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पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में लाना चाहिए: सदानंद गौड़ा - नैनो यूरिया लॉन्च इवेंट

केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने कहा कि पेट्रोल पर जीएसटी के दायरे में लाना अच्छा रहेगा. पढ़ें पूरी खबर...

डीवी सदानंद गौड़ा
डीवी सदानंद गौड़ा
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Published : Jun 12, 2021, 9:22 PM IST

बेंगलुरू : केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी पर बात की. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेट्रोल की कीमतें बढ़ रही हैं इसलिए पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में लाना अच्छा होगा.

डीवी सदानंद गौड़ा ने बेंगलुरू में नैनो यूरिया लॉन्च इवेंट में कहा कि जीएसटी स्वायत्त निकाय है. यह हमारे नियंत्रण से बाहर है. वित्त मंत्री रहेंगी, इसे वहीं तय किया जाएगा.

प्राकृतिक खाद का उपयोग करने का निर्णय

रासायनिक उर्वरकों के कारण प्रजनन क्षमता में कमी हो रही है. यह खाद्य उत्पादन के लिए आवश्यक था. हालांकि पैदावार में भी गिरावट आ रही है. मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिया गया है. उन्होंने कहा कि हमने रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करने और जैविक और प्राकृतिक उर्वरकों का उपयोग करने का फैसला किया है.

पढ़ें :- अगले आठ-दस साल तक पेट्रोल व डीजल को जीएसटी में लाना संभव नहीं : सुशील मोदी

उन्होंने कहा, यूरिया की कीमतें 420 रुपये तक बढ़ी हैं. पांच यूरिया संयंत्रों में 12.7 लाख मीट्रिक टन यूरिया का उत्पादन करने के लिए कदम उठाए जाएंगे. किसान को उत्पादन बढ़ाने की जरूरत है. उत्पादन की लागत कम होनी चाहिए. नैनो उर्वरक का उत्पादन आवश्यक है और राज्य में उत्पादन के लिए संयंत्र स्थापित किया गया है.

बेंगलुरू : केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी पर बात की. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेट्रोल की कीमतें बढ़ रही हैं इसलिए पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में लाना अच्छा होगा.

डीवी सदानंद गौड़ा ने बेंगलुरू में नैनो यूरिया लॉन्च इवेंट में कहा कि जीएसटी स्वायत्त निकाय है. यह हमारे नियंत्रण से बाहर है. वित्त मंत्री रहेंगी, इसे वहीं तय किया जाएगा.

प्राकृतिक खाद का उपयोग करने का निर्णय

रासायनिक उर्वरकों के कारण प्रजनन क्षमता में कमी हो रही है. यह खाद्य उत्पादन के लिए आवश्यक था. हालांकि पैदावार में भी गिरावट आ रही है. मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिया गया है. उन्होंने कहा कि हमने रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करने और जैविक और प्राकृतिक उर्वरकों का उपयोग करने का फैसला किया है.

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उन्होंने कहा, यूरिया की कीमतें 420 रुपये तक बढ़ी हैं. पांच यूरिया संयंत्रों में 12.7 लाख मीट्रिक टन यूरिया का उत्पादन करने के लिए कदम उठाए जाएंगे. किसान को उत्पादन बढ़ाने की जरूरत है. उत्पादन की लागत कम होनी चाहिए. नैनो उर्वरक का उत्पादन आवश्यक है और राज्य में उत्पादन के लिए संयंत्र स्थापित किया गया है.

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