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हाईकोर्ट का आदेश, शादीशुदा होकर भी किसी से संबंध रखना अपराध नहीं

पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने विवाह और प्रेम संबंध को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा कि अगर जोड़े में से कोई एक पहले से विवाहित है तो भी उन्हें सुरक्षा से इनकार नहीं किया जा सकता है और यह कोई अपराध नहीं है.

हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
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Published : Sep 10, 2021, 12:37 AM IST

Updated : Aug 12, 2022, 6:18 AM IST

चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने विवाह और प्रेम संबंध को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने कहा कि शादीशुदा होने के बावजूद किसी अन्य से संबंध रखना अपराध नहीं है. ऐसे में उनको सुरक्षा देने से इनकार नहीं किया जा सकता है.

पंजाब में प्रेमी जोड़े की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए खन्ना के एसएसपी को आदेश देते हुए उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि अगर जोड़े में से कोई एक पहले से विवाहित है तो भी उन्हें सुरक्षा से इनकार नहीं किया जा सकता है और यह कोई अपराध नहीं है.

इस संबंध में प्रेमी जोड़े ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि उनमें से एक शादीशुदा है और उनका तलाक से जुड़ा मामला उच्च न्यायालय में लंबित है. दोनों सहमति से संबंध में हैं. प्रेमी की पत्नी और उनके घरवालों से प्रेमी जोड़े को जान का खतरा है. इसके साथ ही प्रेमी ने आरोप लगाया है कि पत्नी की शिकायत पर जोड़े को समराला के एसएचओ लगातार परेशान कर रहे हैं.

इस दौरान कोर्ट के समक्ष अनीता और अन्य बनाम उत्तर प्रदेश सरकार के मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय का एक आदेश रखा गया, जिसमें इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा था कि यदि जोड़े में से कोई एक भी पहले से विवाहित है तो उन्हें सुरक्षा नहीं दी जा सकती है. पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने कहा कि वह आदेश का सम्मान करता है, लेकिन वह इस आदेश से सहमत नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट पहले ही अनुच्छेद 497 को असंवैधानिक घोषित कर चुका है और ऐसी स्थिति में प्रेमी जोड़े को सुरक्षा से इनकार किया जा सकता है.

यह भी पढ़ें- गणेश चतुर्थी से पहले कांबे गांव को टैंकरों से पानी उपलब्ध कराए सरकार : अदालत

हाईकोर्ट ने कहा कि उसकी नजर में जोड़े का आपसी सहमति संबंध रहना किसी भी स्थिति में गैरकानूनी नहीं है. हाईकोर्ट ने इस मामले में पंजाब सरकार और अन्य को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा है. इसके साथ ही कोर्ट ने खन्ना के एसएसपी को प्रेमी जोड़े की सुरक्षा को सुनिश्चित करने का आदेश दिया है.

चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने विवाह और प्रेम संबंध को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने कहा कि शादीशुदा होने के बावजूद किसी अन्य से संबंध रखना अपराध नहीं है. ऐसे में उनको सुरक्षा देने से इनकार नहीं किया जा सकता है.

पंजाब में प्रेमी जोड़े की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए खन्ना के एसएसपी को आदेश देते हुए उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि अगर जोड़े में से कोई एक पहले से विवाहित है तो भी उन्हें सुरक्षा से इनकार नहीं किया जा सकता है और यह कोई अपराध नहीं है.

इस संबंध में प्रेमी जोड़े ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि उनमें से एक शादीशुदा है और उनका तलाक से जुड़ा मामला उच्च न्यायालय में लंबित है. दोनों सहमति से संबंध में हैं. प्रेमी की पत्नी और उनके घरवालों से प्रेमी जोड़े को जान का खतरा है. इसके साथ ही प्रेमी ने आरोप लगाया है कि पत्नी की शिकायत पर जोड़े को समराला के एसएचओ लगातार परेशान कर रहे हैं.

इस दौरान कोर्ट के समक्ष अनीता और अन्य बनाम उत्तर प्रदेश सरकार के मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय का एक आदेश रखा गया, जिसमें इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा था कि यदि जोड़े में से कोई एक भी पहले से विवाहित है तो उन्हें सुरक्षा नहीं दी जा सकती है. पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने कहा कि वह आदेश का सम्मान करता है, लेकिन वह इस आदेश से सहमत नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट पहले ही अनुच्छेद 497 को असंवैधानिक घोषित कर चुका है और ऐसी स्थिति में प्रेमी जोड़े को सुरक्षा से इनकार किया जा सकता है.

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हाईकोर्ट ने कहा कि उसकी नजर में जोड़े का आपसी सहमति संबंध रहना किसी भी स्थिति में गैरकानूनी नहीं है. हाईकोर्ट ने इस मामले में पंजाब सरकार और अन्य को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा है. इसके साथ ही कोर्ट ने खन्ना के एसएसपी को प्रेमी जोड़े की सुरक्षा को सुनिश्चित करने का आदेश दिया है.

Last Updated : Aug 12, 2022, 6:18 AM IST
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