक वीजा पर पाकिस्तान जाने एवं आतंकवादी बन जाने पर चिंता प्रकट करते हुए पुलिस प्रमुख ने कहा, मैं समझता हूं कि पाकिस्तान में कलमों पर बंदूकों को तरजीह दी जाती है और पाकिस्तानी वीजा को सुरक्षा अनापत्ति देने में संबंधित उपायों को मजबूत करने की जरूरत है.

Last Updated : Aug 10, 2021, 8:27 PM IST
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