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Jammu-Kashmir Amarnath Yatra: पवित्र छड़ी को दशनामी अखाड़ा मंदिर पुंछ में फिर से किया गया स्थापित - दशनामी अखाड़ा मंदिर

जम्मू-कश्मीर के पुंछ में सदियों से चली आ रही बूढ़े अमरनाथ मंदिर की यात्रा का समापन हो चुका है. भगवान शंकर और देवी पार्वती का स्वरूप चांदी की पवित्र छड़ी को दोबारा नगर स्थित राजगुरु गद्दी श्रीदशनामी अखाड़ा मंदिर स्थापित कर दिया गया है.

yatra to Old Amarnath Temple
बूढ़े अमरनाथ मंदिर की यात्रा
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 1, 2023, 6:47 PM IST

बूढ़े अमरनाथ मंदिर की यात्रा

पुंछ: सदियों से चली आ रही परंपरा को निभाते हुए गुरूवार को सुबह रक्षाबंधन के एक दिन बाद बूढ़े अमरनाथ मंदिर से भगवान शंकर और देवी पार्वती का स्वरूप चांदी की पवित्र छड़ी दोबारा नगर स्थित राजगुरु गद्दी श्रीदशनामी अखाड़ा मंदिर में लौट आई. राजगुरु गद्दी के श्रीदशनामी अखाड़ा मंदिर के महंत 1008 महामंडलेश्वर राजगुरु स्वामी विश्वात्मा नंद सरस्वती की अगुवाई में श्रीदशनामी अखाड़ा मंदिर में वैदिक मंत्रों के साथ पूजन के बाद छड़ी को मंदिर में अगले साल तक के लिए स्थापित कर दिया गया.

इसके साथ ही 2023 की बूढ़ा अमर नाथ यात्रा के साथ छड़ी यात्रा संपन्न हो गई. उल्लेखनीय है कि छड़ी यात्रा और बूढ़ा अमरनाथ यात्रा की पुरानी परंपरा निभाते हुए हर वर्ष की तरह रक्षाबंधन के दूसरे दिन सुबह 9 बजे बूढ़ा अमर नाथ मंदिर में चार दिन पहले स्थापित की गई.

पवित्र छड़ी को वैदिक मंत्रों के बीच चट्टानी स्वरुप शिवलिंग से उतार कर संतों और मंदिर समिति के सदस्यों ने राजगुरु गद्दी के श्रीदशनामी अखाड़ा मंदिर के महंत 1008 महामंडलेश्वर राजगुरु स्वामी विश्वात्मा नंद सरस्वती की अगुवाई में बूढ़े अमरनाथ मंदिर के बाहर लाया गया.

यहां पुलिस की तरफ से छड़ी को सलामी देकर पुंछ के लिए रवाना किया गया. करीब एक घंटे बाद जब छड़ी मुबारक श्री दशनामी अखाड़ा मंदिर के बाहर पहुंची, तो वहां पर जिला पुलिस द्वारा दोबारा से छड़ी मुबारक को गार्ड आफ ऑनर( सलामी) देकर स्वागत किया.

इसके बाद श्रीदशनामी अखाड़ा मंदिर में वैदिक मंत्रों के बीच छड़ी मुबारक का पूजन करते हुए, मंदिर में स्थापित किया गया. इस अवसर पर बड़ी संख्या में शिवभक्तों के अलावा जिला पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी विशेष तौर पर उपस्थित रहे और श्री बूढ़े अमरनाथ से पुंछ पहुंचने पर छड़ी यात्रा का सवागत किया गया.

बूढ़े अमरनाथ मंदिर की यात्रा

पुंछ: सदियों से चली आ रही परंपरा को निभाते हुए गुरूवार को सुबह रक्षाबंधन के एक दिन बाद बूढ़े अमरनाथ मंदिर से भगवान शंकर और देवी पार्वती का स्वरूप चांदी की पवित्र छड़ी दोबारा नगर स्थित राजगुरु गद्दी श्रीदशनामी अखाड़ा मंदिर में लौट आई. राजगुरु गद्दी के श्रीदशनामी अखाड़ा मंदिर के महंत 1008 महामंडलेश्वर राजगुरु स्वामी विश्वात्मा नंद सरस्वती की अगुवाई में श्रीदशनामी अखाड़ा मंदिर में वैदिक मंत्रों के साथ पूजन के बाद छड़ी को मंदिर में अगले साल तक के लिए स्थापित कर दिया गया.

इसके साथ ही 2023 की बूढ़ा अमर नाथ यात्रा के साथ छड़ी यात्रा संपन्न हो गई. उल्लेखनीय है कि छड़ी यात्रा और बूढ़ा अमरनाथ यात्रा की पुरानी परंपरा निभाते हुए हर वर्ष की तरह रक्षाबंधन के दूसरे दिन सुबह 9 बजे बूढ़ा अमर नाथ मंदिर में चार दिन पहले स्थापित की गई.

पवित्र छड़ी को वैदिक मंत्रों के बीच चट्टानी स्वरुप शिवलिंग से उतार कर संतों और मंदिर समिति के सदस्यों ने राजगुरु गद्दी के श्रीदशनामी अखाड़ा मंदिर के महंत 1008 महामंडलेश्वर राजगुरु स्वामी विश्वात्मा नंद सरस्वती की अगुवाई में बूढ़े अमरनाथ मंदिर के बाहर लाया गया.

यहां पुलिस की तरफ से छड़ी को सलामी देकर पुंछ के लिए रवाना किया गया. करीब एक घंटे बाद जब छड़ी मुबारक श्री दशनामी अखाड़ा मंदिर के बाहर पहुंची, तो वहां पर जिला पुलिस द्वारा दोबारा से छड़ी मुबारक को गार्ड आफ ऑनर( सलामी) देकर स्वागत किया.

इसके बाद श्रीदशनामी अखाड़ा मंदिर में वैदिक मंत्रों के बीच छड़ी मुबारक का पूजन करते हुए, मंदिर में स्थापित किया गया. इस अवसर पर बड़ी संख्या में शिवभक्तों के अलावा जिला पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी विशेष तौर पर उपस्थित रहे और श्री बूढ़े अमरनाथ से पुंछ पहुंचने पर छड़ी यात्रा का सवागत किया गया.

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