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JK Delimitation : विपक्ष ने जताई आपत्ति, भाजपा ने कहा- 'दिमाग में जहर भर' रहे गुपकार नेता

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Published : Dec 22, 2021, 6:35 AM IST

Updated : Dec 22, 2021, 7:12 AM IST

जम्मू-कश्मीर में परिसीमन (jammu kashmir Delimitation) को लेकर सरगर्मियां तेज हैं. विपक्षी दलों ने जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग के सुझावों पर आपत्ति जताई है. हालांकि भाजपा ने कहा है कि वर्षों तक चले 'कुशासन' के कारण गुपकार गठबंधन में शामिल नेताओं ने लोगों का समर्थन खो दिया है. वाम दल सांसद बिनॉय बिस्वम से बातचीत

रविंद्र रैना, तारिगामी बिनॉय बिस्वम और डोला बनर्जी
रविंद्र रैना, तारिगामी बिनॉय बिस्वम और डोला बनर्जी

नई दिल्ली : केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के लिए विधानसभा क्षेत्रों की सीमा को नए सिरे से निर्धारित करने के मकसद से परिसीमन आयोग का गठन किया गया है. आयोग ने 16 सीट अनुसूचित जाति तथा जनजाति के लिए आरक्षित कर सात नई विधानसभा सीटों के प्रस्ताव रखे हैं. जम्मू क्षेत्र में छह अतिरिक्त सीट और कश्मीर घाटी में एक अतिरिक्त सीट का प्रस्ताव रखा है. इस पर कई दलों ने आपत्ति जताई और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कहा कि वह रिपोर्ट पर इसके वर्तमान स्वरूप में हस्ताक्षर नहीं करेगी. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा ने कहा है कि चाहे वह परिसीमन आयोग हो या निर्वाचन आयोग, यह स्वायत संस्थाएं हैं जिनकी अपनी शक्तियां हैं.

ईटीवी भारत ने जम्मू-कश्मीर परिसीमन के संबंध में वाम दल सांसद बिनॉय बिस्वम और तृणमूल सांसद डोला बनर्जी से बात की. सीपीआई सांसद बिनॉय विश्वम ने कहा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, विपक्ष की एकता के लिए खड़ी है. उन्होंने कहा कि विपक्षी एकता भाजपा की निरंकुश और फासीवादी ताकतों के खिलाफ होनी चाहिए. हम ऐसा कुछ भी नहीं कहेंगे जो विपक्ष की एकता के खिलाफ हो.

वाम दल सांसद बिनॉय बिस्वम से बातचीत

तृणमूल कांग्रेस सांसद डोला सेन ने कहा, जब जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त किया गया था, हमने तभी कहा था कि इस तरह के फैसले जनता से सलाह-मशविरा करके ही लिए जाएं. उन्होंने कहा कि जब हम जम्मू-कश्मीर गए तो स्थानीय लोग जम्मू-कश्मीर को दो भागों में बांट कर इसे दो केंद्र शासित प्रदेश बनाने के फैसले से खुश नहीं थे.

डोला सेन से बातचीत

जम्मू-कश्मीर पर परिसीमन आयोग की मसौदा रिपोर्ट को गुपकार घोषणापत्र गठबंधन (पीएजीडी) ने 'विभाजनकारी और अस्वीकार्य' करार दिया. इसके अलावा नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता हसनैन मसूदी ने कहा कि आयोग के सुझावों पर पार्टी अगले 10 दिन में दस्तावेज और साक्ष्यों के साथ अपनी आपत्ति दर्ज कराएगी.

पीएजीडी के मुख्य प्रवक्ता एम वाई तारिगामी ने कहा कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी जम्मू कश्मीर को घृणा के सिवा और कुछ नहीं दे सकती और वह समुदायों के बीच 'दरार पैदा कर रही' है.

जम्मू में सीटों की संख्या बढ़ाने पर आपत्ति पर उठाये गए सवाल के जवाब में तारिगामी ने कहा, 'जम्मू हमारा है और हम उसका भी प्रतिनिधित्व करने के लिए यहां हैं.' उन्होंने कहा, '(परिसीमन की प्रक्रिया के लिए) कुछ मानदंड होने चाहिए. जनगणना 2011 में हुई थी और उसे आधार बनाया गया है.' वर्तमान में कश्मीर संभाग में 46 और जम्मू में 37 सीटें हैं.

वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, जम्मू क्षेत्र की जनसंख्या 53.72 लाख और कश्मीर की जनसंख्या 68.83 लाख है. नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता हसनैन मसूदी ने कहा कि आयोग के सुझावों पर पार्टी, दस्तावेजी साक्ष्य सहित अपनी आपत्ति अगले 10 दिन में दर्ज कराएगी.

तारिगामी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन कानून-2019 के तहत गठित परिसीमन आयोग स्वयं सवालों के घेरे में है, क्योंकि पुनर्गठन कानून को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई है. उन्होंने कहा, 'आयोग का गठन न्यायालय की अवमानना के समान है और जब मामला विचाराधीन है, तो भारत सरकार ऐसा कैसे कर सकती है.'

माकपा ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन कानून-2019 और अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को 'असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक' तरीके से समाप्त करने के खिलाफ 2019 में दायर रिट याचिका की शीघ्र सुनवाई के लिए हाल में शीर्ष अदालत में एक अर्जी दाखिल की है.

यह भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पहली बार अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित होंगी सीटें

तारिगामी ने कहा, 'हमने शीर्ष अदालत को यह सूचित किया है कि मामला विचाराधीन होने के बावजूद भारत सरकार अपरिवर्तनीय कदम उठा रही है, जो जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए नुकसानदेह हैं.'

कुशासन कारण जनता का विश्वास खोया

परिसीमन आयोग के सुझावों पर विपक्ष की आपत्ति पर भाजपा ने भी प्रतिक्रिया दी है. विपक्ष की आपत्तियों को खारिज करते हुए भारतीय जनता पार्टी की जम्मू कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रविंद्र रैना ने कहा है कि गुपकार घोषणापत्र गठबंधन (पीएजीडी/गुपकार) के वर्षों तक चले 'कुशासन' के कारण उन्होंने लोगों का समर्थन खो दिया है.

रैना ने कहा कि भाजपा लोगों को 'बांट नहीं रही बल्कि जोड़ रही' है जबकि गुपकार के नेता अपने क्षुद्र राजनीतिक लाभ के लिए लोगों के 'दिमाग में जहर भर' रहे हैं. जम्मू कश्मीर पर परिसीमन आयोग ने जम्मू के लिए छह अतिरिक्त सीटों तथा कश्मीर के लिए एक अतिरिक्त विधानसभा सीट का प्रस्ताव दिया है. इसके साथ ही अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लिए 16 निर्वाचन क्षेत्र आरक्षित किये गए हैं.

यह भी पढ़ें- केंद्र और क्षेत्रीय दलों के बीच 'चुभने' वाला मुद्दा है कश्मीर का परिसीमन

रैना ने कहा, 'परिसीमन आयोग ने दो साल बाद अपने सुझाव दिए हैं. इस दौरान आयोग के सदस्यों ने सभी राजनीतिक दलों के नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, जिला विकास और ब्लॉक विकास परिषद के सदस्यों, पंचों, सरपंचों से मुलाकात की और उपायुक्तों समेत सरकारी मशीनरी से आंकड़े एकत्र किये और तय मानदंडों पर काम किया.'

नई दिल्ली : केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के लिए विधानसभा क्षेत्रों की सीमा को नए सिरे से निर्धारित करने के मकसद से परिसीमन आयोग का गठन किया गया है. आयोग ने 16 सीट अनुसूचित जाति तथा जनजाति के लिए आरक्षित कर सात नई विधानसभा सीटों के प्रस्ताव रखे हैं. जम्मू क्षेत्र में छह अतिरिक्त सीट और कश्मीर घाटी में एक अतिरिक्त सीट का प्रस्ताव रखा है. इस पर कई दलों ने आपत्ति जताई और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कहा कि वह रिपोर्ट पर इसके वर्तमान स्वरूप में हस्ताक्षर नहीं करेगी. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा ने कहा है कि चाहे वह परिसीमन आयोग हो या निर्वाचन आयोग, यह स्वायत संस्थाएं हैं जिनकी अपनी शक्तियां हैं.

ईटीवी भारत ने जम्मू-कश्मीर परिसीमन के संबंध में वाम दल सांसद बिनॉय बिस्वम और तृणमूल सांसद डोला बनर्जी से बात की. सीपीआई सांसद बिनॉय विश्वम ने कहा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, विपक्ष की एकता के लिए खड़ी है. उन्होंने कहा कि विपक्षी एकता भाजपा की निरंकुश और फासीवादी ताकतों के खिलाफ होनी चाहिए. हम ऐसा कुछ भी नहीं कहेंगे जो विपक्ष की एकता के खिलाफ हो.

वाम दल सांसद बिनॉय बिस्वम से बातचीत

तृणमूल कांग्रेस सांसद डोला सेन ने कहा, जब जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त किया गया था, हमने तभी कहा था कि इस तरह के फैसले जनता से सलाह-मशविरा करके ही लिए जाएं. उन्होंने कहा कि जब हम जम्मू-कश्मीर गए तो स्थानीय लोग जम्मू-कश्मीर को दो भागों में बांट कर इसे दो केंद्र शासित प्रदेश बनाने के फैसले से खुश नहीं थे.

डोला सेन से बातचीत

जम्मू-कश्मीर पर परिसीमन आयोग की मसौदा रिपोर्ट को गुपकार घोषणापत्र गठबंधन (पीएजीडी) ने 'विभाजनकारी और अस्वीकार्य' करार दिया. इसके अलावा नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता हसनैन मसूदी ने कहा कि आयोग के सुझावों पर पार्टी अगले 10 दिन में दस्तावेज और साक्ष्यों के साथ अपनी आपत्ति दर्ज कराएगी.

पीएजीडी के मुख्य प्रवक्ता एम वाई तारिगामी ने कहा कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी जम्मू कश्मीर को घृणा के सिवा और कुछ नहीं दे सकती और वह समुदायों के बीच 'दरार पैदा कर रही' है.

जम्मू में सीटों की संख्या बढ़ाने पर आपत्ति पर उठाये गए सवाल के जवाब में तारिगामी ने कहा, 'जम्मू हमारा है और हम उसका भी प्रतिनिधित्व करने के लिए यहां हैं.' उन्होंने कहा, '(परिसीमन की प्रक्रिया के लिए) कुछ मानदंड होने चाहिए. जनगणना 2011 में हुई थी और उसे आधार बनाया गया है.' वर्तमान में कश्मीर संभाग में 46 और जम्मू में 37 सीटें हैं.

वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, जम्मू क्षेत्र की जनसंख्या 53.72 लाख और कश्मीर की जनसंख्या 68.83 लाख है. नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता हसनैन मसूदी ने कहा कि आयोग के सुझावों पर पार्टी, दस्तावेजी साक्ष्य सहित अपनी आपत्ति अगले 10 दिन में दर्ज कराएगी.

तारिगामी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन कानून-2019 के तहत गठित परिसीमन आयोग स्वयं सवालों के घेरे में है, क्योंकि पुनर्गठन कानून को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई है. उन्होंने कहा, 'आयोग का गठन न्यायालय की अवमानना के समान है और जब मामला विचाराधीन है, तो भारत सरकार ऐसा कैसे कर सकती है.'

माकपा ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन कानून-2019 और अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को 'असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक' तरीके से समाप्त करने के खिलाफ 2019 में दायर रिट याचिका की शीघ्र सुनवाई के लिए हाल में शीर्ष अदालत में एक अर्जी दाखिल की है.

यह भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पहली बार अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित होंगी सीटें

तारिगामी ने कहा, 'हमने शीर्ष अदालत को यह सूचित किया है कि मामला विचाराधीन होने के बावजूद भारत सरकार अपरिवर्तनीय कदम उठा रही है, जो जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए नुकसानदेह हैं.'

कुशासन कारण जनता का विश्वास खोया

परिसीमन आयोग के सुझावों पर विपक्ष की आपत्ति पर भाजपा ने भी प्रतिक्रिया दी है. विपक्ष की आपत्तियों को खारिज करते हुए भारतीय जनता पार्टी की जम्मू कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रविंद्र रैना ने कहा है कि गुपकार घोषणापत्र गठबंधन (पीएजीडी/गुपकार) के वर्षों तक चले 'कुशासन' के कारण उन्होंने लोगों का समर्थन खो दिया है.

रैना ने कहा कि भाजपा लोगों को 'बांट नहीं रही बल्कि जोड़ रही' है जबकि गुपकार के नेता अपने क्षुद्र राजनीतिक लाभ के लिए लोगों के 'दिमाग में जहर भर' रहे हैं. जम्मू कश्मीर पर परिसीमन आयोग ने जम्मू के लिए छह अतिरिक्त सीटों तथा कश्मीर के लिए एक अतिरिक्त विधानसभा सीट का प्रस्ताव दिया है. इसके साथ ही अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लिए 16 निर्वाचन क्षेत्र आरक्षित किये गए हैं.

यह भी पढ़ें- केंद्र और क्षेत्रीय दलों के बीच 'चुभने' वाला मुद्दा है कश्मीर का परिसीमन

रैना ने कहा, 'परिसीमन आयोग ने दो साल बाद अपने सुझाव दिए हैं. इस दौरान आयोग के सदस्यों ने सभी राजनीतिक दलों के नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, जिला विकास और ब्लॉक विकास परिषद के सदस्यों, पंचों, सरपंचों से मुलाकात की और उपायुक्तों समेत सरकारी मशीनरी से आंकड़े एकत्र किये और तय मानदंडों पर काम किया.'

Last Updated : Dec 22, 2021, 7:12 AM IST
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