अहमदाबाद : गुजरात और पूरे देश में महामारी की स्थिति प्रतिदिन विकराल होती जा रही है. अहमदाबाद की सैन्ट्रल जेल में 50 बेड का आइसोलशन वार्ड बनाया गया है जहां अभी 37 कैदियों का इलाज चल रहा है.
ईटीवी भारत को फोन पर दिए गए एक इंटरव्यू में, अहमदाबाद सैन्ट्रल जेल केे पुलिस उप अधीक्षक (Deputy Superintendent of Police) डी.वी.राणा (DV Rana) ने कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए जेल में सभी इंतजाम किए गए हैं. सभी कोरोना वायरस कैदियों को सिविल अस्पताल या सामरस कोविड कैयर सैंटर भेजा जा रहा है, जबकि जिनको कोविड के लक्षण दिख रहे है लेकिन टेस्ट नगेटिव आया है उन्हें एतिहात के तौर पर 14 दिन के लिए जेल के अंदर आइसोलेशन में रखा गया है. बता दें अहमदाबाद की जेल में सबसे ज्यादा संख्या में कैदी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं.
राजकोट में, 29 कैदी और 5 जेल कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव
हर दिन कोरोना के 500 से ज्यादा नए मामलें मिलने के साथ राजकोट में भी महामारी तेजी से फैल रही है. सैंट्रल जेल के 29 कैदियों और 5 जेल कर्मचारी घातक कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं. संक्रमित कैदियों को क्वारंटाइन रखने के लिए जेल में एक अलग हॉल बनाया गया है ताकि वह दूसरे कैदियों में संक्रमण ना फैला सके. कोई भी कैदी जिसमें कोरोना के लक्षण दिख रहे है उनका रपिड टेस्ट किया जाता है. कोरोना पॉजिटिव कैदियों को इलाज के लिए सिविल अस्पताल भेज दिया जाता है और उसके बाद उसे सिविल निकाय के रैन बसेरे में क्वारंटाइन कर दिया जाता है.
जूनागढ़ में दो मरीजों की मौत, दो का इलाज जारी
कोरोना महामारी ने जूनागढ़ जिला जेल के अंदर भी कदम रख चुका है. 421 ट्रायल कैदियों में से तीन वायरस से संक्रमित पाए गए. एक कैदी जिसे सांस लेने में कठिनाई की शिकायत हो रही थी, उसे सिविल अस्पताल ले जाया गया. वहां उसके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई. लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
इससे तीन दिन पहले एक अन्य कैदी की भी कोविड-19 से मौत हो गई थी, जबकि दो अन्य चिकित्सा उपचार से गुजर रहे थे. आने वाले दिनों में कैदियों का टेस्ट और टीकाकरण किया जाएगा. हालांकि यह तो टेस्ट के बाद ही जेल में संक्रमित कैदियों की सही संख्या का पता चल सके.
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जामनगर जेल में कोई भी कोरोना पॉजिटिव कैदी नहीं
जेल अधीक्षक (Jail Superintendent) एस केडेजा (S Jadeja) के अनुसार, जामनगर जिला जेल में 360 कैदियों में से कोई भी अब तक पॉजिटिव नहीं पाया गया है. स्वास्थ्य विभाग अक्सर जेल में टेस्ट करता रहता है. जो भी कैदी बीमार पड़ता है, उसे इलाज के लिए जीजी अस्पताल भेजा जाता है, जहां उसे कोरोना के लिए भी टेस्ट किया जाता है. जिला जेल के दो कैदी 20 दिन पहले कोरोना पॉजिटिव पाए गए थें. जीजी अस्पताल में उनका इलाज किया गया और अब उनकी रिपोर्ट नगेटिव आई है.