बेंगलुरु: कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने सोमवार को जैन भिक्षु आचार्य हत्या मामले में बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की कोई जरूरत नहीं है. कर्नाटक पुलिस इस मामले की जांच करने में पूरी तरह से सक्षम है. वहीं, इस घटना पर बीजेपी ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया है.
पुलिस ने शनिवार (8 जुलाई) को बेलगावी जिले के चिक्कोडी में एक खेत में एक निष्क्रिय बोरवेल से दिगंबर संत के शरीर के हिस्से बरामद किए थे. साधु जिस आश्रम में रहते थे, उसके प्रबंधक ने उनके लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इस सिलसिले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. मंत्री परमेश्वर ने कहा, 'हमारी पुलिस विभाग सक्षम है, आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और जांच शुरू हो गई है.' मंत्री ने कहा, 'इसे सीबीआई या किसी अन्य को सौंपने की जरूरत नहीं है. हमारे विभाग की जांच पूरी होने के बाद सच्चाई सामने आ जाएगी. आरोप लगाना सही नहीं है. कानूनी कार्रवाई की जाएगी. पुलिस बिना किसी दबाव के मामले की जांच में जुटी है.'
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस हत्या को बेहद निंदनीय बताया है. उन्होंने जैन भिक्षु की हत्या घोर निंदा की. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि मामले में लीपापोती की गई. स्थानीय लोगों को उनके खिलाफ बर्गलाया गया. यह भी कहा गया कि जैन भिक्षु कुछ वित्तीय लेनदेन में शामिल थे. इस मामले को भटकाने की कोशिश की गई. इसे वित्तीय लेनदेन का रूप देने की कोशिश की गई. लोगों को आरोपियों को बचाने का शक है.
दबाव के बाद ही कर्नाटक सरकार सक्रिय हुई. यह गलत है. केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए.' केंद्रीय मंत्री ने रविवार को नवग्रह तीर्थ में गुणधर नंदी महाराज जैन मुनि से मुलाकात की थी और चिक्कोडी जैन संत के निधन पर शोक व्यक्त किया था. हत्या के बाद गुणधर नंदी महाराज ने कहा कि वह जैन मुनियों की सुरक्षा की मांग को लेकर आमरण अनशन करेंगे. जैन संत का अंतिम संस्कार रविवार को हिरेकोड़ी गांव में जैन परंपराओं के अनुसार किया गया.
(एएनआई)