श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने केंद्र शासित प्रदेश में तब तक के लिए अतिक्रमण विरोधी अभियान पर रोक लगा दी है, जब तक कि वह छोटे जमींदारों और गरीबों की सुरक्षा के लिए कोई नीति नहीं बना लेता. कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार जम्मू और कश्मीर प्रशासन के मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता ने सभी उपायुक्तों और राजस्व अधिकारियों को अतिक्रमण विरोधी और बेदखली अभियान को फिलहाल रोकने के लिए कहा गया है.
एलजी प्रशासन जनवरी से राज्य और चरागाह भूमि पर अतिक्रमण विरोधी और बेदखली अभियान चला रहा था. इस बारे में बात करने के लिए जब सचिव राजस्व पीयूष सिंगला को ईटीवी भारत के द्वारा कॉल किए जाने के बाद भी उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया, वहीं जब मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता को इस बारे में जानने के लिए कॉल किया गया, तो उनका फोन बंद मिला. प्रशासन ने कश्मीर में चार लाख कनाल से अधिक राज्य और चरागाह भूमि को पुनः प्राप्त किया है, जबकि जम्मू क्षेत्र में 12 लाख कनाल से अधिक को पुनः प्राप्त किया गया है.
पढ़ें: New Lieutenant Governor Of Ladakh: लद्दाख के नए उपराज्यपाल बने सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर बी.डी. मिश्रा
अतिक्रमण विरोधी अभियानों के कारण कई स्थानों पर लोगों और जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक दलों ने विरोध किया, जिन्होंने कहा कि प्रशासन के अभियान गरीब और छोटे धारकों को मार रहे हैं. अधिकारियों ने कहा कि प्रशासन एक नई नीति लेकर आएगा, जिसके माध्यम से वह छोटे धारकों और गरीबों की रक्षा करेगा. अधिकारियों ने कहा कि अब तक प्राप्त की गई जमीन को एक अलग पोर्टल पर डाला जाएगा, जिसमें इस जमीन का पूरा डाटा रिकॉर्ड होगा.