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जम्मू: कोविड-19 के कारण जम्मू में 'झिरी मेला' रद्द - बाबा जित्तू मंदिर जम्मू झिरी मेला

जम्मू का प्रसिद्ध झिरी मेला रद्द कर दिया गया है, हालांकि, श्रद्धालु पूजा कर सकते हैं. कोविड के कारण यह फैसला लिया गया है.

jhali mela
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Published : Nov 15, 2021, 10:30 PM IST

जम्मू: जम्मू में प्रशासन ने कोरोना महामारी के कारण बाबा जित्तू मंदिर में आयोजित होने वाले वार्षिक झिरी मेला को रद्द करने की सोमवार को घोषणा की. हालांकि प्रशासन ने कोविड संबंधी मानदंडों एवं नियमों के पालन के साथ श्रद्धालुओं को मंदिर में पूजा अर्चना करने की अनुमति प्रदान कर दी है.

जम्मू-अखनूर राजमार्ग पर स्थित झिरी गांव में कार्तिक पूर्णिमा के दौरान प्रति वर्ष नौ दिवसीय मेला का आयोजन किया जाता है.

ये पढ़ें: कश्मीर में मादक पदार्थों की तस्करी चरम पर, एक पीढ़ी के खोने की चेतावनी

मारह के उपजिलाधिकारी नसीर अली ने इस बात का जानकारी देते हुए कहा पिछले साल की तरह इस साल भी कोविड-19 के मद्देनजर झिरी मेला का आयोजन रद्द कर दिया गया है. हालांकि मंदिर में पूजा-अर्चना समेत अन्य सभी धार्मिक अनुष्ठान परंपरा के अनुसार ही होंगे और श्रद्धालुओं के पूजा-पाठ के लिए किसी प्रकार का प्रतिबंध नहीं रहेगा. लेकिन उन्हें कोविड-19 संबंधी तमाम दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करना होगा.

हर साल जम्मू, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और देश के अन्य हिस्सों से पांच लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा जित्तू के बलिदान की याद में आयोजित होने वाले इस मेले में दर्शन करने आते हैं. स्थानीय लोगों के अनुसार बाबा जित्तू एक किसान थे जिन्होंने लगभग 500 साल पहले जमींदारों की दमनकारी मांगों के विरोध में अपनी जान दे दी थी

(पीटीआई-भाषा)

जम्मू: जम्मू में प्रशासन ने कोरोना महामारी के कारण बाबा जित्तू मंदिर में आयोजित होने वाले वार्षिक झिरी मेला को रद्द करने की सोमवार को घोषणा की. हालांकि प्रशासन ने कोविड संबंधी मानदंडों एवं नियमों के पालन के साथ श्रद्धालुओं को मंदिर में पूजा अर्चना करने की अनुमति प्रदान कर दी है.

जम्मू-अखनूर राजमार्ग पर स्थित झिरी गांव में कार्तिक पूर्णिमा के दौरान प्रति वर्ष नौ दिवसीय मेला का आयोजन किया जाता है.

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मारह के उपजिलाधिकारी नसीर अली ने इस बात का जानकारी देते हुए कहा पिछले साल की तरह इस साल भी कोविड-19 के मद्देनजर झिरी मेला का आयोजन रद्द कर दिया गया है. हालांकि मंदिर में पूजा-अर्चना समेत अन्य सभी धार्मिक अनुष्ठान परंपरा के अनुसार ही होंगे और श्रद्धालुओं के पूजा-पाठ के लिए किसी प्रकार का प्रतिबंध नहीं रहेगा. लेकिन उन्हें कोविड-19 संबंधी तमाम दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करना होगा.

हर साल जम्मू, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और देश के अन्य हिस्सों से पांच लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा जित्तू के बलिदान की याद में आयोजित होने वाले इस मेले में दर्शन करने आते हैं. स्थानीय लोगों के अनुसार बाबा जित्तू एक किसान थे जिन्होंने लगभग 500 साल पहले जमींदारों की दमनकारी मांगों के विरोध में अपनी जान दे दी थी

(पीटीआई-भाषा)

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