ETV Bharat / bharat

जगदीप धनखड़ : किसान पुत्र और जाट नेता के रूप में NDA का मास्टर स्ट्रोक

उपराष्ट्रपति चुनाव में पश्चिम बंगाल के मौजूदा राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) एनडीए के उम्मीदवार होंगे. भाजपा ने उन्हें 'किसान पुत्र' करार दिया है. राजस्थान में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं ऐसे में वहां जन्मे और जाट समुदाय से आने वाले धनखड़ को उतारकर एनडीए ने मास्टर स्ट्रोक (master stroke) खेला है.

Jagdeep Dhankhar
जगदीप धनखड़
author img

By

Published : Jul 16, 2022, 10:38 PM IST

नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति पद के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ को भाजपा ने 'किसान पुत्र' करार दिया है. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने उपराष्ट्रपति पद के लिए किसान पुत्र और जाट नेता को उतारकर मास्टर स्ट्रोक खेला है. एनडीए न सिर्फ इस चुनाव में उनके किसान पुत्र और जाट नेता होने का फायदा उठाना चाहेगी, बल्कि उसकी नजर राजस्थान के विधानसभा चुनाव पर भी है. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में अपनी मौजूदा भूमिका से पहले 71 वर्षीय धनखड़ एक प्रसिद्ध वकील रहे हैं. उन्होंने राजस्थान में जाट समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का दर्जा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

आधिकारिक जानकारियों के अनुसार, जब धनखड़ छठी कक्षा में थे, तब वह 4-5 किलोमीटर पैदल चलकर एक सरकारी स्कूल जाते थे. क्रिकेट प्रेमी होने के साथ-साथ उनका झुकाव आध्यात्मिकता की ओर भी रहा है. धनखड़ की उम्मीदवारी का यह भी मतलब है कि लोकसभा और राज्यसभा दोनों के पीठासीन अधिकारी राजस्थान से होंगे, जहां वर्तमान में कांग्रेस की सरकार है. राजस्थान में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं.

उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार के नाम की घोषणा करते हुए भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा कि धनखड़ लगभग तीन दशकों से सार्वजनिक जीवन में हैं. साथ ही, उन्होंने जाट नेता को 'किसान पुत्र' करार दिया. दिलचस्प बात यह है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पिछली अखिल भारतीय बैठक भी धनखड़ के गृह जिले झुंझुनू में हुई थी. अपने समय के अधिकांश जाट नेताओं की तरह धनखड़ भी मूल रूप से देवीलाल से जुड़े हुए थे. तब युवा वकील रहे धनखड़ का राजनीतिक सफर तब आगे बढ़ना शुरू हुआ, जब देवीलाल ने उन्हें 1989 में कांग्रेस का गढ़ रहे झुंझुनू संसदीय क्षेत्र से विपक्षी उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा था और धनखड़ ने जीत दर्ज की.

गहलोत का प्रभाव बढ़ने पर भाजपा में शामिल हुए थे धनखड़ : धनखड़ 1990 में चंद्रशेखर के नेतृत्व वाली अल्पमत सरकार में केंद्रीय मंत्री बने. जब पीवी. नरसिंह राव प्रधानमंत्री बने तो वह कांग्रेस में शामिल हो गए. राजस्थान की राजनीति में अशोक गहलोत का प्रभाव बढ़ने पर धनखड़ भाजपा में शामिल हो गए और कहा जाता है कि वह जल्द वसुंधरा राजे के करीबी बन गए. धनखड़ का राजनीतिक सफर उस समय करीब एक दशक के लिए थम गया, जब उन्होंने अपने कानूनी करियर पर अधिक ध्यान केंद्रित किया. जुलाई 2019 में धनखड़ को पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया गया था और तब से राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आलोचना करने को लेकर वह अक्सर सुर्खियों में रहे हैं.

खेल प्रेमी के रूप में जाने जाते हैं धनखड़ : राजस्थान में झुंझुनू जिले के एक सुदूर गांव में किसान परिवार में जन्मे धनखड़ ने अपनी स्कूली शिक्षा सैनिक स्कूल, चित्तौड़गढ़ से पूरी की भौतिकी में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय से एलएलबी की उपाधि ली. धनखड़ ने राजस्थान उच्च न्यायालय और देश के उच्चतम न्यायालय, दोनों में वकालत की. 1989 के लोकसभा चुनाव में झुंझुनू से सांसद चुने जाने के बाद उन्होंने 1990 में संसदीय मामलों के राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया. 1993 में वह अजमेर जिले के किशनगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से राजस्थान विधानसभा पहुंचे. धनखड़ को एक खेल प्रेमी के रूप में भी जाना जाता है और वह राजस्थान ओलंपिक संघ और राजस्थान टेनिस संघ के अध्यक्ष रह चुके हैं.

पढ़ें- उपराष्ट्रपति चुनाव: जगदीप धनखड़ होंगे एनडीए के उम्मीदवार, पीएम मोदी ने दी बधाई

पढ़ें- Vice President Election 2022 : किसान परिवार में जन्मे धनखड़ ममता से टकराव को लेकर सुर्खियों में रहे

नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति पद के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ को भाजपा ने 'किसान पुत्र' करार दिया है. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने उपराष्ट्रपति पद के लिए किसान पुत्र और जाट नेता को उतारकर मास्टर स्ट्रोक खेला है. एनडीए न सिर्फ इस चुनाव में उनके किसान पुत्र और जाट नेता होने का फायदा उठाना चाहेगी, बल्कि उसकी नजर राजस्थान के विधानसभा चुनाव पर भी है. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में अपनी मौजूदा भूमिका से पहले 71 वर्षीय धनखड़ एक प्रसिद्ध वकील रहे हैं. उन्होंने राजस्थान में जाट समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का दर्जा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

आधिकारिक जानकारियों के अनुसार, जब धनखड़ छठी कक्षा में थे, तब वह 4-5 किलोमीटर पैदल चलकर एक सरकारी स्कूल जाते थे. क्रिकेट प्रेमी होने के साथ-साथ उनका झुकाव आध्यात्मिकता की ओर भी रहा है. धनखड़ की उम्मीदवारी का यह भी मतलब है कि लोकसभा और राज्यसभा दोनों के पीठासीन अधिकारी राजस्थान से होंगे, जहां वर्तमान में कांग्रेस की सरकार है. राजस्थान में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं.

उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार के नाम की घोषणा करते हुए भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा कि धनखड़ लगभग तीन दशकों से सार्वजनिक जीवन में हैं. साथ ही, उन्होंने जाट नेता को 'किसान पुत्र' करार दिया. दिलचस्प बात यह है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पिछली अखिल भारतीय बैठक भी धनखड़ के गृह जिले झुंझुनू में हुई थी. अपने समय के अधिकांश जाट नेताओं की तरह धनखड़ भी मूल रूप से देवीलाल से जुड़े हुए थे. तब युवा वकील रहे धनखड़ का राजनीतिक सफर तब आगे बढ़ना शुरू हुआ, जब देवीलाल ने उन्हें 1989 में कांग्रेस का गढ़ रहे झुंझुनू संसदीय क्षेत्र से विपक्षी उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा था और धनखड़ ने जीत दर्ज की.

गहलोत का प्रभाव बढ़ने पर भाजपा में शामिल हुए थे धनखड़ : धनखड़ 1990 में चंद्रशेखर के नेतृत्व वाली अल्पमत सरकार में केंद्रीय मंत्री बने. जब पीवी. नरसिंह राव प्रधानमंत्री बने तो वह कांग्रेस में शामिल हो गए. राजस्थान की राजनीति में अशोक गहलोत का प्रभाव बढ़ने पर धनखड़ भाजपा में शामिल हो गए और कहा जाता है कि वह जल्द वसुंधरा राजे के करीबी बन गए. धनखड़ का राजनीतिक सफर उस समय करीब एक दशक के लिए थम गया, जब उन्होंने अपने कानूनी करियर पर अधिक ध्यान केंद्रित किया. जुलाई 2019 में धनखड़ को पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया गया था और तब से राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आलोचना करने को लेकर वह अक्सर सुर्खियों में रहे हैं.

खेल प्रेमी के रूप में जाने जाते हैं धनखड़ : राजस्थान में झुंझुनू जिले के एक सुदूर गांव में किसान परिवार में जन्मे धनखड़ ने अपनी स्कूली शिक्षा सैनिक स्कूल, चित्तौड़गढ़ से पूरी की भौतिकी में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय से एलएलबी की उपाधि ली. धनखड़ ने राजस्थान उच्च न्यायालय और देश के उच्चतम न्यायालय, दोनों में वकालत की. 1989 के लोकसभा चुनाव में झुंझुनू से सांसद चुने जाने के बाद उन्होंने 1990 में संसदीय मामलों के राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया. 1993 में वह अजमेर जिले के किशनगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से राजस्थान विधानसभा पहुंचे. धनखड़ को एक खेल प्रेमी के रूप में भी जाना जाता है और वह राजस्थान ओलंपिक संघ और राजस्थान टेनिस संघ के अध्यक्ष रह चुके हैं.

पढ़ें- उपराष्ट्रपति चुनाव: जगदीप धनखड़ होंगे एनडीए के उम्मीदवार, पीएम मोदी ने दी बधाई

पढ़ें- Vice President Election 2022 : किसान परिवार में जन्मे धनखड़ ममता से टकराव को लेकर सुर्खियों में रहे

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.