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जामिया हिंसा के एक साल पूरे, 22 आरोपी हो चुके गिरफ्तार - Jamia Millia Islamia riots after one year

जामिया हिंसा को आज पूरा एक साल हो गया है. आज ही के दिन जामिया विश्वविद्यालय के बाहर छात्र सीएए के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे. आरोप है कि प्रदर्शन के दौरान अचानक कुछ प्रदर्शनकारी उग्र होकर पुलिस बल पर पथराव करने लगे. जिसके बाद पुलिस ने भी कैंपस में घुसकर छात्रों के साथ मारपीट की थी.

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जामिया हिंसा
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Published : Dec 15, 2020, 9:41 AM IST

नई दिल्ली: जामिया हिंसा को आज एक साल पूरा हो गया है. 15 दिसंबर, 2019 को दिल्ली में जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के बाहर एवं अंदर पुलिस और छात्रों के बीच झड़प हुई थी. छात्रों की तरफ से जहां पुलिस टीम पर पथराव किया गया था, तो वहीं पुलिस की तरफ से भी कैंपस में घुसकर छात्रों के साथ मारपीट की गई थी. अभी तक इस मामले में कुछ छात्रों सहित 22 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं. इनके खिलाफ आरोपपत्र भी दाखिल हो चुका है और अदालत में मामले की सुनवाई चल रही है.

15 दिसंबर, 2019 को जामिया मिल्लिया इस्लामिया के बाहर छात्र सीएए के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे. आरोप है कि प्रदर्शन के दौरान अचानक कुछ प्रदर्शनकारी उग्र होकर पुलिस बल पर पथराव करने लगे. पुलिस जब उनके पीछे गई तो सभी कैंपस में चले गए थे. कैंपस के अंदर से पुलिस पर पथराव किया गया था, जिसके चलते पुलिस ने भी कैंपस में घुसकर छात्रों को पीटा था.

इस घटना का कुछ सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था. जिसमें लगभग 150 लोग घायल हुए थे, जिनमें पुलिसकर्मी और छात्र शामिल थे. इस घटना के बाद ही 16 दिसंबर से शाहीन बाग का धरना शुरू हुआ था, जो 101 दिन चला.

22 आरोपी हो चुके गिरफ्तार
15 दिसंबर की इस हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस की तरफ से दंगे की एफआइआर दर्ज की गई थी. इसकी जांच क्राइम ब्रांच की इंटरस्टेट सेल द्वारा की जा रही है. क्राइम ब्रांच सूत्रों ने बताया कि इस मामले की जांच के दौरान अब तक उन्होंने 22 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें जामिया के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा, मीरान हैदर, जेएनयू छात्र शरजील इमाम एवं क्षेत्रीय नेता आशु खान शामिल हैं.

इस मामले में गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों को आरोप पत्र दाखिल होने के बाद अदालत से जमानत मिल चुकी है. पुलिस द्वारा दो पूरक आरोप पत्र भी दाखिल किए जा चुके हैं, जबकि जल्द ही एक अन्य पूरक आरोप पत्र दाखिल होने वाला है. फिलहाल इस मामले पर अदालत संज्ञान ले चुकी है और ट्रायल चल रहा है.

जामिया हिंसा की दिल्ली दंगे में भूमिका
राजधानी दिल्ली में फरवरी 2020 में हुए दंगों के लिए जामिया हिंसा को भी जिम्मेदार माना जाता है. दंगों को लेकर दाखिल किए गए आरोप पत्र में कई जगहों पर पुलिस ने इसका जिक्र किया है. उनका दावा है कि दिल्ली दंगों की साजिश जामिया हिंसा के समय से ही शुरू हो गई थी. वहां चल रहे प्रदर्शन के दौरान कुछ लोगों ने आपस में मिलकर दिल्ली दंगे की साजिश रची. इस साजिश को लेकर स्पेशल सेल द्वारा यूएपीए एक्ट का मामला दर्ज किया गया है. साजिश के इस मामले में लगभग एक दर्जन आरोपियों को स्पेशल सेल की टीम गिरफ्तार कर चुकी है. इनमें शरजील इमाम, उमर खालिद, आसिफ इकबाल तन्हा, मीरान हैदर और सफूरा जरगर शामिल हैं.

यह भी पढ़े:- दिल्लीः जामिया हिंसा मामले में जांच की मांग पर सुनवाई टली

अभी 70 आरोपियों की है पुलिस को तलाश
जामिया हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस की तरफ से एक पोस्टर जारी किया गया था, जिसमें लगभग 70 आरोपियों की तस्वीरें थी. क्राइम ब्रांच की तरफ से कहा गया था कि यह लोग जामिया हिंसा में शामिल हैं और इनके बारे में जानकारी देने वाले को इनाम दिया जाएगा. लेकिन इसके बावजूद इनमें से अधिकांश आरोपियों की पहचान नहीं हो सकी. यह तस्वीरें सीसीटीवी फुटेज एवं मोबाइल रिकॉर्डिंग के जरिये पुलिस द्वारा हासिल की गई थीं. लेकिन अभी तक उनके बारे में कोई सुराग नहीं मिल सका है.

नई दिल्ली: जामिया हिंसा को आज एक साल पूरा हो गया है. 15 दिसंबर, 2019 को दिल्ली में जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के बाहर एवं अंदर पुलिस और छात्रों के बीच झड़प हुई थी. छात्रों की तरफ से जहां पुलिस टीम पर पथराव किया गया था, तो वहीं पुलिस की तरफ से भी कैंपस में घुसकर छात्रों के साथ मारपीट की गई थी. अभी तक इस मामले में कुछ छात्रों सहित 22 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं. इनके खिलाफ आरोपपत्र भी दाखिल हो चुका है और अदालत में मामले की सुनवाई चल रही है.

15 दिसंबर, 2019 को जामिया मिल्लिया इस्लामिया के बाहर छात्र सीएए के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे. आरोप है कि प्रदर्शन के दौरान अचानक कुछ प्रदर्शनकारी उग्र होकर पुलिस बल पर पथराव करने लगे. पुलिस जब उनके पीछे गई तो सभी कैंपस में चले गए थे. कैंपस के अंदर से पुलिस पर पथराव किया गया था, जिसके चलते पुलिस ने भी कैंपस में घुसकर छात्रों को पीटा था.

इस घटना का कुछ सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था. जिसमें लगभग 150 लोग घायल हुए थे, जिनमें पुलिसकर्मी और छात्र शामिल थे. इस घटना के बाद ही 16 दिसंबर से शाहीन बाग का धरना शुरू हुआ था, जो 101 दिन चला.

22 आरोपी हो चुके गिरफ्तार
15 दिसंबर की इस हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस की तरफ से दंगे की एफआइआर दर्ज की गई थी. इसकी जांच क्राइम ब्रांच की इंटरस्टेट सेल द्वारा की जा रही है. क्राइम ब्रांच सूत्रों ने बताया कि इस मामले की जांच के दौरान अब तक उन्होंने 22 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें जामिया के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा, मीरान हैदर, जेएनयू छात्र शरजील इमाम एवं क्षेत्रीय नेता आशु खान शामिल हैं.

इस मामले में गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों को आरोप पत्र दाखिल होने के बाद अदालत से जमानत मिल चुकी है. पुलिस द्वारा दो पूरक आरोप पत्र भी दाखिल किए जा चुके हैं, जबकि जल्द ही एक अन्य पूरक आरोप पत्र दाखिल होने वाला है. फिलहाल इस मामले पर अदालत संज्ञान ले चुकी है और ट्रायल चल रहा है.

जामिया हिंसा की दिल्ली दंगे में भूमिका
राजधानी दिल्ली में फरवरी 2020 में हुए दंगों के लिए जामिया हिंसा को भी जिम्मेदार माना जाता है. दंगों को लेकर दाखिल किए गए आरोप पत्र में कई जगहों पर पुलिस ने इसका जिक्र किया है. उनका दावा है कि दिल्ली दंगों की साजिश जामिया हिंसा के समय से ही शुरू हो गई थी. वहां चल रहे प्रदर्शन के दौरान कुछ लोगों ने आपस में मिलकर दिल्ली दंगे की साजिश रची. इस साजिश को लेकर स्पेशल सेल द्वारा यूएपीए एक्ट का मामला दर्ज किया गया है. साजिश के इस मामले में लगभग एक दर्जन आरोपियों को स्पेशल सेल की टीम गिरफ्तार कर चुकी है. इनमें शरजील इमाम, उमर खालिद, आसिफ इकबाल तन्हा, मीरान हैदर और सफूरा जरगर शामिल हैं.

यह भी पढ़े:- दिल्लीः जामिया हिंसा मामले में जांच की मांग पर सुनवाई टली

अभी 70 आरोपियों की है पुलिस को तलाश
जामिया हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस की तरफ से एक पोस्टर जारी किया गया था, जिसमें लगभग 70 आरोपियों की तस्वीरें थी. क्राइम ब्रांच की तरफ से कहा गया था कि यह लोग जामिया हिंसा में शामिल हैं और इनके बारे में जानकारी देने वाले को इनाम दिया जाएगा. लेकिन इसके बावजूद इनमें से अधिकांश आरोपियों की पहचान नहीं हो सकी. यह तस्वीरें सीसीटीवी फुटेज एवं मोबाइल रिकॉर्डिंग के जरिये पुलिस द्वारा हासिल की गई थीं. लेकिन अभी तक उनके बारे में कोई सुराग नहीं मिल सका है.

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