श्रीनगर (उत्तराखंड): उत्तराखंड के चार धामों में से एक बदरीनाथ धाम में चल रहे बदरीनाथ मास्टर प्लान पर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने अपनी आपत्ति जताई है. उन्होंने इस मामले पर सीधे-सीधे केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा सरकारों को चलाने का कार्य राजनीतिक लोग करते हैं. अधिकारी व्यवस्था बनाने का कार्य करते हैं. लेकिन अब ये दोनों घटक धर्म में भी अपना हस्तक्षेप करके लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत कर रहे हैं.
शंकराचार्य ने आगे कहा, भगवान बदरीनाथ मंदिर का निर्माण धर्म शास्त्रों के अनुसार धर्म शास्त्रियों द्वारा किया गया. बदरीनाथ धाम में लोग पर्यटन की दृष्टि से नहीं आते. बल्कि आस्था के कारण आते हैं. ऐसे में यहां नवनिर्माण करना तर्क संगत नहीं है. अगर नवनिर्माण किया भी जा रहा है तो धर्म शास्त्रियों की राय लेनी चाहिए. लेकिन उनकी राय नहीं लेकर उनका अनादर किया जा रहा. परिणामस्वरूप बदरीनाथ में धर्म शास्त्री आंदोलन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर नव निर्माण से पर्यटन को बढ़ाने का किया किया जा रहा है तो ये नवनिर्माण तर्कविहीन है.
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गर्भ गृह की तस्वीर वायरल का मामला: वहीं, हाल ही केदारनाथ के गर्भ गृह की तस्वीर वायरल होने पर आहत होते हुए उन्होंने बिना नाम लिए कहा, जिन लोगों ने मंदिर के अंदर तस्वीरें ली, वे खुद को धर्म शास्त्री बताते हैं. उन्हें धर्म और मंदिर की मर्यादा का ख्याल रखना चाहिए था. आम लोगों द्वारा कभी मंदिर की गर्भ गृह की कोई तस्वीर नहीं ली गई. लेकिन जिनको धर्म की जानकारी थी, उनके द्वारा तस्वीर लेने का कार्य निंदनीय है.
केदारनाथ सोना विवाद पर कहा... केदारनाथ मंदिर के सोना विवाद पर उन्होंने कहा कि अब तो मंदिरों में भी चोरी होने लगी है. वो चोरी भी सरकार के सामने हो रही है. एक साल से सरकार जांच-जांच खेल रही है. लेकिन कोई ठोस जवाब नहीं दे पा रही है. मामले में अब तक मात्र लीपापोती के अलावा कुछ दिख नहीं रहा है. चोर चोरी करके चले गए और लोगों की आस्था आहत हुई है.
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