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जेल अधिकारियों ने पार्थ चटर्जी के दो बार चावल देने की मांग को ठुकराया - जेल में चावल पार्थ चटर्जी

टीएमसी नेता पार्थ चटर्जी अभी जेल में बंद हैं. उन्होंने दोनों समय (दिन और रात) खाना में चावल की मांग की थी, लेकिन जेल अधिकारियों ने उन्हें सिर्फ एक ही समय चावल उपलब्ध करवाने की बात कही. सूत्रों ने कहा कि जेल में आने के बाद से चटर्जी पूरी तरह से खामोश हो गए हैं.

partha chatterjee
पार्थ चटर्जी
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Published : Aug 8, 2022, 6:51 PM IST

कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस के नेता और पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी प्रेसीडेंसी केंद्रीय सुधार गृह में बंद हैं. यहां के अधिकारियों ने चिकित्सकीय आधार पर दोनों समय के भोजन में चावल की मांग को खारिज कर दिया है. राज्य सुधार सेवा विभाग के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने कहा कि वर्षों से प्रथा के अनुसार, एक कैदी को दोपहर के भोजन में चावल और रात के खाने में रोटी दी जाती है.

उन्होंने कहा, 'हालांकि, चटर्जी ने अनुरोध किया कि चावल दोपहर और रात के खाने दोनों में परोसा जाए. लेकिन हम ऐसा करने में असमर्थ हैं क्योंकि एम्स-भुवनेश्वर के निर्देश के अनुसार, चटर्जी मधुमेह के रोगी हैं और इसलिए चावल का अत्यधिक सेवन उनके स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है. उन्हें रविवार को अन्य कैदियों की तरह मछली की पेशकश की गई थी, सुधार गृह नियमों के अनुसार कि रविवार को मांसाहारी भोजन परोसा जाता है.'

हालांकि, करोड़ों रुपये के पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) भर्ती घोटाले में गिरफ्तार चटर्जी के बार-बार अनुरोध के बाद, अधिकारियों ने उन्हें अपने सेल में एक खाट उपलब्ध कराने पर सहमति व्यक्त की है. इससे पहले उन्हें चार कंबल दिए गए थे. चटर्जी दो को गद्दे के रूप में और अन्य दो को तकिए के रूप में उपयोग कर रहे थे. चटर्जी ने बार-बार जेल अधिकारियों से उन्हें एक खाट उपलब्ध कराने का अनुरोध किया, क्योंकि शरीर की भारी संरचना और वजन के कारण, उन्हें जमीन पर सोने में समस्या थी. रविवार रात से उन्हें उनके सेल में एक खाट उपलब्ध कराई गई थी.

इसके अलावा जेल अधिकारियों ने पूर्व मंत्री के रूप में चटर्जी के साथ किसी अन्य विशेष व्यवहार से इनकार किया है. प्रेसीडेंसी केंद्रीय सुधार गृह के वार्ड नंबर 22 के सेल नंबर 2 में सीलिंग फैन लगाया गया है और टेबल फैन के लिए चटर्जी की याचिका को भी जेल अधिकारियों ने खारिज कर दिया था. सुधार गृह का यह विशेष वार्ड उच्च सुरक्षा वाला वार्ड है और जेल अधिकारी चौबीसों घंटे कड़ी निगरानी रखते हैं.

पता चला है कि शुक्रवार की रात इस जेल में आने के बाद से चटर्जी पूरी तरह से खामोश हो गए हैं और ज्यादातर समय आंखें बंद करके लेटे रहते हैं. उन्हें 18 अगस्त को फिर से पब्लिक मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा. उनकी करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी, जिन्हें अलीपुर महिला सुधार गृह में रखा गया है, को भी उसी दिन उसी अदालत में पेश किया जाएगा.

ये भी पढे़ं : पार्थ चटर्जी पर गुस्साई महिला ने दे मारी चप्पल, बोली- इसने गरीबों का पैसा खाया

कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस के नेता और पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी प्रेसीडेंसी केंद्रीय सुधार गृह में बंद हैं. यहां के अधिकारियों ने चिकित्सकीय आधार पर दोनों समय के भोजन में चावल की मांग को खारिज कर दिया है. राज्य सुधार सेवा विभाग के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने कहा कि वर्षों से प्रथा के अनुसार, एक कैदी को दोपहर के भोजन में चावल और रात के खाने में रोटी दी जाती है.

उन्होंने कहा, 'हालांकि, चटर्जी ने अनुरोध किया कि चावल दोपहर और रात के खाने दोनों में परोसा जाए. लेकिन हम ऐसा करने में असमर्थ हैं क्योंकि एम्स-भुवनेश्वर के निर्देश के अनुसार, चटर्जी मधुमेह के रोगी हैं और इसलिए चावल का अत्यधिक सेवन उनके स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है. उन्हें रविवार को अन्य कैदियों की तरह मछली की पेशकश की गई थी, सुधार गृह नियमों के अनुसार कि रविवार को मांसाहारी भोजन परोसा जाता है.'

हालांकि, करोड़ों रुपये के पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) भर्ती घोटाले में गिरफ्तार चटर्जी के बार-बार अनुरोध के बाद, अधिकारियों ने उन्हें अपने सेल में एक खाट उपलब्ध कराने पर सहमति व्यक्त की है. इससे पहले उन्हें चार कंबल दिए गए थे. चटर्जी दो को गद्दे के रूप में और अन्य दो को तकिए के रूप में उपयोग कर रहे थे. चटर्जी ने बार-बार जेल अधिकारियों से उन्हें एक खाट उपलब्ध कराने का अनुरोध किया, क्योंकि शरीर की भारी संरचना और वजन के कारण, उन्हें जमीन पर सोने में समस्या थी. रविवार रात से उन्हें उनके सेल में एक खाट उपलब्ध कराई गई थी.

इसके अलावा जेल अधिकारियों ने पूर्व मंत्री के रूप में चटर्जी के साथ किसी अन्य विशेष व्यवहार से इनकार किया है. प्रेसीडेंसी केंद्रीय सुधार गृह के वार्ड नंबर 22 के सेल नंबर 2 में सीलिंग फैन लगाया गया है और टेबल फैन के लिए चटर्जी की याचिका को भी जेल अधिकारियों ने खारिज कर दिया था. सुधार गृह का यह विशेष वार्ड उच्च सुरक्षा वाला वार्ड है और जेल अधिकारी चौबीसों घंटे कड़ी निगरानी रखते हैं.

पता चला है कि शुक्रवार की रात इस जेल में आने के बाद से चटर्जी पूरी तरह से खामोश हो गए हैं और ज्यादातर समय आंखें बंद करके लेटे रहते हैं. उन्हें 18 अगस्त को फिर से पब्लिक मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा. उनकी करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी, जिन्हें अलीपुर महिला सुधार गृह में रखा गया है, को भी उसी दिन उसी अदालत में पेश किया जाएगा.

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